पहले ही वनडे में नाबाद शतक जड़ने वाली मिताली राज

(एस.सी. मिश्र-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारतीय महिला क्रिकेट की बड़ी पहचान मिताली राज ने 8 जून को अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इसके लिए उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। अपने 23 साल के क्रिकेट जीवन मंे मिताली राज ने क्रिकेट प्रेमियों की भरपूर तालियां बटोरीं अपने पहले ही वनडे मंे उन्हांेने नाबाद शतक जड़ा था। उन्हंे अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री से भी नवाजा गया। खेल जगत का सबसे बड़ा सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न भी उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कर-कमलों से मिला। मिताली राज ने इंग्लैण्ड की टीम के साथ खेलते हुए दोहरा शतक जमाया। बल्लेबाजी के साथ मिताली स्पिन गेंद फेंकने मंे भी माहिर थीं। अन्तरराष्ट्रीय मैचों से उन्हें भले ही संन्यास ले लिया है लेकिन उम्मीद है कि घरेलू मैचों मंे उनकी बल्लेबाजी देखने को मिलेगी।
मिताली राज ने 23 साल के लंबे करियर के बाद क्रिकेट को अलविदा कहने का ऐलान कर दिया है। मिताली ने 22 गज की पिच पर बहुत कुछ हासिल किया, कई रिकॉर्ड बनाए और कई तोड़े। उनका जन्म साल 1982 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। उनके पिता एयरफोर्स में अफसर थे। दुनिया की दिग्गज महिला क्रिकेटरों में शुमार मिताली राज ने 1999 में अपने करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच आयरलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्होंने 2002 में टेस्ट डेब्यू किया और फिर 2006 में करियर का पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। अब 2022 में यानी 23 साल के लंबे करियर के बाद उन्होंने इस खेल को अलविदा कहने का फैसला किया। मिताली राज का जन्म साल 1982 में 3 दिसंबर को हुआ था। उनका परिवार तब राजस्थान के जोधपुर में रहता था। हालांकि वह एक तमिल परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दोराई राज भारतीय वायु सेना में एयरमैन (वारंट ऑफिसर) थे और माता लीला राज हैं। बाद में वह जोधपुर से हैदराबाद शिफ्ट हो गए थे। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई भी हैदराबाद से ही की है। मिताली राज ने महज 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और देखते ही देखते वह अपने बल्ले की चमक बिखेरती रहीं। उन्हें 16 साल की उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने का मौका मिला। वह अब भी हैदराबाद में ही रहती हैं। उन्होंने हैदराबाद में कीज हाई स्कूल से पढ़ाई की। फिर इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए सिकंद्राबाद के कस्तूरबा गांधी जूनियर कॉलेज में दाखिला ले लिया। मिताली राज ने अपने बड़े भाई के साथ स्कूल के दिनों में क्रिकेट कोचिंग शुरू कर दी थी। उन्हें बाद में रेलवे टीम ने मौका दिया। इसके अलावा उन्होंने एयर इंडिया और एशिया महिला टीम का भी प्रतिनिधित्व किया। अपने 2 दशक से भी लंबे करियर में उन्होंने कई प्रतिष्ठित सम्मान पाये। उन्हें 2003 में अर्जुन अवॉर्ड और 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। पिछले साल 2021 में उन्हें खेल जगत के सबसे बड़े सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से भी नवाजा गया पूर्णिमा राव, अंजुम चोपड़ा और अंजू जैन जैसी दिग्गज महिला खिलाड़ियों के साथ भी खेल चुकीं मिताली राज ने अपने करियर के पहले ही वनडे में नाबाद शतक जड़ा था। उन्होंने तब 114 रन की नाबाद पारी खेली थी। भारतीय महिला टीम ने उस मैच में आयरलैंड को 161 रन से मात दी थी। मिताली ने टेस्ट, वनडे और टी20, तीनों फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। साल 1997 के महिला वर्ल्ड कप में उन्हें संभावित खिलाड़ियों में नामित तो किया लेकिन वह अंतिम-एकादश में जगह नहीं बना सकीं। उनकी उम्र तब महज 14 साल थी। उन्होंने 2001 में लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दोहरा शतक जमाया और करेन रोल्टन के 209 के सर्वोच्च व्यक्तिगत टेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ा। बाद में इस रिकॉर्ड को पाकिस्तान की किरण बलूच ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 242 रन बना कर तोड़ा। मिताली के करियर की बात करें तो उन्होंने 12 टेस्ट मैचों में 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाते हुए कुल 699 रन बनाए। इसके अलावा वनडे करियर में 232 मैचों में कुल 7805 रन बनाए जिनमें 7 शतक और 64 अर्धशतक शामिल हैं। टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में उन्होंने 89 मैचों में 17 अर्धशतकों की बदौलत कुल 2364 रन बनाए। वह लेग स्पिन गेंदबाजी भी कर लेती हैं और उनके नाम 8 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी हैं
