लेखक की कलम

देउबा ने दिया संबंध सुधरने का संकेत

भारत और नेपाल एक ही सांस्कृतिक धरातल पर स्थित

(हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

भारत और नेपाल एक ही सांस्कृतिक धरातल पर स्थित है। आदि काल से दोनों की विरासत व धरोहर समान है। अनेक प्रसंगों में तो वर्तमान नेपाल का उल्लेख अनिवार्य रूप से होता है। इसके बिना कथा अधूरी रह जाती है। कुछ दशक पहले यहां कम्युनिस्ट वर्चस्व के कारण नकारात्मक माहौल बना। इसके पहले भारत व नेपाल दो देश नहीं बल्कि बन्धु के रूप में रहे है। यह भावना चीन प्रभावित कम्युनिस्ट सरकार के दौर में कमजोर हो जाती है किंतु जनमानस के स्तर पर भारत के प्रति लगाव कायम रहता है। कम्युनिस्ट सरकार की विदाई के साथ ही द्विपक्षीय संबंध परम्परागत रूप में सुदृढ़ हो गए। नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा की नई दिल्ली व काशी यात्रा से यह तथ्य प्रमाणित हुआ। उन्होंने काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद कहा कि दर्शन पाकर वे इस जन्म में धन्य हो गए।
देउबा सपत्नीक पहले काशी के कोतवाल कालभैरव के दर्शन करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे समय उनके साथ थे। देउबा ने आदित्यनाथ के साथ नदेसर स्थित होटल में बैठक भी की। इसमें भारत-नेपाल रिश्तों को मजबूत बनाये रखने पर विचार किया गया।
भारत सदैव नेपाल को अपना छोटा भाई मानता है। नेपाल के लोग भारत से सदैव जुड़ कर रहना चाहते हैं। नेपाल से लोग आते हैं तो यहां के लोग भी नेपाल जाते हैं। दोनों में धार्मिक प्रगाढ़ता है। नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी व देउबा के बीच वार्ता हुई। संयुक्त वार्ता को सौहार्दपूर्ण और बेहद उपयोगी बताया जा रहा है। दोनों देशों के संबंधों के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई। इस मित्रता को मजबूत करने को लेकर दोनों देशों ने अपनी समझ साझा की है। भारत ने नेपाल को कोरोना आपदा के दौरान वैक्सीन,दवायें और मेडिकल उपकरण के रूप में सहायता दी थी। मोदी ने कहा कि हमारी दोस्ती की मिसाल दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलती।
नेपाल और काशी का सदियों पुराना सम्बन्ध रहा है। भारत और नेपाल सभ्यता, संस्कृति और आपसी आदान प्रदान के माध्यम से प्राचीन काल से जुड़े हुए हैं। दोनों देश अनादि काल से एक दूसरे के सुख दुख के साथी हैं। नेपाल अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बना है। इससे दोनों देशों में सतत,सुलभ और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। व्यापार और सभी प्रकार के अंतर सीमा संपर्क को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई गई। इसी क्रम में दोनों प्रधानमंत्रियों ने जयनगर-कुर्था रेल लाइन का शुभारंभ किया। नेपाल में रुपये कार्ड की शुरुआत वित्तीय संपर्क में एक नया अध्याय जोड़ेगी। इसके अलावा नेपाल पुलिस अकादमी,नेपालगंज में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट और रामायण सर्किट जैसे कार्य दोनों देशों को करीब लाएंगे। भारत पंचेश्वर परियोजना को तेज गति देने पर सहमत हैं। परियोजना इस क्षेत्र के विकास में बड़ा बदलाव लाएगी। भारतीय कंपनियां नेपाल के हाइड्रो पावर विकास परियोजनाओं में अधिक भागीदारी पर सहमत हैं। नेपाल अपनी अधिक ऊर्जा भारत को निर्यात कर रहा है। इसका नेपाल की आर्थिक प्रगति में अच्छा योगदान रहेगा। नरेन्द्र मोदी और शेर बहादुर देउबा ने संयुक्त रूप से नेपाल में रुपे लॉन्च किये। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से भारत सरकार की क्रेडिट लाइन के तहत निर्मित नेपाल में सोलू कॉरिडोर एक सौ बत्तीस केवी पावर ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन का उद्घाटन किया।
काशी में योगी आदित्यनाथ ने उनको काशी के नव्य और भव्य स्वरूप के बारे में भी अवगत कराया। नागरिकों ने भव्य स्वागत किया। ढोल नगाड़े और डमरू की गूंज के साथ हर हर महादेव का उद्घोष होता रहा। अयोध्या और मथुरा के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। देउबा काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के बाद धाम से होते हुए ललिता घाट स्थित साम्राज्येश्वर पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पहुंचे।ललिता घाट के पास स्थित मंदिर बाहर से देखने में नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ की प्रतिमूर्ति है। इसलिए इसे काशी का पशुपतिनाथ भी कहा जाता है। इसका निर्माण नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर किया गया है। (हिफी)

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