लेखक की कलम

मोदी का चमत्कारिक नेतृत्व

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  •  योगी आदित्यनाथ समेत कई चेहरे दे रहे हैं बड़ा योगदान
  •  अमित शाह को तो बताया जाता है मोदी की छाया

मुझे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिल रहा है जो शासनगत समस्याओं से परेशान न हो लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति भी नहीं मिला जो यह बताए कि भारत मंे नरेन्द्र मोदी से बेहतर कोई नेता है जो इन समस्याओं को दूर कर सकता है। इसे चमत्कारिक नेतृत्व ही कहा जाएगा। नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भारत के युवा वर्ग के आइकान बन गये थे और पिछले 8 वर्षों से प्रधानमंत्री के रूप मंे उन्हांेने देश मंे ही नहीं विश्व स्तर पर छाप छोड़ी है। अमेरिका ने कभी उन्हें वीजा देने से मना किया था, उसी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मौजूदा प्रेसीडेंट जो बाइडेन उनसे दोस्तों जैसा व्यवहार करते हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित कर रखा है। देश के अंदर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया। बेशक इसके पीछे भी कई चेहरे हैं जो पीएम मोदी की ताकत को लगातार बढ़ाते रहते हैं। इनमंे एक नाम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी है। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने इसीलिए कहा था- यूपी प्लस योगी हैं बहुत उपयोगी इसी तरह गृहमंत्री अमित शाह और सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे लोग भी मोदी की सल्तनत को बड़ी मजबूती से संभाले हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बहुत अच्छी टीम है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी का व्यक्तित्व अनूठा है लेकिन उसको धार देने का काम उनकी टीम करती है। गृहमंत्री अमित शाह तो मोदी की छाया जैसे हैं और योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की जो छवि बनायी है, उसका भी कोई जवाब नहीं है। अभी तेलंगाना यात्रा मंे मोदी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तेलंगाना की धरती से बधाई देना चाहूंगा। किसी ने उनसे कहा कि उन्हें उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए लेकिन योगी जी ने कहा कि वह साइंस में यकीन रखते हैं और वहां के लिए निकल गए। आज वह दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा की। पीएम ने कहा कि यूपी प्लस योगी आज बहुत है उपयोगी। व्यापारी, कारोबारी पहले जब घर से सुबह निकलता था तो परिवार को चिंता होती थी, गरीब परिवार दूसरे राज्य काम करने जाते थे तो घर और जमीन पर अवैध कब्जे की चिंता होती थी कि कब कहां दंगा हो जाए, कहां आगजनी हो जाए, कोई नहीं कह सकता था। पीएम ने कहा कि पहले कई गांवों से पलायन की खबरें आती रहती थीं, लेकिन योगी जी की सरकार ने प्रदेश की स्थिति को सुधारने के लिए बहुत परिश्रम किया है। आज माफिया की जमीन और अवैध जमीन पर बनी बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलता है। बुल्डोजर तो गैर-कानूनी इमारत पर चलता है, लेकिन दर्द उसे पालने-पोसने वाले को होता है। इसीलिए आज यूपी की जनता कह रही है- यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 27 मई को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी और इसके प्रमुख अखिलेश यादव को चुन-चुनकर जवाब दिया। उन्होंने किसानों के लिए सरकार के काम को गिनाते हुए पश्चिमी यूपी में भाजपा की जीत और किसान आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले फेज में 58 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 46 पर जीत हासिल की। सीएम योगी ने कहा, अन्नदाता किसानों को लेकर बहुत सारी चीजें कहीं गईं। गुमराह करने वाली बातें होती थीं। किसानों की सर्वाधिक आत्महत्या किस सरकार में हुई? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि किसानों की सबसे ज्यादा आत्महत्या 2004 से 2016 के बीच हुई। हम आए 2017 में। प्रदेश की माली स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन तब भी हम लोगों ने 46 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। धान और गेहूं की खरीद की पारदर्शी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार योगी आदित्यनाथ की
