राधा की रसोईहोलिकोत्सव पर विशेष

मूंग की तली हुई दाल

मूंग की तली हुई दाल

सामग्री:  मूंग की धुली दाल 250 ग्राम, नमक पिसा हुआ एक छोटी चम्मच, घी तलने योग्य।
विधि: मूंग की धुली दाल को छानकर बीन लें ताकि उसमें कोई कंकर इत्यादि न रहने पाएं अब इस दाल को रात भर पानी में भीगी रहने दें। दूसरे दिन प्रातः पानी से निकालकर आंटा छानने की छलनी में डालें ताकि इसमें जो पानी शेष हर गया हो वह निकल जाय। अब किसी चारपाई या फर्श पर मोटा कपड़ा बिछा कर दाल उसके ऊपर फैला दें और इसी प्रकार का एक अन्य मोटा कपड़ा इस दाल के ऊपर ढक दें। इस तरह से दाल में लगा शेष पानी यह कपड़ा सोख लेगा। थोड़ी देर बाद ऊपर ढका हुआ कपड़ा हटा दें ताकि दाल को हवा लग सके।
अब कढ़ाही में घी डालकर उसे तेज गरम कर लें। यह कढ़ाई लोहे की होनी चाहिए अन्यथा दाल ठीक तथा दोनों हाथों को आपस में मसलकर दाल को बखेर-बखेरकर घी में छोड़ दें। दाल डालते ही घी तत्काल ऊपर की ओर उफान-सा लेगा और उसमें झाग ही झाग सा दिखाई देगा। जोकि कुछ देर स्वतः ही बैठ जायेगा। जब घी में उठे झाग स्वतः ही बैठ जाय और उसमें डाली गयी दाल ठीक तली हुई दिखाई पड़े तो उसे झरनी आदि की सहायत से किसी छलनी में डाल दें, ताकि उसमें लगा फालतू घी छलनी के छेदों में से टपक कर नीचे रखे बर्तन में जमा हो जाय। इसी क्रम में थोड़ी-थोड़ी करके आवश्यकतानुसार मात्रा में सारी दाल तल लें और उसे इकट्ठी कर लें । अभी भी दाल के साथ काफी मात्रा में घी लगा हुआ मिलेगा जोकि छलनी में डालने पर निचुड़ता नहीं। अतः इस फालतू घी को अलग करने के लिए इस अखबार के किसी बड़े कागज पर फैला दें। लगभग दस-दस मिनट बाद इसे उलट-पुलट दें इस उपाय को काम में लाने से दाल मंे लगा फालतू घी कागज पर लग जायेगा और दला लगभग बिल्कुल खुश्क हो जायेगी। अब उसमें नमक व चाट मसाला मिलकार शीशी आदि में भर लें। स्वादिष्ट दाल तैयार है।

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