विकास का विजन डॉक्यूमेंट

(हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पहले सरकारें अपने कार्यकाल के पूर्वार्ध में सामन्य रूप में चलती है। चुनाव करीब आने के साथ ही उनकी गति में अप्रत्याशित तेजी आ जाती है। चली चला की बेला में जमकर शिलान्यास होते है, खूब वादे किए जाते हैं लेकिन अब मतदाता जागरूक है। उत्तर प्रदेश में छत्तीस वर्षो तक ऐसी किसी सरकार को लगातार दुबारा जनादेश नहीं दिया गया। ऐसे लोग जब विपक्ष में आते हैं, वर्षों तक प्रत्येक विकास कार्यों को अपना बताने में जुटे रहते हैं। जबकि इससे उनकी ही विफलता उजागर होती है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा में इसी तथ्य का उल्लेख किया था ।
उनका कहना था कि वर्तमान प्रदेश सरकार की जो भी योजना आती है, विपक्ष के लोग हर योजना पर समाजवादी पार्टी का स्टिकर चस्पा कर देते हैं। पूर्व सरकारों द्वारा सिर्फ घोषणाएं की जाती थीं। वर्तमान प्रदेश सरकार के विगत पांच वर्षों के कार्यकाल में सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास का अनुपालन करते हुए जो कहा, वह करके दिखाया है। प्रदेश सरकार ने बिना किसी भेदभाव के लोककल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया है। वस्तुतः योगी आदित्यनाथ ने इस तथ्य को समझा था। उन्होंने पिछली बार मुख्यमंत्री बनते ही चुनाव पूर्व किए गए वादों पर अमल शुरू कर दिया था। इसके लिए उन्होंने पांच वर्ष का इंतजार नहीं किया। वादे पूरे होने के बाद भी वह रुके नहीं। फिर नई योजनाएं बनाकर उनका क्रियान्वयन शुरू कर दिया। इसलिए छत्तीस वर्षो के बाद उन्हें लगातर दूसरी बार जनादेश मिला। इस बार वह पहले के मुकाबले अधिक तेजी से कार्य कर रहे है। पहले ही बजट में संकल्प पत्र के अधिकांश वादों को समाहित कर लिया।
उन्होंने कहा कि यह बजट पांच वर्षों का एक विजन भी है। यह बजट प्रदेश के सर्व समावेशी, समग्र विकास के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा। प्रदेश विधानसभा के चुनाव से पूर्व एक लोक कल्याण संकल्प पत्र तैयार किया गया था। लोक कल्याण संकल्प पत्र की कुल एक सौ तीस घोषणाओं में से सत्तानवे संकल्पों को पहले बजट में स्थान दिया गया है। इसमें करीब पैंतालीस संकल्प नए हैं। इन संकल्पों की पूर्ति के लिए बजट में करीब पचपन हजार करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है शेष को समय-समय पर लिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सकारत्मक छवि कायम हुई है। पहले विकास कुछ खास क्षेत्रो तक सीमित रहता था। उन्हीं क्षेत्रांे में पर्याप्त बिजली आपूर्ति होती थी। कानून व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी। उद्योग की दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाकों में बिजली का संकट रहता था। व्यापार सुगमता में उत्तर प्रदेश बहुत पिछड़ा था। इसलिए निवेशकों की यहां कोई रुचि नहीं थी। योगी सरकार ने व्यवस्था में सकारत्मक बदलाव किया। प्रदेश में विकास के कीर्तिमान कायम हुए। इस बार का बजट समग्र विकास को आगे बढ़ाएगा।
यह अखिलेश यादव सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट के आकार से लगभग दोगुना है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि विकास और सुशासन में उनका मुकाबला अपनी ही पिछली सरकार से है। यह उनके पिछले बजट से भी काफी अधिक है। अखिलेश सरकार के नई विकास योजनाओं के प्रस्ताव से तीन गुना अधिक है। प्रदेश के समग्र विकास के विजन को लेकर यह बजट तैयार किया गया है। यह जन आकांक्षाओं के अनुरूप है। यह न केवल युवाओं की शिक्षा और उनके रोजगार पर केंद्रित है, बल्कि इसमें किसानों के सशक्तीकरण के साथ-साथ राज्य के सर्वांगीण विकास और कानून व्यवस्था पर भी फोकस है। बजट के आकार के साथ राजस्व को भी बढ़ाया गया है। यह बजट एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में प्रस्तुत किया गया। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वर्ष में दो निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर, किसानों के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष से अब आलू, टमाटर, प्याज आदि फसलों को भी एमएसपी के दायरे में लाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने कार्य योजना लागू करने, किसानों के लिए टेस्टिंग लैब की स्थापना सभी मण्डल स्तर पर करने, सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र को प्राकृतिक खेती योजना के साथ जोड़ने का बजट प्रस्ताव है। प्राकृतिक खेती की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। निषादराज बोट सब्सिडी योजना के अंतर्गत नाविकों को नाव खरीद के लिए चालीस फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। सिंचाई की अवशेष परियोजनाओं को आगे बढ़ाने,लघु सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव है। गरीब कल्याण कार्ड जारी करने के लिए संपूर्ण परिवार सर्वेक्षण योजना है। वंचित परिवारों का पता लगाकर उनके लिए विशेष योजनाएं चलायी जा सकेंगी। असेवित जनपदों में मेडिकल कालेज स्थापित होंगे। बुजुर्ग पुजारियों, संतों एवं पुरोहितों के उपेक्षित तबकों के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव बजट में किया गया है। इसके माध्यम से पौरोहित्य कला को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उनके समग्र विकास और प्रोत्साहन के लिए व्यवस्था की जाएगी। युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद सशक्तिकरण योजना प्रारम्भ की गयी है। इसके तहत स्नातक और परास्नातक विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन दिया जाएगा। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है। निराश्रित महिला पेंशन वृद्धावस्था पेंशन में दो गुना से अधिक वृद्धि होगी। सरकार द्वारा विगत पांच वर्षों में तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। कुछ बन्द चीनी मिलों को भी प्रारंभ किया गया। छह जर्जर चीनी मिलों के विस्तारीकरण, आधुनिकीकरण का प्रस्ताव है। 2025 में प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। प्रदेश सरकार अभी से इसकी तैयारी प्रारंभ करने जा रही है। इसके लिए सरकार द्वारा बजट में प्रस्ताव है। प्रयागराज महाकुंभ को पुनः ऐतिहासिक बनाकर देश और दुनिया के एक यूनीक इवेंट के रूप में प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी बजट में की गई है।
बजट में गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज तथा मेरठ में भी मेट्रो परियोजना के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों हेतु सड़कों पर सोलरस्ट्रीट लाइट के लिए फण्ड का प्रावधान बजट में किया गया। महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र लालापुर चित्रकूट, निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केंद्र श्रृंग्वेरपुर, संत रविदास संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी तथा संत तुलसीदास की पावन भूमि राजापुर के सौंदर्यीकरण और विकास के कार्यक्रम के लिए भी बजट प्रस्ताव किया गया है। असेवित मण्डलों में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है। प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे,डिफेंस कॉरिडोर, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा अन्य सभी एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक गलियारों के विकास के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल योजना ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्रों में भी लागू हो सके, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र का चयन किया गया है। जापानी इन्सेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस, कालाजार, आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों के अलावा डार्क
जोन वाले ब्लॉक, खारे पानी वाले
क्षेत्र के सभी गांवों को योजना से जोड़ा गया है। (हिफी)