छवि से भी मोदी का नेतृत्व दैदीप्यमान हुआ है।
दूसरा चेहरा अमित भाई का ही नजर आता है। गुजरात से ही मोदी और अमित शाह की बेहतर बांडिंग रही है। अमित शाह मोदी सरकार में न केवल नंबर दो पर हैं बल्कि उनकी छाया भी। मोदी और शाह का बहुत पुराना साथ है। दोनों के बीच जबरदस्त समझबूझ भी। शाह ने पहले बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर पूरी पार्टी में न केवल जान फूंकी बल्कि संगठन के तौर पर उसे बहुत दमदार बना दिया। पार्टी अब नए आत्मविश्वास के साथ हर तरह के चुनावों में सफलता की नई कहानी लिखती है। पार्टी के दो लोकसभा चुनावों और तमाम राज्यों के चुनावों में जीत की पटकथा भी उन्होंने बखूबी लिखी। अब वो बीजेपी में सबसे बड़े रणनीतिकार हैं। गृह मंत्री के तौर पर भी उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा को बदला है। कश्मीर मंे धारा 370 को हटाने का श्रेय उन्हीं को है।
अजित डोभाल मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वह देश में आतंरिक सुरक्षा से लेकर केंद्र की कश्मीर नीति में खास भूमिका निभाते रहे हैं। साथ ही चीन से लेकर जापान में क्वाड सम्मेलन तक में प्रधानमंत्री के साथ सक्रिय रहे हैं। सरकार के लिए वह कभी बैकग्राउंड में रहते हैं तो कभी सामने से अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पंजाब और मिजोरम में आतंकवाद विरोधी आपरेशन में खास भूमिका अदा की। डोभाल वो शख्स भी हैं जिन्होंने 1999 में कंधार में जब इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट हाइजैक हुई थी तो वार्ताकार के तौर पर खास काम किया था।
नितिन गडकरी मोदी सरकार में सबसे सीनियर मंत्रियों में हैं, जिनके पास योजनाओं की कमी नहीं। वह प्रधानमंत्री के गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान में मुख्य भूमिका निभाने वाले मंत्री हैं। उनके सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को देश में सबसे शानदार तरीके से काम करने वाला महकमा माना जाता है। देश में नए एक्सप्रेस और सड़कों का तेजी से बनता और फैलता हुआ संजाल उनके नाम जाता है। उनका मंत्रालय रोज पूरे देश में 50 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाने का लक्ष्य लेकर चला है और इसे निभा भी रहा है। भाजपा गडकरी के कार्य को अपनी प्रमुख उपलब्धियों मंे गिनाती है। पीएम के प्रमुख सचिव पीके मिश्र और उसके पूर्व नृपेन्द्र मिश्र का योगदान भी मोदी की बेहतर छवि बनाने मंे सहायक रहा है।
मौजूदा विदेश मंत्री जयशंकर का पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्रसंघ में मोदी की रूस समर्थक नीति पर दिया गया करारा जवाब सभी को याद होगा। जयशंकर ने कहा था कि भारत रूस से जितना तेल साल भर में खरीदता है, यूरोपीय देश उतना तेल दोपहर तक खरीद चुके होंगे। ऐसे हाजिर जवाब विदेश मंत्री ने भी मोदी की छवि को संवारा है।
देश में विदेश विभाग के तहत आला अफसर रहे जयशंकर को 2019 में विदेश मंत्री बनाया गया। वो पहले ऐसे पूर्व विदेश सचिव हैं, जिन्हें सीधे नौकरी से रिटायर होने के बाद कैबिनेट मंत्री बनाकर विदेश महकमा सौंपा गया। राजनयिक के तौर पर उनका कामकाज और क्षमता असंदिग्ध रही है। कई मामलों में वो बहुत असरदार रहे हैं। उन्होंने अमेरिका में राजदूत रहते मोदी की पहली अमेरिका यात्रा को बखूबी संभाला था और फिर उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात में भूमिका अदा की थी। (हिफी)

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