सायबर सुरक्षा में प्रशिक्षित युवा सायबर सुरक्षा दूत की तरह कार्य करें: मंत्री भूरिया

भोपाल। सायबर क्राइम के दौर का नवीनतम और खतरनाक क्राइम हो गया है। वर्तमान में आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल हो रहा है। सायबर क्राइम से बचने का एकमात्र तरीका जागरूकता और सतर्कता है। महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया रही थी। मंत्री भूरिया ने कहा कि म.प्र. राज्य महिला आयोग और रिस्पॉन्सिबल नेटिज्म संस्था मुम्बई के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवाओं में साइबर वेलनेस के बारे में जागरूकता एवं सुरक्षित डिजिटल परिदृश्य को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला सायबर अपराधों से समाज को सुरक्षित करने का अभिनव प्रयास है। मोबाइल के बढ़ते उपयोग से लोगों के काम तो आसान हुए है। लेकिन कहीं न कहीं इससे उनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हुए हैं। सायबर क्राइम के सबसे ज्यादा सॉफ्ट टारगेट बुजुर्ग, महिला और बच्चे है।
मंत्री भूरिया ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग का लक्ष्य बच्चों, युवाओं और महिलाओं को सायबर सुरक्षित बनाना है। इससे न केवल सायबर वेलनेस को बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवाओं में ऑनलाइन संकट को रोकने की क्षमता को विकसित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि युवतियों और महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते सायबर अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में भारत का ष्पहला सायबर वेलनेस सेलष् लांच किया गया है। मंत्री भूरिया ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे प्रदेश के बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि इस कान्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन सुरक्षा, सायबर धमकी और ऑनलाइन यौन अपराधों जैसे सायबर खतरों को रोकने के लिये इस सम्मेलन में युवाओं को जिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोग पर शिक्षित किया जाएगा।