लेखक की कलम

अब अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी से सटे मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र मंे उपचुनाव की घोषणा हो गयी है। यहां 5 फरवरी को मतदान होना है। मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इंडिया गठबंधन की प्रमुख सहयोगी कांग्रेस ने समर्थन की घोषणा कर दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने उपचुनावों मंे नहीं उतरने की घोषणा पहले से ही कर दी है। समाजवादी पार्टी ने इससे पूर्व संपन्न हुए 9 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव मंे सिर्फ 2 पर जीत हासिल की थी और अपनी तीन सीटें गवंा दी थीं। अब मिल्कीपुर में सीधे-सीधे लड़ाई समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। मिल्कीपुर सुरक्षित विधानसभा सीट है और दलित वोटों का झुकाव किधर रहेगा, यह भी पता चल जाएगा। यह विधानसभा क्षेत्र एससी के लिए सुरक्षित है। अखिलेश यादव की पार्टी के ही अवधेश प्रसाद फैजाबाद से सांसद हैं। उनकी इज्जत भी दांव पर लगी है। मिल्कीपुर से सटी कटेहरी विधानसभा सीट का उपचुनाव सपा हार चुकी है। सपा को सबसे बड़ा झटका तो कुंदरकी सीट पर लगा था जो मुस्लिम बहुल है और यहां भाजपा के प्रत्याशी को विजयश्री हासिल हुई। अब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव जीतने के लिए योगी आदित्यनाथ ने जबर्दस्त तैयारी की है। इसी के चलते अयोध्या मंे भाजपा के संगठनात्मक चुनाव भी टाले गये हैं ताकि कार्यकर्ताओं मंे एकजुटता पूरी तरह से कायम रहे। इससे पूर्व यहां प्रतिष्ठा द्वादशी भी मनायी जाएगी।
बीते साल जून से ही खाली पड़ी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को रिजल्ट आ जाएगा। भाजपा और सपा दोनों ही दलों ने पूरा जोर लगाया हुआ है। यहां सारा दारोमदार जातीय गणित का है, जो इस सियासी लड़ाई में गेमचेंजर साबित होगी। दरअसल, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 58 हजार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव सबसे प्रभावी हैं। ओबीसी और दलित वोटबैंक के साथ ही मुस्लिम भी प्रभावी भूमिका में हैं। समाजवादी पार्टी को फौरी तौर पर इसी पीडीए समीकरण का लाभ मिलता है और इस बार के चुनाव में भी मेन फोकस इन्हीं समुदाय पर रहेगा। यहां सवा लाख दलित हैं, जिनमें पासी बिरादरी के वोट ही करीब 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादवों की तादाद है। इसके साथ ही मिल्कीपुर में सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण समाज के 60 हजार मतदाता हैं। क्षत्रियों और वैश्य समुदाय की तादाद क्रमशः 25 हजार और 20 हजार है। अन्य जातियों में कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार हैं। साथ ही पाल और मौर्य बिरादरी भी अहम हैं।सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को इस सीट से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर रखा है। वहीं कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा है कि वह यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। यानि मिल्कीपुर सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी से पहले बीजेपी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
भाजपा की नजर यह सीट जीतकर 2024 में अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार का जख्म भरने पर है। वहीं, सपा हालिया उपचुनावों में मिले हार के करारे झटके से उबरने की कोशिश करेगी।मिल्कीपुर सीट एससी के लिए आरक्षित है। यहां के सपा विधायक अवधेश प्रसाद के अयोध्या से सांसद बनने के चलते सीट खाली हुई है। इसका चुनाव भी पिछले महीने 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के साथ होना था, लेकिन एक चुनाव याचिका लंबित होने के कारण आयोग ने कार्यक्रम घोषित नहीं किया था। यह याचिका भाजपा के ही प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने दायर की थी। बाद में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली, जिससे चुनाव का रास्ता साफ हो गया। अयोध्या के पास स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियों के तहत बीजेपी ने प्रदेश सरकार के छह मंत्रियों की तैनाती की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस उपचुनाव की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। वो पिछले 15 दिनों में तीन बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही को मिल्कीपुर में उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा भी की थी। इस हफ्ते भी वो दो दिन अयोध्या में रहेंगे। उनका मिल्कीपुर में एक जनसभा को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर में सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के गोरखनाथ को 12 हजार 923 वोटों से हराया था। फैजाबाद जिले में आने वाली मिल्कीपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट से टिकट दिया था। इस चुनाव में अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 55 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी के लल्लू सिंह सपा के अवधेश प्रसाद से सात हजार 733 वोटों से पीछे रह गए थे। अयोध्या भी इसी फैजाबाद सीट के तहत आती है। इस वजह से फैजाबाद में बीजेपी को मिली इस करारी हार की चर्चा देश और दुनिया में हुई थी। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के बाद भी सपा के हाथों मिली हार ने बीजेपी को परेशान कर दिया। सांसद चुने जाने के बाद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव कराया जाएगा।
सत्तारूढ़ बीजेपी मिल्कीपुर सीट को जीतने के लिए काफी गंभीर है। बीजेपी हर हाल में यह सीट जीतना चाहती है। इसके लिए बीजेपी में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के पांच मंत्रियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जिन मंत्रियों को मिल्लीपुर की कमान सौंपी गई है, उनमें स्वतंत्रदेव सिंह, जेपीएस राठौर, डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा के नाम शामिल हैं। कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इस वजह से वो पहले से ही इस सीट पर नजर रखे हुए हैं। इस तरह प्रदेश सरकार के छह मंत्री मिल्कीपुर जीतने की योजना पर काम कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर अयोध्या का दौरा करते रहते हैं।सीएम योगी पिछले 15 दिनों में तीन बार मिल्कीपुर और अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। इस हफ्ते दो दिन उनका मिल्कीपुर और अयोध्या का दौरा करने का कार्यक्रम है। वो 11 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव में शामिल होंगे। बीजेपी मिल्कीपुर के लिए कितनी गंभीर है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि नवंबर में नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों को उतारा था।वहीं मिल्कीपुर के लिए बीजेपी ने पांच मंत्रियों को उतार दिया है।
समाजवादी पार्टी भी अपने इस गढ़ को बचाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सपा की कोशिश है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान इस चुनाव को कवर करने के लिए आएं, ताकि दुनिया को पता चल सके कि मिल्कीपुर का उपचुनाव कैसे हो रहा है। दरअसल नवंबर में हुए उपचुनाव में सपा ने बीजेपी पर चुनाव में पुलिस और प्रशासन की मदद से धांधली का आरोप लगाया था। इसी को देखते हुए सपा चाहती है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान अधिक से अधिक संख्या में इस चुनाव का कवरेज करें। मिल्कीपुर जीतने के लिए सपा ने अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। सपा ने बूथ स्तर पर संपर्क का दायरा बढ़ाने के लिए टीमों की तैनाती की है। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button