लेखक की कलम

विवाद को जन्म दे रहा लुलु माॅल

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मंे एक अन्तरराष्ट्रीय स्तर का माॅल बनाने का दावा किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को उस माॅल का उद्घाटन किया और उम्मीद जतायी कि इसके माध्यम से प्रदेश केे युवाओं को रोजगार मिलेगा और भाजपा सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना बनायी है, उसके उत्पादों का इस माॅल के माध्यम से विदेशों को निर्यात किया जाएगा। लगभग 2.2 मिलियन वर्गफुट मंे बने इस आधुनिकतम माॅल मंे 15 रेस्तरां और कैफे हैं जबकि 25 ब्रांड के फूड आउटलेट और फूड कोर्ट है। इन फूड कोट्र्स में 1600 लोग एक साथ बैठ सकेंगे। यह भी कहा गया कि शीघ्र ही इस माॅल मंे 11 स्क्रीन वाले पीवीआर सुपर प्लेक्स की भी शुरुआत की जाएगी। जाहिर है कि हजारों लोगों को रोजगार देने वाले इस माॅल का जनता स्वागत करे लेकिन दो दिन बाद ही इस माॅल का जो चरित्र सामने आया, उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चैंका दिया होगा। इस माॅल के मालिक यूसुफ नामक एक मुस्लिम है। उद्योग लगाने वाला हिन्दू है या मुसलमान, इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन 12 जुलाई को ही माॅल के अन्दर कुछ लोग नमाज पढ़ते हुए दिखाई दिये। नमाज पढ़ने का ही एक और वीडियो सामने आया। सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक क्रिया-कलापों पर रोक है तो माॅल के अंदर नमाज क्यों पढ़ी गयी? हिन्दू महासभा के लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षित कराया है। हिन्दू महासभा के लोगों ने कहा गया कि अगर वहां दोबारा नमाज पढ़ी गयी तो हम लोग वहां सुंदर कांड का पाठ करेंगे। इसके साथ ही हिन्दुओं से लुलु माॅल का बहिष्कार करने की अपील की गयी है। इस पूरे प्रकरण पर लुलु माॅल के प्रबंधकों की तरफ से बयान जारी किया गया और कहा गया कि हमंे इसकी जानकारी नहीं है। माॅल के पदाधिकारियों का कहना है कि माॅल के अन्दर धार्मिक गतिविधियों की इजाजत बिल्कुल नहीं है। सवाल यह महत्वपूर्ण है कि माॅल के अंदर क्या सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था नहीं है।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मॉल लखनऊ में खुला है। नाम है लुलु मॉल। यह मॉल ऑपनिंग डे से ही लोगों को काफी अधिक आकर्षित कर रहा है। पहले ही दिन एक लाख से अधिक लोगों ने इस मॉल को विजिट किया। लुलु ग्रुप का फ्लैगशिप लुलु हाइपरमार्केट और सबसे बड़ा इनडोर फैमिली एंटरटेनमेंट सेंटर फनचुरा लोगों को खूब पसंद आ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मॉल का उद्घाटन किया था। यह मॉल 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 22 लाख वर्ग फुट में बना हुआ है। देश में लुलु ग्रुप द्वारा निर्मित यह पांचवां मॉल है। इससे पहले बेंगलुरू, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और त्रिशूर में इस तरह के मॉल कंपनी बना चुकी है। इस मॉल में बच्चे और वयस्क खूब आनंद ले रहे हैं। यहां कई इंटरैक्टिव आकर्षण हैं। जैसे- मिनी-कॉस्टर, ड्रॉप टावर, एक वीआर इनेबल्ड एडवेंचर एरिना, आर्केड और नए-नए वीडियो गेम्स। मॉल के फूड कोर्ट में कई तरह के व्यंजन भी मौजूद हैं। लुलु हाइपरमार्केट लुलु फैशन स्टोर और लुलु कनेक्ट सहित स्थानीय और वैश्विक खरीदारी विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इसमें फलों और सब्जियों, बेकरी, डेयरी और पिज्जा से लेकर तैयार स्नैक्स तक किराने की खरीदारी के कई विकल्प हैं। अन्य उत्पादों में घरेलू जरूरत के