क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी धातु की वस्तु निर्जीव वस्तु को भी सजा दी जा सकती है। नहीं न, लेकिन यह एक प्रामाणिक सत्य है कि रूस के एगलिस नामक शहर में एक चर्च के घंटे को शहर निकाला की सजा दी गयी थी। दरअसल सन् 1951 में वहां के तत्कालीन शासक के विरुद्ध हुए एक विद्रोह के दौरान विद्रोहियों ने इसे बजाकर लोगों को वहां बुलाया था। विद्रोह के समाप्त होने पर सबके साथ इस घंटे को भी सजा के तौर पर साइबेरिया भेज दिया गया था। बाद में सन् 1890 में इसकी सजा माफ कर दी गयी और अब यह बोलस्क नामक शहर के एक चर्च में दंगा हुआ है।
Supub
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