वर्ष 2024 का सियासी सफरनामा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हम प्राप्त को ही पर्याप्त समझें तो वर्ष 2024 को खुशी-खुशी विदा करंे और नये वर्ष का स्वागत करें। बीते वर्ष का राजनीतिक सफर प्रेरणा देने वाला रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालांकि साल के उत्तरार्द्ध में बंटोगे तो कटोगे का नारा दिया था लेकिन पूरे साल की राजनीति पर इसका प्रभाव देखा गया। साल का प्रारंभ अयोध्या में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024) से हुआ लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रभु राम का आशीर्वाद नहीं मिल सका। इसका एक कारण संघ और भाजपा का मतभेद बताया गया जबकि विपक्षी दलों की एकता ने उन्हें सफलता दिलाई। अर्से के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिला। यही दृश्य वर्ष के अंतिम महीनों में बदल गया। भाजपा और संघ मिल गये जिससे हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा को शानदार सफलता मिली जबकि विपक्षी दल किसी न किसी कारण से लेकर बंट गये थे और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। झारखण्ड में एकता थी इसलिए वहां विपक्षी गठबंधन की सरकार बन गयी।
अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके मुख्य यजमान बने। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को घोषित हुए थे। 400 पार का नारा देने वाली भाजपा इस बार महज 240 सीटें ही जीत पाई। उत्तर प्रदेश में भाजपा को 80 में से केवल 37 सीटें मिलीं। 2 सीटें उसके सहयोगी दल रालोद और 1 सीट अपना दल को मिली थीं।रायबरेली से सांसद और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी 10 साल बाद लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष बने। बीते दो चुनावों में कांग्रेस के पास आवश्यक 10 फीसदी सीट शेयर नहीं था, ऐसे में पार्टी नेता प्रतिपक्ष के लिए दावा पेश नहीं कर पाई थी।19 अप्रैल से 1 जून 2024 के बीच सात चरणों में आम चुनाव के लिए मतदान हुआ था। एनडीए को हराने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया अलायंस बनाया। भाजपा के लिए सबसे निराश करने वाला नतीजा अयोध्या में रहा। जिस अयोध्या में धूमधाम से राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई, वहीं की फैजाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 50 हजार से ज्यादा वोटों से मात दे दी थी।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में मिलावट का मामला सामने आया। आरोप लगा कि प्रसाद को बनाने में जिस मिलावटी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से बना था। विवाद की जड़ें पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तक पहुंचीं। अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। घटना के आरोपी संजय रॉय को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। वहीं कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष पर भी शिकंजा कसा गया था।घटना के बाद से ही कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए। आरोप की छींटें ममता बनर्जी की सरकार पर भी पड़ीं।
महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव हुए। लोकसभा चुनाव में जहां महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को निराशा हाथ लगी तो वहीं विधानसभा चुनाव में इसी महाराष्ट्र की जनता ने दिल खोलकर महायुति गठबंधन को अपना समर्थन दिया। हालांकि यहां पर मुख्यमंत्री बदल गया है। पहले जहां एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम थे तो वहीं इस चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का सीएम बनाया गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए साल 2024 काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्हें जनवरी में ही कथित घोटाले के केस में जेल में डाल दिया गया। इसके बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बना दिया गया। बाद में उन्हें जमानत मिली और उन्होंने दोबारा झारखंड के सीएम का पद संभाला। उधर, चंपई सोरेन झामुमो छोड़ भारतीय जनता पार्टी के साथ चले गए। विधानसभा चुनाव में झामुमो ने एक बार फिर जीत दर्ज की और हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम बने।
इसी साल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक रहे। राज्य में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव कराया गया। ऐसे में सभी की नजरें इस चुनाव पर टिकी हुई थीं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का दर्जा हटाए जाने के बाद यह पहला चुनाव हुआ। वहीं चुनाव की बात करें तो यहां मतदाताओं ने वोटिंग के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस चुनाव में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शानदार वापसी की। वहीं उमर अब्दुल्ला को राज्य का सीएम चुना गया।
लोकसभा चुनाव 2024 कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए बेहद खास रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में जहां राहुल गांधी को यूपी के अमेठी लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने अमेठी में वापसी की है। गांधी परिवार की एक अन्य सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसी साल राजनीति में सक्रिय रूप से पदार्पण किया। लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी और वायनाड दोनों लोकसभा सीटों पर जीत के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट को छोड़ दिया था। वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी को प्रत्याशी बनाया। इस उपचुनाव में प्रियंका गांधी ने 64.99 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ जीत हासिल की और पहली बाद संसद पहुंचीं।
इस साल ओडिशा में विधानसभा चुनाव में बड़ा फेरबदल देखने को मिला। ओडिशा की राजनीति में महानायक कहे जाने वाले नवीन पटनायक के दल को हार का सामना करना पड़ा था। ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल करते हुए राज्य में सरकार बनाई। ओडिशा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी 51 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा को 78 सीटें मिलीं, जिससे पटनायक का 24 साल का शासन समाप्त हो गया।
सरकार के कामकाज पर नजर बनाए रखने के लिए विपक्ष का होना जरूरी होता है। हालांकि, जब सदन में विपक्ष का एक भी विधायक ही नहीं हो तो ये कितनी अजीब परिस्थिति है। ऐसा ही कुछ सिक्किम में देखने को मिला। सिक्किम विधानसभा में विपक्ष का कोई भी विधायक नहीं है। 32 सीटों वाली सिक्किम विधानसभा में सभी विधायक एक ही दल के हैं। हाल ही में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भी सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत दर्ज की।
उधर, एक नाटकीय घटनाक्रम में अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा था कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली के सीएम पद की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन पार्टी के विधायकों की बैठक में आतिशी का नाम दिल्ली के सीएम पद के लिए आगे लाया
गया और आतिशी मुख्यमंत्री बन
गयीं। (हिफी)