सामान, कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण शामिल हैं। लुलु मॉल लखनऊ के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने कहा, “हम लखनऊ के लोगों से मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं। पहले ही दिन एक लाख से अधिक विजिटर्स ने दिखा दिया कि लुलु मॉल के लिए लखनऊवासियों में कितना उत्साह था। हमें जो प्यार मिला है, उसके लिए हम आभारी हैं। हमें यकीन है कि लखनऊ का लुलु मॉल अब उत्तर प्रदेश में खरीदारी का सबसे पसंदीदा स्थान बन जाएगा। लुलु मॉल में डेकाथलॉन, स्टारबक्स, नायका लक्स, कल्याण ज्वैलर्स, यूनीक्लो और चिलीज सहित कई बड़े ब्रांड मौजूद हैं। इसमें 25 ब्रांड आउटलेट्स के साथ एक बड़ा फूड कोर्ट है। इसमें बड़ी संख्या में लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस मॉल में शादी की खरीदारी के लिए आए ग्राहकों के लिए एक विशेष जगह भी है, जहां गहनों और फैशन आइटम्स की बड़ी रेंज उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शहीद पथ से सटे करीब 11 एकड़ इलाके में बना लुलु मॉल देश के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल्स में से एक है। 50 हजार लोग इस मॉल में एक साथ शॉपिंग कर पाएंगे। यहां सैकड़ों की संख्या में नैशनल और इंटरनेशनल ब्रांड्स हैं। हालांकि लुलु मॉल का नाम ही खुद में खास है। लुलु मॉल का ऐसा नाम क्यों रखा गया है, इसका किस्सा भी दिलचस्प है। लुलु ग्रुप इंटरनेशनल एक मल्टिनेशनल कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी आबू धाबी में है। दरअसल लुलु एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब मोती होता है। इसी के नाम पर ग्रुप का नाम पड़ा है। लुलु ग्रुप हाइपरमार्केट और रिटेल कंपनियों की एक बड़ी चेन चलाता है। इसे केरल निवासी एम.ए. यूसुफ अली ने शुरू किया था। लुलु ग्रुप इंटरनेशनल ने अबू धाबी में अपना पहला सुपरमार्केट खोला था। लुलु ग्रुप का सालाना टर्नओवर 8 अरब डॉलर का है। इस ग्रुप का कारोबार सबसे अधिक अरब देशों खासतौर पर यूएई में फैला है। इस ग्रुप का बिजनस मध्य पूर्व, एशिया, अमेरिका और यूरोप में समेत 22 देशों में है। लुलु ग्रुप ने करीब 57 हजार लोगों को रोजगार दिया हुआ है। भारत की बात करें तो अभी तक इस कंपनी ने कोच्चि में सबसे बड़ा मॉल बनाया है। कोच्चि, बेंगलुरू और तिरुवनंतपुरम के बाद लखनऊ चैथा शहर है, जहां उसने अपना सुपरमार्केट खोला है। लुलु ग्रुप ने उत्तर भारत का पहला मॉल लखनऊ में खोला है। लुलु मॉल में 1600 लोग फूडकोर्ट में एक साथ बैठ सकेंगे, 50 हजार लोग एक साथ शॉपिंग कर सकेंगे, 300 से अधिक इंटरनेशनल और नेशनल ब्रांड, 11 स्क्रीन का सुपरप्लेक्स, 15 रेस्टोरेंट, 25 आउटलेट का फूडकोर्ट, एटीएम, बेबी केयर रूम, बैगेज काउंटर, कस्टमर लिफ्ट, कार वॉशिंग, पीने का पानी, दिव्यांगों के लिए वॉशरूम की व्यवस्था, मल्टी लेवल कार पार्किंग, 3,000 गाड़ियों की हो सकती है पार्किंग, लुलु मॉल में एस्केलेटर, हेलमेट पार्किंग की सुविधा, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए पार्किंग की अलग व्यवस्था है।
कारोबारी विशेषताओं से इतर इस माॅल ने विवादों का गंदा शोरूम भी खोल दिया है। हिन्दू महासभा के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों की तरफ भी शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। सोशल मीडिया की खबरों के अनुसार लुलु माल मंे 70 फीसद मुस्लिम पुरुषकर्मी हैं और 30 फीसद हिन्दू महिलाकर्मी नियुक्त की गयी हैं। यह संकेत लवजिहाद को बढ़ावा देने का है। (हिफी)

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