भारतीय महिला टीम की कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर मिताली राज ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। इस प्रकार मिताली का वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया। दो दशक से लंबे करियर में मिताली ने बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। मिताली विमेन वनडे इंटरनेशनल्स में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं। मिताली ने साल 1999 में आयरलैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। वहीं उनका आखिरी मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में था जो इसी साल खेला गया था। मिताली लंबे समय से क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्हें विमेन क्रिकेट की महानतम खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। साल 2017 के महिला क्रिकेट विश्व कप के दौरान मिताली ने लगातार 7 अर्धशतक लगाकर समसनी मचा दी थी। ऐसा करने वाली वो पहली महिला क्रिकेटर हैं। मिताली के पास एक टीम के लिए लगातार सबसे ज्यादा वनडे इंटरनेशनल खेलने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। मिताली ने भारत के लिए लगातार 109 मैच खेले थे। मिताली वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी हैं और वर्तमान में उनके नाम 232 मैचों में 7805 रन दर्ज हैं। इस रेकॉर्ड को तोड़ना काफी मुश्किल है। मिताली राज टी-20 में 2,000 से ज्यादा रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। उनके पास 20 साल से ज्यादा सालों तक खेलने का भी रिकॉर्ड है। ऐसा करने वाली वह दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं। मिताली 200 से ज्यादा वनडे खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं। मिताली के इस रिकॉर्ड को तोड़ना भी आसान नहीं होगा।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की टेस्ट और वनडे कप्तान मिताली राज ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। अपने क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने कई शानदार पारियां खेली। उनकी एक ऐसी पारी के बारे में बताते हैं जब उन्होंने पाकिस्तान की गेंदबाजों की जमकर बखिया उधेड़ी थी। यह साल 2013 था और भारत में वनडे विश्व कप खेला जा रहा था। इस वर्ल्ड कप का एक मुकाबला 7 फरवरी 2013 को कटक में भारत और पाकिस्तान की महिला टीमों के बीच खेला गया। पाकिस्तान की कप्तान सना मीर ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया। पाकिस्तान की शुरुआत ठीक नहीं रही और उसकी दोनों सलामी बल्लेबाज नाहिदा खान और सिद्रा अमीन 28 रन पर पवेलियन लौट गईं। इसके बाद नैन आबिदी ने 58 और निदा डार ने 68 रन की पारी खेली। इस तरह पाकिस्तान ने इस विश्व कप मुकाबले में 50 ओवर में 7 विकेट पर 192 रन बनाए। भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए 193 रन का टारगेट मिला। टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहला विकेट 8 रन पर गिर गया। पारी का आगाज करने आईं पूनम राउत 4 रन बनाकर आउट हुईं। इसके बाद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरी मिताली राज ने पाकिस्तान के गेंदबाजों की जमकर खबर ली। हालांकि इस दौरान दूसरे छोर पर भारत के विकेट गिरते रहे। लेकिन मिताली ने एक छोर पर पाकिस्तान की गेंदबाजों पर प्रहार करना जारी रखा। मिताली राज ने जबरदस्त बल्लेबाजी के चलते इस मुकाबले को एकतरफा बना दिया। पाकिस्तान के गेंदबाजों ने उन्हें आउट करने में पूरा जोर लगा दिया लेकिन नाकाम रहीं। मिताली ने इस दौरान 103 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।