दिल्ली में भाजपा ने भी खोला पिटारा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
राजनीति की दिशा और दशा बेहतर होने की उम्मीद दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। चुनाव के समय पिटारा खोलकर मतदाताओं को लालच देने का सिलसिला भले ही दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु से शुरू हुआ था लेकिन अब उत्तर भारत के राज्यों में भी सभी राजनीतिक दल पिटारा खोलकर खड़े हो जाते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के बाद कांग्रेस ने पिटारा खोला था और अब 17 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र में भी मुफ्त की रेवड़ी देने का आश्वासन दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया है। इसमंे मुफ्त बांटने की योजनाओं की झड़ी लगा दी गयी है। भाजपा ने तीन भागों मंे संकल्प पत्र जारी करने की बात कही है। इसका मतलब अभी पहले भाग मंे जो वादे किये गये हैं, उससे आगे भी काफी कुछ मिल सकता है। पहले भाग मंे ही पार्टी ने बुजुर्गों और महिलाओं के लिए खासतौर पर कई ऐलान किये हैं। भाजपा ने भी महिलाओं को 25 सौ रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। इससे पहले आप और कांग्रेस भी इसी तरह के वादे महिलाओं से कर चुके हैं। आश्चर्य यह कि चुनाव आयोग इस प्रकार के वादों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता? क्या यह मतदाताओं को लालच देना नहीं है?
दिल्ली चुनाव को अब दो सप्ताह से कुछ ज्यादा वक्त बचा है। पांच फरवरी को राजधानी में वोटिंग होनी है। इससे पहले बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिये हैं। सीधी टक्कर बीजेपी और आप के बीच है। उधर, कांग्रेस भी बहुत ज्यादा कमजोर नहीं है। विशेष रूप से चुनावी घोषणा पत्र मंे रेवड़ी उसने भी बांटी है।
पुजारी ग्रंथी योजना आम आदमी पार्टी ने दिल्ली का रण जीतने के लिए पुजारियों और गुरुद्वारे के गंथियों को 18 हजार रुपये हर महीने देने का वादा किया है। इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल सरकार महिला सम्मान योजना के तहत हर महिला को एक हजार रुपये प्रतिमाह देगी। दिल्ली चुनाव जीतने पर बाद में इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया जाएगा। केजरीवाल सरकार ने फिर जीतने पर हर ऑटो ड्राइवर को 10 लाख रुपये तक का बीमा कराने की घोषणा की है। चालकों को यूनिफॉर्म के लिए 2500 रुपये दिए जाएंगे। इतना ही नहीं हर ऑटो ड्राइवर की बेटी की शादी के लिए दिल्ली सरकार एक लाख रुपये देगी। आम आदमी पार्टी ने राजधानी में हर छात्रा के लिए फ्री बस सेवा का ऐलान किया है। मेट्रो में भी स्टूडे्स को रियायत देने की बात कही गई।
संजीवनी योजना दिल्ली के बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए लाई है, जिसके तहत हर बुजुर्ग के इलाज का सारा खर्चा केजरीवाल सरकार उठाएगी। इसमें निजी अस्पताल में आने वाले बिल को भी शामिल किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली की प्रत्येक आरडब्ल्यूए में तैनात सिक्योरिटी गार्ड का वेतन दिल्ली सरकार देगी।
इसी क्रम में कांग्रेस के घोषणापत्र में स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आम लोगों को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का वादा किया गया है।
प्यारी दीदी योजना के तहत कांग्रेस दिल्ली की हर महिला को सरकार में आने पर 2500 रुपये प्रतिमाह देगी। दिल्ली के रजिस्टर्ड बेरोजगार युवाओं को कांग्रेस ने एक साल तक 8500 रुपये हर महीने देने का वादा किया है। कांग्रेस ने दिल्लीवासियों 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा भी किया है।
अब भाजपा वादे करने मंे सबसे आगे निकल गयी। महिला समृद्धि योजना में आम आदमी पार्टी की तर्ज पर दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये हर महीने देने का वादा किया गया। सीएम मैटरनिटी प्रोटेक्शन स्कीम के तहत बीजेपी हर गर्भवती महिला को 21 हजार रुपये देगी। इसके साथ स्वास्थ्य बीमा योजना है। कांग्रेस के घोषणापत्र में स्वास्थ्य
बीमा योजना के तहत आम लोगों
को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का वादा किया गया जबकि भाजपा 10 लाख तक मुफ्त इलाज कराएगी।
बीजेपी ने दिल्ली में 60 से 70 साल की उम्र के बुजुर्गों को 2,500 और 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को 3 हजार हर महीने देने का वादा भी किया है। बीजेपी ने दिल्ली वालों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। साथ ही होली दिवाली पर एक सिलेंडर एक्स्ट्रा दिया जाएगा। राजधानी में बीजेपी ने अटल कैंटीन खोलने की बात कही है। इस स्कीम के तहत दिल्ली में जगह-जगह कैंटीन चलाई जाएगी, जहां महज 5 रुपये में लोगों को भरपैट खाना दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी भी ऐसी ही एक योजना पहले से चला रही है।
बहरहाल, दिल्ली विधानसभा की सबसे चर्चित सीट नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर प्रवेश वर्मा चुनावी मैदान में हैं। दिवंगत भाजपा नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा एक फायरब्रांड हिंदू नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं और अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। फायरब्रांड हिंदू नेता की छवि वाले प्रवेश वर्मा अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। साल 2019 में सीएए आंदोलन के दौरान उन्होंने कुछ विवादित बयान दिए थे, जिससे वह काफी सुर्खियों में आए थे। इसके बाद 2022 में एक विशेष समुदाय के व्यापार को बायकॉट करने की अपील करने के कारण भी वह विवाद में आये थे।
प्रवेश वर्मा ने साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में महरौली सीट से चुनाव लड़ा था और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस के योगानंद शास्त्री को हराकर जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट दिया और उन्होंने पश्चिम दिल्ली से चुनाव लड़कर कांग्रेस के महाबल मिश्रा को हराया। संसद में उन्होंने शहरी विकास पर स्थायी समिति और संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा का मुकाबला आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। मुकाबला इसलिए महत्वपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उन्हें मैदान में उतारकर पार्टी नेतृत्व ने यह संदेश दिया है कि वह उन्हें मजबूत उम्मीदवार मानती है और दिल्ली की राजनीति में उनका कद बढ़ गया है। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा 8 फरवरी को होगी। (हिफी)