हिमाचल के मंदिर न्यासों, समितियों से योजनाओं के लिए नहीं मांगा पैसा: सुक्खू

शिमला। राज्य सरकार ने मंदिर समितियों, न्यासों से मुख्यमंत्री सुखाश्रय और सुख शिक्षा योजना के लिए आर्थिक सहयोग के लिए कोई निवेदन नहीं किया है। मंदिर न्यासों की ओर से मेधावी बच्चों की पढ़ाई, गरीब लड़कियों की पढ़ाई आदि पर सहायता दी जा रही है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर के भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल और सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार की ओर से मंदिर ट्रस्ट के बारे में प्रश्न के उत्तर में दी। सीएम की ओर से सदन के के पटल पर लिखित जवाब दिया गया कि प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने एक पत्र से सभी आयुक्त मंदिर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि मंदिर न्यासों की ओर से धर्मार्थ गतिविधियों तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही धनराशि के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष एवं सुख शिक्षा कोष में अंशदान देने पर विचार किया जा सकता है। यह केवल एक स्वैच्छिक विकल्प के रूप में है। कोई निर्देश अथवा आदेश नहीं है। यह अंशदान देते समय सभी मंदिर न्यासों को इस आशय के प्रस्तावों को ट्रस्ट की बैठक में पारित करने और हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवं पूर्त विन्यास अधिनियम 1984 के संबंधित अनुभाग में वर्णित प्रावधानों का सख्ती से पालन करने की शर्त लगाई गई है।