अध्यात्म
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विषयों का चिंतन भी पतन का कारण
श्रीमद् भगवत गीता का प्रबोध-12 जिस तरह मर्यादा पुुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र को लेकर कहा गया है कि ‘हरि…
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मेरे और तेरे के भेद से हुआ महाभारत
श्रीमद् भगवत गीता का प्रबोध-1 जिस तरह मर्यादा पुुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र को लेकर कहा गया है कि ‘हरि…
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सारे तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार
कहते हैं सारे तीर्थ बार-बार गंगासागर एक बार। गंगासागर में मकर संक्रान्ति पर प्रतिवर्ष बहुत विशाल मेला भरता है।…
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रामायण का तात्विक अर्थ
पाप का फल ही दुख नहीं है। पुण्यमिश्रित फल भी विघ्न है। ऐसा कौन सा इनसान है जिसको संसार…
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गीता के पढ़ने और सुनने से भी मुक्ति
गीता-माधुर्य-35 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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ज्ञान, कर्म व कर्ता के भेद
गीता-माधुर्य-33 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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दान व तप के भी हैं तीन प्रकार
गीता-माधुर्य-32 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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आसुरी सम्पत्ति वाले के लक्षण
गीता-माधुर्य-30 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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दैवी संपत्ति वाले के लक्षण
गीता-माधुर्य-29 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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अज्ञान से उत्पन्न होता तमोगुण
गीता-माधुर्य-27 योगेश्वर कृष्ण ने अपने सखा गांडीवधारी अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में जब मोहग्रस्त देखा, तब कर्मयोग, ज्ञानयोग…
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