लेखक की कलम

उत्तराखण्ड में भी मस्जिद विवाद

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तराखण्ड मंे उत्तर काशी में एक मस्जिद को हटाने के लिए विवाद बीते साल 2024 मंे शुरू हुआ था। यह विवाद नये साल मंे तूल पकड़ सकता है क्योंकि तेलंगाना से भाजपा विधायक टी राजा सिंह इसकी अगुवाई करने लगे हैं। इस विवाद के चलते ही अक्टूबर 2024 में पत्थरबाजी हुई थी जिसमें दो दर्जन से ऊपर लोग घायल हो गये थे। हिन्दूवादी तीन नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी। मामला अब तक शांत नहीं हो पाया है। इसाी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर तलाशना ठीक नहीं है। इसका धर्माचार्यों ने दबे स्वर से विरोध भी किया है। उत्तराखण्ड तो धार्मिक पर्यटन स्थल है और मस्जिद और लैण्ड जिहाद के मामले बढ़ने से पर्यटन भी प्रभावित हो सकता है। उत्तरकाशी मंे मस्जिद विवाद को लेकर महापंचायत हो चुकी है जिसमें तेलंगाना से भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि लैण्ड जिहादी जिस भाषा मंे समझते हैं, उनको उसी भाषा में समझाया जाएगा। ध्यान रहे कि बागेश्वर पीठ के धीरेन्द्र शास्त्री ने भी हिन्दू जागरण यात्रा निकाली थी। अब टी राजा सिंह भी हिन्दुओं को एकजुट होने की जरूरत बता रहे हैं।
उत्तरकाशी मंे बड़ाहाट इलाके मंे स्थित इस मस्जिद का निर्माण 1969 मंे हुआ था। सन् 2005 मंे इसी जमीन का दाखिल खारिज किया गया था। बाते 21 अक्टूबर को उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बताया था कि ये जमीन रमजान अली पुत्र रसीद अहमद, यासीन बेग पुत्र आशीग बग, ईलाही बख्श पुत्र जहांगीर बख्श व मुहम्मद रफीक पुत्र जहांगीर बख्श निवासीगढ़ उत्तरकाशी पट्अी बाड़ा हाट, तहसील भरवाड़ी को बेची गयी थी। इस विवाद में 200 से ऊपर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
उत्तरकाशी के भटवाड़ी रोड के पास बनी मस्जिद को हटाने के लिए विवाद इसी साल अगस्त से शुरू हुआ था। यह विवाद आरटीआई के एक अधूरे जवाब से बढ़ा था। जिला प्रशासन की ओर आरटीआई का जवाब संशोधित भी किया गया लेकिन फिर भी विवाद नहीं थमा। 20 अक्टूबर 2024 को प्रशासन ने संबंधित भूमि की रजिस्ट्री और दाखिल खारिज के दस्तावेजों की जानकारी साझा की। 24 अक्टूबर को हिंदू संगठनों ने शहर में जुलूस निकाला। इस दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया। दूसरी ओर से पत्थरबाजी का भी आरोप लगा, जिसमें 8 पुलिस वाले और करीब 20 अन्य लोग घायल हुए। 26 अक्तूबर को हिंदू संगठनों के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया। वे 11 नवंबर को जमानत पर रिहा हुए। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल इस मुद्दे पर मुखर हो गया और 1 दिसंबर को महापंचायत का ऐलान किया। मस्जिद की सुरक्षा को लेकर यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा, जहां से अदालत ने जिला प्रशासन को संबंधित धार्मिक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उत्तरकाशी जिले में मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विवाद के बीच बड़ी संख्या बल में पुलिस की मौजूदगी में उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में हिंदू संगठनों की महापंचायत हुई। महापंचायत में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता टी राजा सिंह भी पहुंचे। तेलंगाना की गोशामगल सीट से बीजेपी के विधायक राजा सिंह के उत्तरकाशी पहुंचने पर हिंदूवादी नेता काफी उत्साहित दिखे। नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। उनके पक्ष में जोरदार नारेबाजी की गई। उन्होंने महापंचायत में पहुंचे सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। बीजेपी नेता टी राजा सिंह ने मंच से कहा कि उत्तराखंड में हम लैंड जिहाद में जिहादियों को शामिल नहीं होने देंगे। लैंड जिहादी जिस भाषा में समझते हैं, उन्हें उसी भाषा में समझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके हिंदू भाइयों को तकलीफ हुई, तो वह हैदराबाद से उत्तराखंड पहुंच गए। हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है और यही संगठित होने का सही समय है।
