अर्से बाद मिली दिल्ली सीएम को पावर

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
लगभग डेढ़ दशक बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री को फुल पावर से काम करने का अवसर मिला है। दिल्ली मंे आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को भाजपा ने उखाड़ फेंका और रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है। दिल्ली में इससे पूर्व आप की सरकार को पुलिस से हमेशा शिकायत रहती थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इसके चलते धरना तक देना पड़ा था। अब इस प्रकार के विवाद खत्म हो गये हैं। गत 28 फरवरी को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने देश के गृहमंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली के लॉ एण्ड आर्डर पर बैठक की। इस बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को सीएम के निर्देश मानने को कहा। ध्यान रहे कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी उपराज्यपाल के पास है जो केन्द्रीय गृहमंत्री के अधीन काम करते हैं। बैठक मंे दिल्ली पुलिस के सभी आला अफसर मौजूद थे और उनको अमित शाह का फरमान मिल गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार को यह सौभाग्य कभी नसीब नहीं हो पाया था। इससे पहले दिल्ली मंे जब कांग्रेस की सरकार थी और श्रीमती शीला दीक्षित मुख्यमंत्री हुआ करती थीं, तब भी गृहमंत्रालय में इसी प्रकार की बैठक हुई थी। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के हाथ से दिल्ली सत्ता तो जा ही चुकी है, उनको जेड श्रेणी की मिली सुरक्षा व्यवस्था भी छिनने का खतरा है। गृह मंत्रालय इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता अब पूरी तरह से एक्शन में आ गई हैं। गत 28 फरवरी को देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर बैठक हुई है। इस बैठक में दिल्ली की कानून व्यवस्था से लेकर ट्रैफिक समस्या को खत्म करने पर चर्चा हुई। खास बात यह है कि इस बैठक में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर सहित दिल्ली पुलिस के सभी स्पेशल सीपी मौजूद रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की मौजूदगी में रेखा गुप्ता को काम करने की खुली छूट देने की बात की। सीएम रेखा गुप्ता ने गृह मंत्री के साथ मीटिंग करने के बाद कहा है कि डबल इंजन की सरकार दिल्ली में लॉ एंड आर्डर ही नहीं ट्रैफिक जाम, जल जमाव जैसी समस्याओं को हर हालत में दूर करेगी। रेखा गुप्ता अब दिल्ली में क्राइम कंट्रोल के लिए हर महीने सीपी के साथ बैठक करेंगी। बता दें कि पूर्व के सरकारों में ये मीटिंग बंद हो गई थी। दरअसल, अरविंद केजरीवाल और आतिशी के सीएम रहते दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार में रिश्ते काफी बिगड़ गए थे। छोटी-छोटी बातों और घटनाओं को लेकर आप दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाने लग जाती थी। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के साथ मीटिंग कर सबकी जवाबदेही तय कर दी है। इस बैठक में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को सहयोग करने को कहा गया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन आती है। दिल्ली पुलिस पर दिल्ली के सीएम का कोई अधिकार नहीं होता है। क्योंकि, दिल्ली में अब बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है, ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और दिल्ली के सीएम और गृह मंत्री आशीष सूद को सामने बैठाकर हर तरह की गलतफहमी को दूर कर दिया है। अमित शाह ने इस बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को दिल्ली के सीएम और दिल्ली के गृह मंत्री का निर्देश भी मानने को कहा है। दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बाद पहली बार दिल्ली सरकार के गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस के साथ गृह मंत्रालय में इस तरह की मीटिंग हुई। इस बैठक में दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के आला अधिकारी तो शामिल हुए ही, आईबी के अधिकारी भी शामिल हुए। मीटिंग में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के साथ दिल्ली पुलिस के लॉ एंड ऑर्डर सहित स्पेशल सीपी भी मौजूद रहे। इस मीटिंग के बाद दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे और दिल्ली को सुरक्षित करेंगे।
उधर, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव के बाद एक और झटका लगने वाला है। संभवतः उनकी सिक्योरिटी वापस ले ली जाएगी। उनकी सिक्योरिटी पर गृह मंत्रालय लगातार समीक्षा कर रहा है। अब आईबी और दिल्ली पुलिस के खतरे के आकलन पर आगे की सुरक्षा पर निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में ‘जेड प्लस’ सुरक्षा कवर प्राप्त है, जो खतरे की आशंका के आधार पर गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है, तथा जेड श्रेणी की सुरक्षा दिल्ली पुलिस द्वारा दी जाती है। इस बीच पता चला है कि सुरक्षा इकाई ने गृह मंत्रालय के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय को एक पत्र भेजा है, जिसमें केजरीवाल की सुरक्षा पर निर्णय लेने की मांग की गई है।
प्रोटोकॉल के अनुसार, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को गृह मंत्रालय से ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिली है। कई सुरक्षा खतरों के कारण, गृह मंत्रालय ने केजरीवाल को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा कवर प्रदान किया था। सितंबर 2024 में सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्रालय के निर्देश पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वीआईपी या संभावित अतिथियों के खतरे का आकलन किया जाता है।’ एक सूत्र ने बताया, ‘सुरक्षा इकाई की ओर से पुलिस मुख्यालय को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें उनके (केजरीवाल के) सुरक्षा कवर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है। इस पर रिपोर्ट मांगी गई है कि क्या वर्तमान सुरक्षा स्थिति जारी रहनी चाहिए या घटाई जानी चाहिए।’ यह पत्र फिलहाल पुलिस मुख्यालय में है और इसे गृहमंत्रालय को भेजे जाने की संभावना है। आने वाले दिनों में गृह मंत्रालय इस पर विचार करेगा। एक सूत्र ने बताया कि केजरीवाल के सुरक्षा कवर पर पत्र के साथ ही गृह मंत्रालय को एक और पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के जेड श्रेणी के सुरक्षा कवर के बारे में जानकारी दी गई है और पूछा गया है कि क्या मौजूदा सुरक्षा स्थिति जारी रखी जाए या घटाई जाए। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि ये पत्र इसलिए भेजे जा रहे हैं क्योंकि ये सुरक्षा कवर मूल रूप से उन विभागों के साथ आते हैं जो व्यक्ति के पास
होते हैं। अधिकारी ने कहा कि अब चूंकि वे इन विभागों के पास नहीं हैं, इसलिए पत्र गृह मंत्रालय को भेजे जाने चाहिए। इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने के बाद सुरक्षा इकाई ने मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह और पंकज सिंह को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्रदान
की है। इसके साथ ही सभी नए मंत्रियों को सुरक्षा कवर मिल गया है। मनजिंदर सिंह सिरसा को जेड श्रेणी की
सुरक्षा मिली हुई है, जबकि प्रवेश
साहिब सिंह, कपिल मिश्रा और आशीष सूद को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली
हुई है। (हिफी)