लेखक की कलम

बुलंद हुए भारत-ब्रिटेन संबन्ध

भारत व ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की उपयोगी वार्ता

(हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय यूक्रेन संकट की सर्वाधिक चर्चा है। इसको लेकर नाटो के देश भी परेशान है। ब्रिटेन व अमेरिका दोनों नाटो के प्रमुख सदस्य है लेकिन ये देश मिल कर भी यूक्रेन समस्या का समाधान निकालने में नाकाम है। इस अवधि में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनेक देशों ने सीधा संवाद किया है। कुछ दिन पहले रूस यूक्रेन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों ने नरेंद्र मोदी से वर्चुअल वार्ता की थी। इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी भारत यात्रा पर पहुंचे। वार्ताओं के इस क्रम में यूक्रेन का मसला भी एजेंडे में रहा। इसके अलावा भारत के साथ द्विपक्षीय संबन्धों को भी मजबूत बनाने पर सहमति बनी। नई दिल्ली में भारत व ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की उपयोगी वार्ता हुई। इसके बाद साझा बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि दोनों देश महत्वाकांक्षी रोडमैप 2030 में आपसी सहयोग से नये लक्ष्य में शामिल करेंगे। वार्ता के दौरान इसके क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। रक्षा क्षेत्र, आधारभूत ढांचे के विकास, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया जाएगा। नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम लागू किये जाने पर जोर दिया। वार्ता और कूटनीति के जरिए ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। दोनों नेताओं ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के महत्व पर बल दिया। दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया है। रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विकास आदि में आत्मनिर्भर भारत मिशन को ब्रिटेन ने समर्थन किया है। आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय आधारभूत ढांचा, पाइपलाइन आदि क्षेत्रों में ब्रिटिश कम्पनियां निवेश करेंगी। मुक्त व्यापार समझौते पर प्रगति हो रही है। इस समझौते पर इस वर्ष के अंत तक अमल होगा। कुछ महीनों में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात और आस्ट्रेलिया के साथ ऐसे समझौते किये हैं।
दोनों देशों के बीच वैश्विक नवाचार साझेदारी क्रियान्वयन समझौता हुआ। इससे विकास साझेदारी और मजबूत होगी। इस समझौते के साथ तीसरे देशों में मेड इन इंडिया नवाचार के हस्तांतरण के लिए दोनों देशों ने दस करोड़ डॉलर का वित्तपोषण करने का फैसला किया है। इससे टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने और जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी। समझौते से छोटे और मंझोले उद्यमों को नए बाजार हासिल करने में मदद मिलेगी। हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में मोदी ने एक स्वतंत्र, मुक्त,समावेशी और नियम आधारित क्षेत्र कायम करने पर जोर दिया। अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन संबंधी कॉप सम्मेलन के छब्बीस लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। जलवायु और ऊर्जा संबंधी साझेदारी को बढ़ाया जाएगा। ब्रिटेन को भारत ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक, प्रौद्योगिकी वार्ता प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने यूक्रेन के घटनाक्रम सहित विभिन्न द्विपक्षीय और विश्व मामलों पर व्यापक विचार विमर्श किया।
बोरिस जानसन दो दिवसीय भारत दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इतने मजबूत संबन्ध पहले कभी नहीं थे। अहमदाबाद में बोरिस जॉनसन ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी से मुलाकात की। अडानी समूह ने ब्रिटिश कंपनियों के साथ डिफेंस और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करने और गुजरात को रक्षा क्षेत्र का एक निर्यात केंद्र बनाने में दिलचस्पी दिखायी गई। शांतिग्राम में एक घंटे तक चली मुलाकात के बाद गौतम अडानी ने ट्वीट कर बताया कि अडानी ग्रुप ब्रिटिश कंपनियों के साथ डिफेंस और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करेगा। अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और नई ऊर्जा विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। गौतम अडानी ने इस साल जून में लंदन में होने वाले भारत यूके जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। अडानी ने ब्रिटिश सरकार की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति, केवेनिंग स्कॉलरशिप के माध्यम से भारत के युवाओं के लिए शैक्षणिक सुविधा के लिए एक कार्यक्रम की भी घोषणा की। अडानी समूह ने भारतीय स्नातक छात्रों को हर साल पांच छात्रवृत्तियों के माध्यम से ब्रिटन में मास्टर डिग्री के लिए अध्ययन करने के लिए दो लाख पाउंड प्रदान करने का ऐलान किया।
अडानी समूह ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री और समूह के अध्यक्ष गौतम के बीच आज की बैठक के एजेंडे में रक्षा क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा सबसे ऊपर था। दोनों पक्ष आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में अडानी समूह और प्रसिद्ध ब्रिटिश कंपनियों के एयरोस्पेस और डिजाइन प्रौद्योगिकी में सहयोग करने की संभावना को तलाशेंगे। अडानी ने भारत में तीन सौ से अधिक विभिन्न श्रेणियों के रक्षा उपकरणों को लेकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की मंशा जाहिर की है।
अडानी ग्रुप ने कहा कि भारत 2030 तक भारतीय सशस्त्र बलों को अपग्रेड करने के लिए निर्धारित तीन सौ बिलियन के निवेश के साथ अडानी ग्रुप रडार, जासूसी, मानव रहित और रोटरी प्लेटफॉर्म के साथ हाइपरसोनिक इंजन सहित कई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अडानी का लक्ष्य प्रौद्योगिकी के वास्तविक हस्तांतरण के आधार पर निजी क्षेत्र में विश्वस्तरीय डिजाइन और विनिर्माण के माध्यम से भारत को रक्षा क्षेत्र के लिए एक निर्यात केंद्र में बदलना है। जॉनसन साबरमती आश्रम गए। जेसीबी
के अध्यक्ष लॉर्ड बैमफोर्ड से भी
उनकी वार्ता हुई। वह गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी को भी देखने गए। गुजरात सरकार की एक प्रमुख परियोजना, एक प्रतिष्ठित गिफ्ट सिटी में लगभग दो सौ करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। उन्होंने अनुसंधान और नवाचार के भविष्य के अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया। (हिफी)

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