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रियल एस्टेट निवेशकों को लुभा रहा इंदौर का सुकून, 5 हजार करोड़ का निवेश

इंदौर। अच्छा खानपान, खुशनुमा मौसम, बेहतर शिक्षा, अच्छा इलाज, रोजगार के अवसर… साथ ही सबको अपने में समाहित करने वाली मालवा की संस्कृति। रहने के लिए इससे बेहतर और कौन-सी जगह होगी। शायद इसीलिए मध्य भारत का सबसे तेजी से विकसित होता शहर इंदौर रियल एस्टेट कारोबारियों और निवेशकों को भी लुभा रहा है। कुछ समय पहले तक रिंग रोड और बायपास रोड के बीच विकसित होता शहर अब आसपास के गांवों तक विस्तार लेता जा रहा है। इंदौर में इस समय लगभग 500 आवासीय प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश है।
इंदौर ही नहीं, मुंबई, दिल्ली, पुणे, नागपुर के निवेशक भी यहां जमीन लेकर आवासीय प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। कोई कंपनी खुद का प्रोजेक्ट लेकर आई है तो कुछ ने इंदौर के निवेशकों के साथ भागीदारी की है। वैसे तो शहर के चारों ओर विकास हो रहा है, लेकिन इंदौर-उज्जैन रोड पर इस समय सर्वाधिक रुझान है। दूसरी तरफ बायपास रोड से तीन किलोमीटर दूर तक के गांवों में भी कालोनियां विकसित होने लगी हैं। सुपर कारिडोर के पार गांवों तक भी निवेशक पहुंच चुके हैं। घर या फ्लैट खरीदने वाले भी अपने बजट के अनुसार टाउनशिप और कालोनी में जा रहे हैं। कुछ साल पहले तक लोग बायपास रोड के पार जाना पसंद नहीं करते थे, लेकिन अब कम बजट के खरीदार वहां तक जाने लगे हैं। यही नहीं बड़ा प्लाट चाहने वाले और शहर के कोलाहल से दूर रहने वाले कई संपन्न लोग भी बायपास के दूसरी तरफ बंगले बनाते जा रहे हैं।
मेडिकल क्षेत्र में इंदौर देश के नक्शे पर तेजी से उभर रहा है। कुछ दशक पहले तक यहां के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, चौन्नई दौड़ना पड़ता था लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। बड़े-बड़े कार्पोरेट अस्पताल इंदौर में कामकाज करना चाहते हैं। कुछ तो यहां आ भी चुके हैं और कुछ बहुत जल्दी आने की तैयारी में हैं। यहां के अस्पतालों में हर गंभीर बीमारी का अत्याधुनिक उपचार उपलब्ध है। इंदौर को प्रदेश की आर्थिक राजधानी के साथ-साथ अब मेडिकल राजधानी के रूप में पहचान मिलने लगी है। मेडिकल टूरिज्म यहां तेजी से विकसित हो रहा है। देश ही नहीं विदेशों से भी मरीज यहां इलाज कराने आने लगे हैं।

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