कांग्रेस अधिवेशन पर विवाद

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस इस समय ऊहापोह की स्थिति मंे है। लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के साथ मिलकर कांग्रेस को 99 सांसद मिल गये लेकिन उसके बाद हरियाणा ओर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों मंे कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रही है। अगले साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस आत्म मंथन के लिए कर्नाटक के बेलगाव में अधिवेशन कर रही थी। बेलगाव का ऐतिहासिक महत्व है। यहां पर कांग्रेस का 1924 में भी महत्वपूर्ण अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन की पृष्ठभूमि हिन्दू और मुसलमानों के बीच एकता पर आधारित थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दोनों सम्प्रदायों के लोगों को एक करने के लिए 21 दिनों का उपवास किया था। उन दिनों इसका नाम बेलगाम हुआ करता था। बहरहाल महात्मा गांधी ने कांग्रेस संगठन को उस समय मजबूत किया था। कांग्रेस अब उसी अधिवेशन की शताब्दी पर कार्यक्रम कर रही है तो उपलब्धि से पहले एक नये विवाद में घिर गयी हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के आयोजन स्थल पर भारत का नक्शा लगाया गया जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का अंग दिखाया गया है। इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा संसद में फिलिस्तीन का बैग लेकर पहुंची थीं तब पाकिस्तान ने उनकी तारीफ की थी। इस तरह कांग्रेस अधिवेशन पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस को इससे उपलब्धि क्या होगी, यह तो बाद में ही पता चल सकेगा। इस अधिवेशन से कांग्रेस दलितों और मुसलमानांे को बाबा साहेग भीमराव आम्बेडकर और महात्मा गांधी के माध्यम से संदेश देना चाहती है।
फरवरी 1924 में एक सर्जरी के बाद जेल से रिहा होने के बाद महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता की कमी से नाखुश थे। इस दूरी को खत्म करने के लिए उन्होंने उस साल 18 सितंबर से 8 अक्टूबर तक 21 दिनों का उपवास किया। वह कांग्रेस पार्टी में पनप रही गुटबाजी को भी खत्म करना चाहते थे। तभी उन्होंने बेलगाम में अपनी अध्यक्षता में कांग्रेस की ऐतिहासिक सभा की।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम पार्टी के 1924 के अधिवेशन की शताब्दी मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस “ऐतिहासिक आयोजन” में करीब 200 नेता हिस्सा लेंगे। महात्मा गांधी ने बेलगाम में अपना भाषण मुख्य रूप से अहिंसा, राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के साधन के रूप में असहयोग, अस्पृश्यता को दूर करने, समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक-आर्थिक असमानता को दूर करने की आवश्यकता और न्याय और समानता के सिद्धांत को सुदृढ़ करने पर दिया था। ये 1924 में गांधी जी के भाषण की विषय-वस्तु थी। फिर ये बेलगाम अधिवेशन भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का आधार बना।
यह कांग्रेस पार्टी का एकमात्र अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख के रूप में महात्मा गांधी ने की थी। गांधीजी दिसंबर 1924 से अप्रैल 1925 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे। इस अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सरोजिनी नायडू और खिलाफत आंदोलन के नेता मुहम्मद अली जौहर और शौकत अली सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया था।
कांग्रेस पार्टी ने बेलगावी में होने वाली इस विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ नाम दिया है। यह बैठक उसी स्थान पर हुई जहां महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता संभाली थी। कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) कर्नाटक के बेलगावी मे्ं एक विस्तारित सत्र का आयोजन कर रही है। दो दिन की इस मीटिंग के साथ यहां एक रैली भी करेगी। ये कार्यक्रम महात्मा गांधी द्वारा 1924 में पार्टी अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस के ऐतिहासिक बेलगाम (अब बेलगावी) सत्र की अध्यक्षता करने की शताब्दी के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे , लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता, देश भर से सीडब्ल्यूसी सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता इसमें शिरकत करेंगे। पार्टी इस कार्यक्रम के जरिए जहां कांग्रेस में नई जान फूंकेगी, वहीं भावी रणनीति पर भी चर्चा करेगी।
कांग्रेस का बेलगावी अधिवेशन अब गलत कारणों से चर्चाओं में है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस अधिवेशन को लेकर जो पोस्टर लगाए गए थे उसमे भारत के मानचित्र को गलत दिखाया गया था। इस मानचित्र में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। बीजेपी ने इस मैप को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस की नीयत भारत तोड़ने की है। बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि भारत जोड़ो लेकिन आज बेलगावी अधिवेशन में उन्होंने देश का जो मैप लगाया है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है। इस मैप में भारत के जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में और अक्साई चीन को चीन में दिखाया गया है। इस मैप को अपने अधिवेशन के दौरान इस्तेमाल करना ये साफ करता है कि कांग्रेस की मानसिकता हमेशा भारत के टुकड़े करने की रही है। बीजेपी 26 दिसम्बर से ही इस पोस्टर को लेकर हमलावर है। बीजेपी ने इस पोस्टर के सामने आने के बाद कहा है कि चाहे बात जॉर्ज सोरोस का मामला हो या फिर
शशि थरूर के नामांकन के समय इस्तेमाल किए गए भारत के मैप का हो, कांग्रेस समय समय पर इस तरह की गलती करती रही है। हालांकि, बाद में शशि थरूर ने उस मानचित्र
को लेकर माफी मांगी थी। बेलगाव अधिवेशन के दौरान पोस्टर पर जो मैप दिखाया गया है उसे लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।
कांग्रेस पार्टी ने बेलगावी में होने वाली इस विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ नाम दिया है। यह बैठक उसी स्थान पर होगी जहां महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता संभाली थी। बैठक 26 दिसंबर को दोपहर 2.30 बजे महात्मा गांधी नगर में शुरू होगी। सत्र का पहला दिन 1924 के सत्र के आयोजन स्थल वीर सौधा में आयोजित किया जाएगा। दूसरे दिन, कर्नाटक सरकार द्वारा स्वीकृत महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण बेलगावी में सुवर्ण विधान सौधा राज्य विधानसभा में किया गया। इसके बाद 27 दिसम्बर को सुबह 11.30 बजे बेलगावी में ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली होगी। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस को 1924 की तरह ही पुनरुत्थान की जरूरत है। कांग्रेस यहां चिंतन करेगी और अपनी रणनीति में कुछ महत्वपूर्ण कार्यात्मक बदलाव करेगी।
वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लक्ष्य अपनी वर्तमान चुनौतियों और गांधी के समय में सामना की गई चुनौतियों के बीच समानताएं स्थापित करना है, ताकि समकालीन राजनीति में उनके सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया जा सके। कुल मिलाकर, बेलगावी कांग्रेस बैठक का इतिहास न केवल भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटना को दर्शाता है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के भीतर वर्तमान राजनीतिक हालात के साथ भी जुड़ता है।
कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि पार्टी की मौजूदा स्थिति 1924 जैसी है। नेता ने कहा, कांग्रेस को 1924 की तरह पुनरुत्थान की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि यह कुछ महत्वपूर्ण कार्यात्मक बदलाव करेगी और जीत की राह पर लौटेगी। (हिफी)