लेखक की कलम

प्यार की जगह पीड़ा दे रहे लिव-इन रिलेशन

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
लिव-इन रिलेशन को मूल भारतीय समाज में अस्वीकार किया जाता है, लेकिन समय के साथ-साथ यह विचार शहरी समाज के युवाओं में तेजी से फैल रहा है। कानून ने लिव-इन रिलेशनशिप को अब भारतीय समाज में एक स्वीकारणीय रिश्ता मान लिया है। यह विवादों का केंद्र बना हुआ है, कुछ लोग इसे एक सामाजिक बदलाव के रूप में स्वीकार कर रहे हैं लेकिन इसने भारतीय समाज को दोराहे पर ले जाकर खड़ा कर दिया है जहां योन वर्जनाओं को तोड़ने, बिना विवाह स्वच्छन्द योनाचार करने से सुखद की जगह दुखद नतीजे मिल रहे हैं।
लिव-इन रिलेशनशिप या सहमति संबंध एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें स्त्री और पुरुष बिना विवाह किए पति-पत्नी की भांति रहने के साथ-साथ आपस में शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। कई जोड़े तो बच्चे भी पैदा कर लेते हैं। आपसी सहमति से कायम यह संबंध पश्चिमी देशों में आम बात है और उनकी देखादेखी भारत जैसे देशों में भी यह बुराई फैलने लगी है। भारत में 1978 में सुप्रीमकोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने बद्री प्रसाद बनाम डायरेक्टर ऑफ कंसॉलिडेशन केस में पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को वैध माना था। इसके बाद 2010 में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा करते हुए लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि जो महिलाएं लिव-इन रिलेशनशिप में हैं, वे घरेलू हिंसा कानून के तहत संरक्षित हैं। आसान भाषा में इसे दो वयस्कों का अपनी मर्जी से बिना शादी किए एक छत के नीचे साथ रहना कहा जा सकता है। लिव-इन रिलेशनशिप में तलाक जैसे झंझट की नौबत तो नहीं आती, परंतु इनमें किसी एक साथी द्वारा धोखा देने के कारण दूसरे साथी की जिंदगी नरक जरूर बन जाती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है देश में पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रेम, असफल प्रेम, धोखा तथा अवैध सम्बन्धों को लेकर होने वाली हत्याओं में काफी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि अब आए दिन ऐसे अपराधिक मामले सामने आ रहे हैं जिनके मूल मे लिवइन रिलेशनशिप के दौरान हुए विवाद हैं। बानगी देखिए-
लखनऊ में जोमैटो कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर आशीष मिश्रा की लिव-इन पार्टनर और उसके परिजनों ने हत्या कर दी। मृतक आशीष के परिजनों ने लिव-इन पार्टनर समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। उसका नौ जनवरी को संदिग्ध हालात में शव परिजनों को लोहिया अस्पताल में मिला था। उनकी मां विजय लक्ष्मी ने लिव इन पार्टनर विभा और उसके रिश्तेदारों पर हत्या का आरोप लगाया था।
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने रूप नगर इलाके में सोनू नागर नाम के युवक की हत्या में लिव इन पार्टनर महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला ने भाड़े के हत्यारों से वारदात कराई थी। महिला को शक था कि सोनू ने उसके पति एवं बेटी की हत्या कराई थी।
4 सितम्बर, 2024 को बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) में एक महिला के साथ 6 वर्ष से लिव-इन में रह रहे एक भूतपूर्व सैनिक को उसके पहले पति से जन्मी 11 वर्ष की बेटी से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
24 अक्तूबर, 2024 को दिल्ली के मुकंदपुर में एक महिला ने अपने लिव-इन-पार्टनर को डंडों तथा हथौड़े से वार करके मार डाला। बताया जाता है कि यह महिला किसी दूसरे पुरुष के संपर्क में आ गई थी और अब पहले वाले को छोड़कर नए वाले के साथ रहना चाहती थी।
