विपक्षी नेतृत्व के लिए तैयार हैं ममता

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
विपक्षी दलों के गठबंधन की नेता का पद मिलने की संभावना से ममता बनर्जी गदगद हैं, इसमंे कोई संदेह नहीं। पिछले दिनों पूर्वी मेदिनीपुर मंे एक कार्यक्रम के दौरान उन सभी विपक्षी नेताओं का आभार जताया जिन्होंने राहुल गांधी की जगह ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने पर सहमति जतायी है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष कहते हैं कि ममता बनर्जी एक वैकल्पिक मंच बनाने मंे रुचि रखती हैं जो भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में पराजित कर सके। विपक्षी दलों के गठबंध्ण्ना इंडिया का गठन भी इसी उद्देश्य से किया गया था। ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों को एक करने का प्रयास तो नोटबंदी और जीएसटी के समय से ही शुरू किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने पटना मंे विपक्षी दलों की बैठक बुलाकर सभी को एकजुट करने का प्रयास किया था। उस समय वह बिहार मंे राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे लेकिन हवा का रुख भांपकर नीतीश ने भाजपा का दामन पकड़ा और राजग के साथ सरकार बना ली। इस प्रकार विपक्षी दलों की एकता का समीकरण ही बदल गया। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव मंे इंडिया गठबंधन ने एनडीए को टक्कर दी। भाजपा अपने लक्ष्य से काफी दूर रह गयी लेकिन इंडिया के घटक भी एक दूसरे से अपने को इक्कीस साबित करने लगे। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव का गुरूर भारी पड रहा है। विपक्षी दलों के गठबंधन के दरकने का यही प्रमुख कारण है। हालात ये हैं कि कांग्रेस नेतृत्व पीछे हटने को तैयार नहीं है और ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा खुलकर जाहिर कर दी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने की मांग उठ रही है। लालू यादव, शरद पवार से लेकर संजय राउत ने भी ममता बनर्जी को प्रमुख भूमिका देने की बात कही है। इस बीच ममता बनर्जी ने इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व में बदलाव की चर्चाओं पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने इस पद के लिए उनका समर्थन करने वाले विपक्षी नेताओं को धन्यवाद दिया है। ममता बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, मैं उन सभी नेताओं की आभारी हूं जिन्होंने मुझे सम्मानित किया है। मैं उन सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं। वे स्वस्थ रहें, उनकी पार्टी स्वस्थ रहे, भारत स्वस्थ रहे। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि ममता एक वैकल्पिक मंच बनाने में रुचि रखती हैं जो भाजपा को हरा सके। उन्होंने कहा ममता बनर्जी ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें दिल्ली में किसी ‘कुर्सी’ में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह एक वैकल्पिक मंच बनाने में रुचि रखती हैं जो भाजपा को हरा सके। इंडिया गठबंधन के भीतर, पश्चिम बंगाल में हमने भाजपा को हराया है, झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में, झामुमो ने भाजपा को हराया है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जहां भाजपा को हराने की मुख्य जिम्मेदारी कांग्रेस पर थी, वे फेल रहें, इसलिए कांग्रेस को इस बात का आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि वह हरियाणा, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों में क्यों विफल रहीं। ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे को चलाने की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
कुछ दिन पहले ही इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के कामकाज पर सवाल उठाया था और संकेत दिया था कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालेंगी। इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इंडिया ब्लॉक के बनर्जी के संभावित नेतृत्व का समर्थन किया। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी ममता बनर्जी को गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया। वहीं, संजय राउत ने सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में कांग्रेस की स्थिति को स्वीकार किया और गठबंधन को मजबूत करने के लिए बनर्जी, उद्धव ठाकरे, लालू प्रसाद, शरद पवार और अखिलेश यादव सहित कई संभावित नेताओं का सुझाव दिया। वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी गठबंधन की अध्यक्षता कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है। इस घोषणा के बाद विपक्षी दलों के बीच चर्चा तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे, शरद पवार से लेकर लालू प्रसाद यादव ने भी ममता को समर्थन दिया है। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के सांसदों को इस मामले पर टीका-टिप्पणी से बचने का निर्देश दिया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों से कहा कि वे ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं के बयानों पर टिप्पणी करने से परहेज करें, क्योंकि अगर कोई मुद्दा है तो उसे पार्टी नेतृत्व देखेगा। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के लोकसभा सदस्यों के साथ बैठक में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सांसदों को जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाते रहने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के भीतर ही नेतृत्व को लेकर कुछ नेताओं ने बयान दिए हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ममता बनर्जी को नेतृत्व मिलना चाहिए। कांग्रेस के विरोध का मतलब नहीं बनता है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी इस बात पर चर्चा करने के लिए तैयार है कि क्या कांग्रेस के बाहर किसी को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नेतृत्व करना चाहिए। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी अपनी नेता ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व देने की पैरवी की थी।
इसका कारण भी है। पश्चिम बंगाल उपचुनाव में ममता बनर्जी का जलवा बरकरार रहा। ममता की अगुवाई में पार्टी ने सभी 6 सीटों पर क्लीन स्वीप किया है। सिताई, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तालडांगरा सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने परचम लहरा दिया है। वहीं बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली मदारीहाट सीट भी ममता बनर्जी की पार्टी सेंधमारी करने में कामयाब रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बाकी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है। 13 नवंबर को बंगाल में कुल 6 सीटों पर उपचुनाव कराए गए थे, जिसका परिणाम 23 नवंबर को आया। टीएमसी ने सभी 6 सीटों पर परचम लहरा दिया है। सिताई सीट पर टीएमसी प्रत्याशी संगीता रॉय ने बड़े अतंर से जीत हासिल की तो वहीं, मदारीहाट सीट जयप्रकाश टोप्पो जीतने में कामयाब रहे। उत्तर 24 परगना क्षेत्र की नैहाटी विधानसभा सीट पर सनत डे ने जीत दर्ज की। हरोआ और मेदिनीपुर सीट भी टीएमसी के खाते में गई। बांकुरा की तलडांगरा विधानसभा सीट फल्गुनी सिंघाबाबू ने जीतने में कामयाब रहे। सिताई सीट पर टीएमसी की संगीता रॉय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी के दीपक कुमार रे को 1,30,636 मतों के भारी अंतर से हरा दिया है। (हिफी)