लेखक की कलम

बिल गेट्स फाउंडेशन का आकलन

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

अपने मुंह मिया मिट्ठू तो बहुत होते हैं लेकिन जब कोई दूर-दराज का व्यक्ति या संस्था तारीफ करे तो उसको नजरंदाज नहीं किया जा सकता। उत्तर प्रदेश मंे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दावा किया था कि उसने कोरोना काल मंे बेहतर व्यवस्था की थी। उस समय भी विपक्षी राजनीतिक दलों ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। अपने आरोप की पुष्टि मंे गंगा मंे बहते हुए शव का वीडियो दिखाया। हालांकि इसके बाद ही उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए। प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा को पुनः सरकार बनाने का अवसर दिया। प्रदेश की राजनीति में 37 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई हो। जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पार्टी को विभिन्न कसौटियों पर कसा होगा। इसमंे कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश सरकार की व्यवस्था भी शामिल थी। इसलिए योगी सरकार को पहला प्रमाण पत्र तो प्रदेश की जनता ने ही विधानसभा चुनाव मंे दे दिया था। अब बिल एण्ड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने भी यूपी की योगी सरकार को कोविड के दौरान व्यवस्था को अमेरिका से भी बेहतर बताया है। बिलगेट्स फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने अमेरिका का जिक्र इसलिए किया क्योंकि संसाधनों की तुलना मंे उत्तर प्रदेश अमेरिका के सामने कहीं नहीं ठहरता है। इसके बावजूद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना काल मंे बेहतर व्यवस्था की है तो यह सरकार की निश्चित रूप से एक उपलब्धि है।
बिलगेट्स फाउंडेशन के सीईओ माक्र्स सुजमैन और उनकी टीम ने गत 9 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ मंे मुलाकात की। माक्र्स सुजमैन ने उत्तर प्रदेश की सराहना करते हुए कहा कि वे बहुत सारे देशों मंे कार्य करते हैं। सभी देशों के कोविड प्रबंधन को देखा है और यह कहना उचित होगा कि भारत खासकर उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन अमेरिका के कोविड मैनेजमेंट से कहीं बेहतर रहा। उन्हांेने कहा कि यूपी में सघन जनसंख्या घनत्व और विविध सामाजिक चुनौतियों का सामना यहां के नेतृत्व ने किया होगा, वो अत्यंत सराहनीय है। यहां पर ध्यान देने की बात है कि 25 करोड़ के लगभग आबादी वाले इस प्रदेश मंे 33 करोड़ से अधिक कोविड टीके उत्तर प्रदेश मंे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिलगेट्स फाउंडेशन की टीम को बताया कि इंसेफेलाइटिस सहित विभिन्न जल जनित बीमारियों, कोविड प्रबंधन सहित लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमें यूनिसेफ, डब्ल्यू एचओ (वल्र्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन) विल एण्ड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और पाथ जैसी वैश्विक संस्थाओं से अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परस्पर सहयोग से आगे भी ऐसे ही प्रयास किये जाएंगे। सभी के प्रयास से ही यह संभव हो सका कि प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी कोविड के टीके लगाए जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिलगेट्स फाउंडेशन से यह भी अपेक्षा की है कि यह संस्था प्रदेश मंे योग्य एवं कुशल प्रोफेशनल नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिक्स तैयार करने के लिए राज्य सरकार का सहयोग करेगी। उन्हांेने कहा कि स्वयं सहायता समूह को और मजबूत करने में बिलगेट्स फाउंडेशन सरकार का सहयोग कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना है। हम एक जिला एक उत्पाद के तर्ज पर एक जिला एक मेडिकल कालेज भी स्थापित करने जा रहे हैं। स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की सक्रियता भी किसी से छिपी नहीं है। वे जिस प्रकार अस्पतालों में दौरा करके स्वयं व्यवस्था को देख रहे हैं, उससे जहां कहीं शिथिलता थी, उसे दूर किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना प्रबंधन के मुरीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं थे। मुख्यमंत्री के कोरोना मैनेजमेंट की चर्चा विदेशों में भी हो रही थी। ऑस्ट्रेलियाई सांसद सांसद क्रेग कैली के बाद आस्ट्रेलिया सरकार में मंत्री जेसन वुड ने कोविड प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारिफ की थी। मंत्री जेसन वुड कोविड प्रबंधन पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक थे।
जेसन वुड ने ट्वीट कर लिखा कि ‘हम उत्तर प्रदेश के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। संस्कृति और विकास के संवर्धन के लिए हम लोग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ काम करेंगे।’ कोविड 19 प्रबंधन के लिए योगी के यूपी मॉडल से प्रेरित होकर उन्होंने आगे लिखा कि ‘सीएम योगी को धन्यवाद। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुझे अपना संदेश दिया। इस कठिन समय में उत्तर प्रदेश सरकार के कोविड नियंत्रण प्रयासों की तो सभी लोग सराहना करें।’ 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रिपल ‘टी’ यानी ट्रैक, टेस्ट एंड ट्रीट फॉर्मूला दिया था। इसी फॉर्मूले की वजह से कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सका। यही वजह थी कि 24 घंटों में प्रदेश के 32 जिलों में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। जबकि 59 जिलों में संक्रमण का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया। कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार की नीतियों को मुम्बई हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट, डब्ल्यूएचओ ने भी सराहा था।
डब्ल्यूएचओ ने 10 हजार घरों तक पहुंचकर योगी के कोविड मैनेजमेंट का मॉडल देखा। हालात देखकर संगठन योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट का कायल हो गया। ग्रामीण इलाकों में 60 हजार से ज्यादा निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य कोरोना के सामने दीवार बन कर खड़े हुए थे। गांवों में घर-घर स्वास्थ्य विभाग की 1.41 लाख टीमें जाकर जांच कर रही थीं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल में ही उनका सबसे बड़ा निवेश चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रहा। यूपी की 23 करोड़ आबादी के लिए वर्ष 2017 में सिर्फ 12 राजकीय मेडिकल कालेज थे। चार साल में ही योगी सरकार ने सूबे को 30 नए मेडिकल कॉलेज देकर चिकित्सा शिक्षा में प्रदेश को मालामाल कर दिया। इनमें से सात कॉलेजों में सत्र शुरू हो गया है। यूपी में कोरोना वायरस से मुकाबले में सीएम योगी और उनकी टीम ने जो काम किया उसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित पूरी दुनिया ने की। (हिफी)

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