लेखक की कलम

जन-संघ की बेटी जन-जन की चहेती

(भाजपा) आज भारत का एक प्रमुख राजनीतिक दल

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज भारत का एक प्रमुख राजनीतिक दल है। भारतीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में यह भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है। इसकी स्थापना 6 अप्रैल 1980 को की गयी थी जबकि भारतीय जनता पार्टी का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में गठित भारतीय जनसंघ है। भाजपा की कथित विचारधारा एकात्म मानववाद सर्वप्रथम 1965 में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी। पार्टी हिन्दुत्व के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करती है और इसकी नीतियाँ ऐतिहासिक रूप से हिन्दू राष्ट्रवाद की पक्षधर रही हैं। इसकी विदेश नीति राष्ट्रवादी सिद्धांतों पर केन्द्रित है। जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष संवैधानिक दर्जा खत्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना तथा सभी भारतीयों के लिए समान नागरिकता कानून का कार्यान्वयन करना भाजपा के मुख्य ध्येय थे जो पूरे हो गये हैं। भाजपा ने हालाँकि 1998 से 2004 की राजग सरकार में किसी भी विवादास्पद मुद्दे को नहीं छुआ और इसके स्थान पर वैश्वीकरण पर आधारित आर्थिक नीतियों तथा सामाजिक कल्याणकारी आर्थिक वृद्धि पर केन्द्रित रही। सुरक्षा एवं आतंकवाद के विरोध से सम्बन्धित भाजपा की नीतियाँ कांग्रेस की नीतियों से अधिक आक्रामक और राष्ट्रवादी हैं। भाजपा की विदेश नीति जनसंघ की ही भांति, प्रचण्ड हिन्दू राष्ट्रवाद पर आधारित रही है जिसमें आर्थिक संरक्षणवाद का भी मिश्रण है। पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और चीन को मुंहतोड़ जवाब इसके गवाह हैं।
कहते हैं इतिहास अपने लिए कुछ इतिहास-पुरुष गढ़ता है। सतयुग से लेकर कलयुग ताक ऐसे उदाहरण मिलते हैं। इतिहास ने रावण को पैदा किया तो राम का अवतरण हुआ। कंस आया तो सुदर्शनधारी कृष्ण पैदा हुए। इतिहास गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाना चाहता था इसलिए भगीरथ पैदा हुए। गांधी, नेहरू, पटेल, सुभाष, तिलक, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद आदि को इतिहास ने अपनी जरूरत के अनुसार पैदा किया। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्य नाथ सभी इतिहास में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। राजनीतिक दलों की भी उत्पत्ति इसी के तहत हुई। देश ही नहीं दुनिया भर में पहचान बना चुकी भाजपा की 6 अप्रैल, 1980 को स्थापना विशेष परिस्थितियों में हुई थी। स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी है। इस बार स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने घरों पर पार्टी का झंडा लगाएंगे। राज्य मुख्यालयों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश सुनेंगे। उत्तर प्रदेश समेत सभी भाजपा शासित राज्यों में 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी अपना स्थापना दिवस मनाने की तैयारी में है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा डिजिटल माध्यमों से कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
उत्तर प्रदेश में भी पार्टी राज्य मुख्यालय समेत सभी क्षेत्रीय, जिला और महानगर कार्यालयों पर स्थापना दिवस का कार्यक्रम होगा। यूपी में प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष का सम्बोधन डिजिटल माध्यम से कार्यकर्ता सुन सकेंगे। इस दौरान भाजपा मुख्यालय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहेंगे। स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा पदाधिकारी 6 अप्रैल को बूथ समिति की बैठक भी करेंगे। यूपी के अलग-अलग जिलों के कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद और विधायक हिस्सा लेंगे।
भारतीय जनता पार्टी का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ है। राजनीतिक उथल पुथल के दौर में 1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद जनता पार्टी के निर्माण हेतु जनसंघ का अन्य दलों के साथ विलय हो गया। इससे चुनाव में पदस्थ कांग्रेस पार्टी को 1977 के आम चुनावों में हराना सम्भव हुआ। तीन वर्षों तक सरकार चलाने के बाद 1980 में जनता पार्टी विघटित हो गई और पूर्व जनसंघ के पदचिह्नों को पुनर्संयोजित करते हुये भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया गया। यद्यपि शुरुआत में पार्टी असफल रही और 1984 के आम चुनावों में केवल दो लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही। इसका बड़ा कारण 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के कारण उनके बेटे राजीव गांधी को सहानुभूति की लहर थी। इसके बाद कांग्रेस के ही नेता वीपी सिंह ने वोफोर्स तोप घोटाले को उठा कर तहलका मचा दिया । इसी के बाद जनता दल बना था। जनता दल में सबसे पहले वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। उनकी सरकार ने ही मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू कर आरक्षण का बखेडा खडा कर दिया । राम जन्मभूमि आंदोलन भी उसी दौर की देन है । इसी आन्दोलन ने भाजपा पार्टी को ताकत दी। कुछ राज्यों में चुनाव जीतते हुये और राष्ट्रीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुये 1996 में पार्टी भारतीय संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया जो सिर्फ 13 दिन चली थी। इसके बाद 1998 में आम चुनावों के बाद भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का निर्माण हुआ और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 24 छोटे बडे दलों को मिलाकर सरकार बनी जो एक वर्ष तक चली। इसके बाद आम-चुनावों में राजग को पुनः पूर्ण बहुमत मिला और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण किया। इस प्रकार पूर्ण कार्यकाल शासन करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी।इसके बाद 2004 के आम चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और अगले 10 वर्षों तक भाजपा ने संसद में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका
निभाई।
राजनीति में इतिहास को एक नये युग की शुरूआत करनी थी इसलिये 2014 के आम चुनावों में राजग को गुजरात के लम्बे समय से चले आ रहे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारी जीत मिली और भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी। राजनीति का एक नया युग शुरू हो चुका था । दिसम्बर 2017 में भारतीय जनता पार्टी भारत के २९ राज्यों में से १९ राज्यों में सत्ता में थी। आज कश्मीर से लेकर भगवान गौतम बुद्ध तपस्थली बिहार तक भगवा लहरा रहा है। अभी हाल ही पांच राज्यों मंे विधानसभा के चुनाव हुए। इनमंे भी चार राज्यों मंे भाजपा ने सरकार बनायी है। (हिफी)

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