राम मंदिर के लिए कोटि-कोटि समर्पण

(अशेाक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
अयोध्या मंे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण मंे कई तर से लोगों का समर्पण है। मंदिर निर्माण तीव्र प्रक्रिया से चल रहा है। चबूतरे का निर्माण कार्य लगभग आधा हो चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास गत दिनों किया था। एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था। इसी के बाद मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण राशि को एकत्र किया गया था। यह कार्यक्रम मकर संक्रांति से रविदास जयंती तक चला था। इस अवधि मंे 11 करोड़ लोगो ंने कूपन के जरिए 3500 करोड़ रुपये का दान दिया। खास बात यह है कि छोटे से छोटे तबके के लोगों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि प्रदान की है। इसके अलवा भी हजारों लोगों ने सोना-चांदी और नकद धनराशि दी है। इस प्रकार राम मंदिर पूरे भारत की आस्था का प्रतीक बन गया है। इस मंदिर के साथ ही स्वामी राघवाचार्य ने दक्षिण भारत की शैली मंे अयोध्या में एक मंदिर का निर्माण कराया है। इसी वर्ष 31 मई से 4 जून के बीच भगवान राम के कुल देवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने थे। श्रीराम जन्मभूमि से चंद कदम की दूरी पर यह मंदिर बनाया गया है। दक्षिण भारत के 28 विद्वानों ने मंदिर मंे प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर पर राम मंदिर निर्माण के लिए कार्य तेजी से जारी है। इसी कड़ी में राम मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं ने दिल खोलकर दान दिया है। मकर संक्रांति से रविदास जयंती तक चले निधि समर्पण अभियान के दौरान 3500 करोड़ रुपए का दान आया है जिसमें 11 करोड़ लोगों ने कूपन के जरिए धन दिया है। मंदिर के चबूतरे का निर्माण कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अगस्त तक प्लिंथ निर्माण पूरा हो जाएगा। रामलला के गर्भगृह के भी निर्माण का काम शुरू हो चुका है। अब बंसी पहाड़पुर के तरासे गए पत्थर भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस सबके बीच बीते दिनों चलाए गए निधि समर्पण अभियान में हजारों करोड़ों लोगों ने रामलला के मंदिर को बिना देखे ही उसमें अपना सहयोग दिया है। इस सब का ऑडिट अभी चल ही रहा है लेकिन लगभग 3400 करोड़ रुपए निधि समर्पण अभियान में रामलला के निमित्त आए हैं जिसमें 11 करोड़ रसीदें और कूपन काटे गए थे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 3400 करोड़ रुपए राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान के दरमियान मिला था।
अयोध्या में जहां भगवान रामलला का मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है वहीं अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम दूर अयोध्या के पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1 जून को समारोह का शुभारंभ किया। अयोध्या का ये पहला मंदिर होगा जहां भगवान श्री राम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन का मंदिर है। श्री रामलला देवस्थान के महंत जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य ने महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। अयोध्या में बने दक्षिण भारतीय शैली के इस मंदिर की भव्यता दूर से ही बिखर रही है। महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि मंदिर में विराजमान श्री रामलला, माता जानकी व लक्ष्मणकी प्रतिमाएं भी दक्षिण भारत से आई हैं। मंदिर की डिजायनिंग चेन्नई के मशहूर आर्किटेक्ट स्वामीनाथन ने की है। अयोध्या का ये पहला मंदिर है जो श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम की दूरी पर बनकर तैयार हुआ है, जिसमें कदम कदम पर दक्षिण भारतीय परंपरा झलक रही है। रामलला सदन के पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य ने बताया कि श्री राम लला सदन अत्यंत प्राचीन स्थान है। 300 वर्ष पुराना आश्रम यहां था और 2012 से इसकी व्यवस्था मैं देख रहा हूं और मैं इसका सलाहकार हूं। स्वामी राघवाचार्य कहते हैं कि दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में कोई मंदिर नहीं है, हमने सोचा दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में एक मंदिर का निर्माण हो उस भाव को मैंने अपने मन में संजोया और लोग जुड़ते गए और इस मंदिर का निर्माण हुआ। जगद्गुरु राघवाचार्य ने कहा कि 31 मई से 4 जून तक भगवान का महोत्सव हुआ, विधि विधान के साथ मंदिर में भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठित की गयी। मंदिर बड़ा होने के कारण कुछ बड़ी मूर्तियों की भी स्थापना होगी। दक्षिण भारत से लगभग 28 विद्वान आये। सारा कर्मकांड संपन्न कराया।
राम मंदिर निर्माण के बीच एक भक्त ने चांदी की चैकी और चरण भेंट की है। जिसका कुल वजन 12 किलो है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अध्यक्ष रबींद्र नारायण सिंह के अनुसार अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को वेटिकन सिटी और मक्का की तरह विकसित किया जाएगा और वह हिंदुत्व के प्रतीक के रूप में उभरेगा। उन्होंने विहिप पदाधिकारियों और संतों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को वेटिकन सिटी (रोमन कैथोलिक चर्च का मुख्यालय) और मक्का (इस्लाम का सबसे पवित्र शहर) की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। वह हिंदुत्व का प्रतीक बनेगा।”
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि भाजपा सरकार जनता का पैसा ‘कब्रिस्तान’ के लिए जमीन खरीदने पर नहीं, बल्कि मंदिरों के पुनर्निर्माण और सौंदर्यकरण पर खर्च कर रही है। उन्होंने विरोधियों को निशाना बनाते हुए कहा कि पहले राज्य का पैसा कब्रिस्तान के लिए जमीन खरीदने में उपयोग किया जाता था, लेकिन हमारी सरकार में ऐसा नहीं है। भाजपा मंदिरों के लिए पैसा खर्च कर रही है। योगी कहते हैं अयोध्या में भव्य राममंदिर के साथ-साथ विश्व के लिए यह पर्यटन का केन्द्र भी बनेगा। अभी तक केवल डेढ़ लाख श्रद्धालु ही आ रहे हैं लेकिन अयोध्या को पर्यटन के शीर्ष पर लाने के लिए लगभग पांच करोड़ पर्यटकों को लाने की तैयारी है। अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। रामनगरी केवल आध्यात्मिक केन्द्र ही नहीं बल्कि रोजगार के लिए भी अयोध्या एक बड़ा केन्द्र बनेगा। जनता के धैर्य ने गलत कर्म करने वाले लोगों को पश्चाताप के लिए मजबूर कर दिया है। जो कभी रामभक्तों पर गोली चलाने को लेकर गर्व करते थे वह अब रामभक्त बनने की प्रक्रिया में है। आने वाले दिनों में यही गोली चलाने वाले अपने पूरे परिवार के साथ भगवान राम की पूजा करते दिखेंगे। यह भगवान राम की ताकत है कि इनको सही दिशा में लाएंगे। अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर यही संदेश दे रहा है। (हिफी)