24 नवम्बर, 2024 को पुणे (महाराष्ट्र) के हिंजवडी में एक 32 वर्षीय शादीशुदा व्यक्ति ने अपनी लिव-इन-पार्टनर के चरित्र पर शक होने के कारण तीखी बहस के बाद हथौड़े से उसकी हत्या कर दी।
24 नवम्बर, 2024 को ही सोनीपत में एक विवाहित व्यक्ति को अपनी लिव-इन-पार्टनर और स्कूल के दिनों की प्रेमिका की हत्या करने और उसकी लाश को दबा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
18 जनवरी, 2025 को लखनऊ में लिव-इन में रह रही गीता नामक युवती की उसके साथ लिव-इन में रहने वाले युवक ने हत्या कर दी। गीता के नाम पर लगभग एक करोड़ रुपए का बीमा था।
26 जनवरी को दिल्ली में भाई के साथ लिव इन में रह रही युवती की गला दबाकर हत्या कर दी गई फिर उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे सूटकेस में बंद कर जला दिया गया। गाजीपुर की इस खौफनाक घटना को अंजाम देने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि मृतक युवती का ही चचेरा भाई निकला। उसका नाम अमित तिवारी है और मृतक युवती का नाम शिल्पा पांडे है। पुलिस ने इस मर्डर मामले में आरोपी अमित तिवारी और उसके दोस्त अनुज को गिरफ्तार कर लिया।
17 फरवरी, 2025 को लखनऊ के घसियारी मोहल्ले में सूरज नामक एक व्यक्ति अपने साथ रह रही लिव-इन-पार्टनर पूजा की गला घोंट कर हत्या करने के बाद उसके गहने और स्कूटी लेकर फरार हो गया।
22 फरवरी, 2025 को शिवपुरी (मध्य प्रदेश) में एक महिला को 2 वर्ष तक लिव-इन रिलेशन में रखने और बलात्कार करके उसे गर्भवती करने के बाद शादी से इन्कार करने के आरोप में युवक को गिरफ्तार किया गया। 26 फरवरी, 2025 को इंदौर में कृष्णा सिसोदिया नामक एक 19 वर्षीय मेकअप आर्टिस्ट ने अपने लिव-इन-पार्टनर संस्कार पटोलिया की हत्या कर दी। बताया जाता है कि कृष्णा अपने घर जाना चाहती थी लेकिन संस्कार ने उसे रोकने के लिए उसका दुपट्टा खींच लिया। इस पर गुस्से में आकर कृष्णा ने अपने दुपट्टे से ही उसका गला दबा कर मार डाला।
2 मार्च, 2025 को मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) के गांव लुरकुटिया में पुलिस ने मालती नामक एक महिला की हत्या करके लाश को सड़क के किनारे फेंक देने के आरोप में उसके लिव-इन-पार्टनर राजेंद्र बिंद को गिरफ्तार किया। आरोपी ने मालती के दिव्यांग बेटे रौनक को भी हत्या की नीयत से पुल के नीचे फैंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 18 जनवरी को लखनऊ में रायबरेली रोड पर डिफेंस एक्सपो मैदान के पास अधिवक्ता गिरिजा शंकर पाल ने लिव-इन पार्टनर गीता शर्मा (31) को सफारी से रौंदकर मारा था। पीजीआई पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि अवैध संबंध के शक और रुपये के लेनदेन के विवाद में वारदात की।
जाहिर है कि लिव-इन रिलेशन अब प्यार की जगह अपराध को जन्म दे रहे हैं कहीं शादी शुदा लोग अविवाहित लड़की को धोखा दे कर लिवइन में रख लेते हैं तो कभी गर्भधारण करने पर पीछा छुड़ाने के लिए शोहदे लिव इन पार्टनर को मौत की नींद सुला देते हैं। लिवइन में रहना बेहद जोखिम भरा हो गया है। इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताते हुए पंजाब राज्य
महिला आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने कहा है कि लिव-इन रिलेशन का ग्राफ बढ़ रहा है। युवक-युवतियां और यहां तक कि कई विवाहित स्त्री-पुरुष भी इस बुराई की तरफ जा रहे हैं
जो हमारे समाज को घुन की तरह
खा रही है। इससे तुरंत बचने की आवश्यकता है। (हिफी)

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