भाजपा विधायक टी राजा सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। वह तेलंगाना की गोशामहल सीट से विधायक हैं। तेलंगाना की राजनीति में राजा सिंह का बड़ा रसूख माना जाता है। बीते कुछ समय पहले उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद बीजेपी ने उन पर एक्शन लेते हुए सस्पेंड कर दिया था। वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी में वापसी ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। राजा सिंह राजनीति में आने से पहले बजरंग दल में थे। साल 2009 में वह पार्षद बने और 2014 में वह बीजेपी में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने तेलंगाना की गोशामहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने इस चुनाव में जीत दर्ज की। राजा सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। धार्मिक मुद्दों को लेकर अब तक उन पर कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बीते दिनों ही राजा सिंह बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा में शामिल हुए थे।
अब उत्तरकाशी में एक 55 साल पुरानी मस्जिद को लेकर विवाद गरमा गया है। यह विवाद उस समय और बढ़ गया जब एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रशासन के खिलाफ जनाक्रोश रैली आयोजित की। रैली के दौरान पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए और इसके हल्के में लेने की कीमत चुकानी पड़ी। इस विवाद से शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद पुलिस ने आठ नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उत्तरकाशी के बाड़ाहाट क्षेत्र में वरुणावत पर्वत की तलहटी में स्थित इस मस्जिद का निर्माण वर्ष 1969 में हुआ था। मस्जिद के लिए करीब 4 नाली और 15 मुट्ठी भूमि का सौदा एक समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय के सात लोगों को बेचे जाने से किया गया था। वर्ष 2005 में इस मस्जिद की जमीन का दाखिला खारिज कर दिया गया, जिससे यह कानूनी विवाद में आ गई। सितंबर 2023 में, एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने इस मस्जिद को अवैध करार देकर जिला प्रशासन से इसके निर्माण को लेकर आरटीआई में जानकारी मांगी।
आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर संगठन ने मस्जिद को अवैध घोषित कर दिया और इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया। इसके बाद, 6 सितंबर को इस संगठन ने अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के खिलाफ नारेबाजी की। संगठन ने अक्तूबर माह में मस्जिद के खिलाफ एक बड़ी जनाक्रोश रैली का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया था। 21 अक्तूबर को जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस विवाद को शांत करने की कोशिश की। प्रशासन ने कहा कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर नहीं, बल्कि निजी जमीन पर बनी है और यह मुस्लिम वक्फ विभाग के सरकारी गजट में भी अनुसूचित है लेकिन धार्मिक संगठन इस जानकारी को मानने को तैयार नहीं हुआ और मस्जिद को अवैध बताकर इसे हटाने की मांग पर अड़ा रहा।
26 अक्तूबर को संगठन ने मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली। इसी दौरान किसी शरारती तत्व ने पुलिस पर बोतल फेंक दी, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इससे स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों में झड़प हो गई। पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद, प्रशासन ने पूरे जनपद में धारा 163 लागू कर दी। जिले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया। विवाद को देखते हुए सभी प्रमुख क्षेत्रों में पुलिस तैनात की गई है और प्रशासन ने किसी भी प्रकार की शांति व्यवस्था में खलल डालने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया। इसके अलावा, मस्जिद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और धार्मिक संगठनों के साथ संवाद कायम रखने की कोशिश की जा रही है, ताकि हालात को सामान्य किया जा सके। (हिफी)

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