तीर्थाटन व आयुष विकास के साझा प्रयास

(डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पहले उत्तर प्रदेश के बारे में धारणा थी कि यहाँ विकास नहीं हो सकता। आज उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में विकास कर रहा है। उत्तर प्रदेश आज अराजकता और दंगे से मुक्त है। उत्तर प्रदेश में संस्कृति व तीर्थाटन के क्षेत्र में विगत पांच वर्षों के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुए। प्रयागराज व हरिद्वार कुंभ समान रूप से महत्वपूर्ण है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से प्रयागराज कुंभ में अनेक विश्व स्तरीय कीर्तिमान स्थापित हुए थे।
उत्तराखंड कुछ दशक पहले तक उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। अलग प्रदेश बनने के बाद भी सांस्कृतिक एकरूपता यथावत है। दोनों प्रदेश भारत के व्यापक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में समाहित है। उत्तराखण्ड देवभूमि के रूप में प्रतिष्ठित है। उत्तर प्रदेश अवतारों की जन्म भूमि के कारण विख्यात है। संस्कृति के इन सूत्रों को अलग करके देखना संभव नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड मिलकर विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की पारस्परिक समस्याओं का समाधान अन्तिम चरण में है। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध ढंग से जन भावनाओं के अनुरूप कर लिया जाएगा।
पहले उत्तर प्रदेश के बारे में धारणा थी कि यहाँ विकास नहीं हो सकता। आज उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में विकास कर रहा है। उत्तर प्रदेश आज अराजकता और दंगे से मुक्त है। उत्तर प्रदेश में संस्कृति व तीर्थाटन के क्षेत्र में विगत पांच वर्षों के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुए। प्रयागराज व हरिद्वार कुंभ समान रूप से महत्वपूर्ण है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से प्रयागराज कुंभ में अनेक विश्व स्तरीय कीर्तिमान स्थापित हुए थे। उनकी सरकार की सांस्कृतिक यात्रा यहां से शुरू हुई थी। पांच वर्ष के दौरान इसमें अनेक प्रसंग जुड़ते गए। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव व मथुरा की होली को वैश्विक प्रतिष्ठा दिलाई। अब इनको देखने लाखों की संख्या में देश विदेश के पर्यटक पहुंचते है। अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य विकास हो चुका है। इसी प्रकार विंध्याचल धाम का निर्माण हो रहा है। आस्था के सभी स्थलों में विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है। इस क्रम में योगी आदित्यनाथ की उत्तराखंड यात्रा महत्वपूर्ण रही। जब आस्था के सूत्र एक है, तब साझा प्रयासों से पर्यटन सुविधाओं का व्यापक विकास भी किया जा सकता है। यह अच्छा है कि
दोनों प्रान्तों में इस समय एक ही पार्टी की सरकार है। केंद्र की सरकार का भी सहयोग व मार्गदर्शन
मिलता है। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों की सरकारें आस्था के स्थलों के विकास से बचती रही है। इससे उन्हें अपनी सेक्युलर छवि बिगड़ने की आशंका रहती है जबकि भाजपा सरकारों ने पर्यटन व तीर्थाटन को समग्र विकास से जोड़ने का कार्य किया है।
उत्तर प्रदेश व उत्तरखण्ड तीर्थाटन व पर्यटन विकास के साझा प्रयास कर सकते हैं। योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में कहा कि हेल्थ टूरिज्म आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा से ही प्रारम्भ हुआ है। इस कार्य को और बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने ग्राम जामली, पोखरी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में पतंजलि वेलनेस के योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इण्टीग्रेटेड चिकित्सा के केन्द्र वेदालाइफ निरामयम् का उद्घाटन किया। कहा कि मेडिसनल प्लाण्ट्स, हर्बल प्लाण्ट्स तथा वेलनेस सेण्टर का विकास हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक है। पतंजलि वेलनेस सेण्टर इसका सबसे अच्छा माध्यम बन रहा है। यहां पर अन्य कई संस्थाएं खड़ी हो सकती हैं। एफपीओ गठित हो सकते हैं। स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से इस कार्यक्रम को और गति दी जा सकती है।
केंद्र सरकार भी अपने स्तर से इस दिशा में कार्य कर रही है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर और हर घर नल योजना के अंतर्गत पोखरी में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। पोखरी में पहाड़ी की चोटी पर दो किलोमीटर पर पानी पहुंचाया गया है। इससे यहां वनस्पतियों को विकसित करना संभव हुआ है। वनस्पतियां अपने अन्दर पानी को सोखकर आवश्यकतानुसार उसका विसर्जन करती है। इस प्रक्रिया से अपने आप में एक ईको सिस्टम बनता है। इससे यह पूरा क्षेत्र मनुष्य सहित तमाम जीव जन्तुओं के लिए बेहतरीन शरणस्थली बनेगा। पहले पोखरी में हरियाली नहीं थी। आज यहां पर चन्दन हो रहा है। इतनी ऊँचाई पर उगाए जा रहे उत्पाद हर्बल और जैविक है। इससे स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा। कुछ वर्ष पहले तक यह एक सूखा स्थान था। लेकिन वेलनेस सेंटर बनने से यहां हरियाली दिख रही है। इस तरह के सेंटर उत्तराखण्ड में अन्य स्थानों पर भी स्थापित होने चाहिए। यह पूरा क्षेत्र मेडिकल, हर्बल इको टूरिज्म में देश दुनिया का आकर्षण बन सकता है। यहां के उत्पाद हर्बल व बिना कैमिकल के उगाए जाते हैं। ब्रिटिश काल में भी टीबी के इलाज के लिए लोगों को पहाडो में भेजा जाता था, जिससे शुद्ध हवा में वे स्वस्थ हो सकें। उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में अच्छी खेती होती थी लेकिन आज पलायन के कारण पहाड़ खाली हो रहे है। पलायन को रोकने के लिए सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और धमार्थ संस्थाओं को मिलकर आगे आना होगा। पतंजलि ने यहां पहाड़ की चोटी पर पानी पहुंचाया है जो बहुत बड़ी बात है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना हर घर जल का सपना साकार हो रहा है। पहले यहां नदियों में पानी होता था। आज नदियां सूख रही हैं, जिसे रोकने के लिए वृक्षारोपण, चैक डैम, रेन वाटर हारवेस्टिंग सहित अन्य उपाय करने होंगे। जिससे पहाड़ों में अन्दर तक पानी पहुंच सके। यह जीव जन्तुओं के लिए वरदान साबित होगा। यह केन्द्र उत्तराखण्ड के साथ अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल के रूप में कार्य करेगा और महत्वपूर्ण योगदान देगा।
स्वामी रामदेव ने कहा कि योगी संसार के कल्याण के लिए होता है। पूरा उत्तराखण्ड और यमकेश्वर योगी के लिए गौरवान्वित महसूस करता है। भारत और भारतीयता के विरोधी लोगों की आंखों में भगवा चुभता है। हरिद्वार और गुरुग्राम में इस तरह के वेलनेस सेंटर स्थापित किये जा चुके हैं। योग व आयुर्वेद से लोगों को ठीक कर एलोपैथिक दवाओं से मुक्ति दिलाई गई है। यह सेंटर टूरिज्म, वेलनेस, हेल्थ, रिलिजस टूरिज्म व इको टूरिज्म का सूत्रपात बनेगा। यह नए आरोग्य आन्दोलन का सूत्रपात हो रहा है। जिससे आयुर्वेद के क्षेत्र में क्रांति आएगी। (हिफी)