धामी को जनसमर्थन की पुष्टि

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
उत्तराखण्ड मंे अभी तीन महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पराजित हो गये थे। हालांकि भाजपा को दो-तिहाई बहुमत मिला और उसने सरकार भी बनायी लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि पुष्कर सिंह धामी को जनता का समर्थन प्राप्त नहीं है। भाजपा नेतृत्व ने जब विधानसभा चुनाव मंे पराजित होने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बना दिया, तब यह सवाल और तेजी से उठने लगा। इसीलिए पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव के
माध्यम से ही सदन मंे जाने का निश्चय किया। इसके चलते भाजपा के विधायक ने चंपावत की सीट खाली की। कांग्रेस के नेताओं ने फिर बड़बोलापन दिखाया और कहा चम्पावत मंे भी धामी को पराजित करेंगे। चंपावत उपचुनाव मंे पुष्कर सिंह धामी ने अपने मुख्य प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस की प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को 54121 मतों से पराजित किया है। निर्मला गहतोड़ी की जमानत भी जब्त हो गयी है। उधर, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कह रहे हैं कि चुनाव मंे घपला किया गया है। इसका कारण वे यह बताते हैं कि धामी को पोस्टल बैलेट मंे 1303 वोट मिले जबकि निर्मला गहतोड़ी को 3233 मत मिले हैं। फैसला निर्वाचन आयोग का सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। पुष्कर धामी ने साबित कर दिया कि वे राजनीतिक तिकड़म से भले ही विधानसभा का चुनाव हार गये थे लेकिन जन समर्थन उनके साथ है। उपचुनाव के नतीजे से पहले ही यह दिख रहा था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज करते हुए अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 55 हजार से अधिक मतों से हरा दिया है। हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी खुद खटीमा से हार गए थे। धामी के उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने के लिए कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए विश्वास जताया है कि इस पहाड़ी प्रदेश की प्रगति के लिए वह और कड़ी मेहनत से काम करेंगे। राज्य की जनता भी यही अपेक्षा करती है।चंपावत उपचुनाव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 55,025 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। विधानसभा चुनावों में हार के बावजूद पार्टी ने धामी पर भरोसा जताया और उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी। ऐसे में 6 महीने के भीतर उनका विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था। चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई इस चंपावत सीट पर उपचुनाव हुआ था। हालांकि कहा जा रहा है कि कुछ डाक मत्रपत्रों की गिनती बाकी होने की वजह से जीत के आंकड़े में मामूली सा बदलाव हो सकता है। चंपावत उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत पर एक तरफ बीजेपी कार्यकर्ता खुशी मना रहे हैं, तो कांग्रेस हार पर मंथन कर रही है। उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने सिस्टम पर सवाल उठाए है। कांग्रेस की मानें तो इस हार के पीछे तमाम कारण हैं जिसकी जांच होनी चाहिए। चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी को 13 राउंड तक हुई वोटिंग में कुल 57,268 मत मिले। सीएम धामी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस उम्मीदवार समेत बाकी सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। उपचुनाव में गहतोड़ी को 3147 मत, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार को 409 और निर्दलीय उम्मीदवार हिमांशु गरकोटी को 399 वोट मिले । कुल 372 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। इस उपचुनाव के लिए मतदान 31 मई को हुआ था। धामी ने चंपावत की जनता को जीत के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,‘प्रिय चंपावतवासियों, चंपावत उपचुनाव में आपके द्वारा वोटों के माध्यम से बरसाए गए प्रेम व आशीर्वाद से मन अत्यंत भावुक है, निशब्द हूं।’ उत्तराखंड में 23 मार्च को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले धामी को 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था जिसके लिए चंपावत उपचुनाव हुआ। बीजेपी की ऐतिहासिक जीत को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी परिणाम शुभ संकेत नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा इसकी जांच होनी चाहिए किस तरह प्रशासन का दुरूपयोग किया गया है। उपचुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपचुनाव के नतीजों को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। हरीश रावत की मानें तो उप चुनाव के परिणाम साफ बता रहे हैं कि जीत कैसे हुई है, यह लोकतंत्र की हत्या है। उपचुनाव में पोस्टल बैलेट से उन्हें 1303 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को 3233 वोट मिले।
दरअसल जब चंपावत विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान हुआ। बीजेपी की तरफ से चुनाव को लेकर पूरी तैयारी थी, लेकिन कांग्रेस तय नहीं कर पाई थी कि मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव मैदान में किसे उतारा जाए। बीजेपी ने तो पहले से ही कमर कस ली थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत के उपचुनाव लड़ेंगे। बीजेपी ने चंपावत उपचुनाव के लिए अपनी टीम का ऐलान भी कर दिया है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार खुद कमान संभाले हुए। कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को चुनाव का पूरा प्रभार सौंपा गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत पर फोकस किए हुए थे। मुख्यमंत्री चंपावत में रोड शो के साथ ही जनसभा पहले ही कर चुके थे। चुनाव को लेकर बीजेपी में तस्वीर पूरी तरीके से साफ थी। उत्तराखंड में माहौल पूरी तरीके से बीजेपी के पक्ष में थे। 2022 विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से बीजेपी को दो तिहाई प्रचंड बहुमत मिला, ऐसे में बीजेपी पूरी तरीके से उत्साहित थी कि चंपावत उपचुनाव में भी बीजेपी एक बड़ी लीड के साथ जीत दर्ज करेगी। उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 10 लोगों का नाम शामिल है। जारी हुई दूसरी लिस्ट में खटीमा विधायक भुवन कापड़ी का भी नाम शामिल थे। लेकिन कांग्रेस नेताओं का ईगो अपनी जगह कायम रहा। नतीजा सबके सामने है। (हिफी)