लेखक की कलम

बिहार में मखाने की राजनीति

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बिहार मंे इसी साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। यहां भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है लेकिन मुख्यमंत्री पद पर जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार आसीन हैं। अब तक का माहौल यही कहता है कि विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लड़े जाएंगे लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया जाएगा, यह जरूरी नहीं है। भाजपा के किसी नेता ने इस प्रकार का बयान नहीं दिया है जबकि जद(यू) के नेता कह रहे हैं कि जब नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा तो वहीं मुख्यमंत्री भी होंगे। बहरहाल, इसी कश्मकश मंे भाजपा और जद(यू) ही नहंी बल्कि एनडीए के सभी घटक दल लोजपा (पासवान), हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (जीतनराम मांझी) भी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा विधायक जुटाना चाहते हैं। इसके लिए राजनीति की चालें भी चली जा रही हैं जैसे चिराग पासवान जातीय जनगणना के मामले में तेजस्वी यादव का साथ दे रहे हैं। भाजपा हिन्दुत्व की लहर को मजबूत कर रही है तो नीतीश कुमार की पार्टी दबे सुर से उसका विरोध कर रही है। इस बीच राजनीति का मखाना भी भूना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में मॉरीशस में मिनी बिहार का उल्लेख किया तो केन्द्र सरकार के बजट मंे मखाना बोर्ड गठित करने का प्रावधान किया गया है। पूरी दुनिया मंे 90 फीसद मखाना बिहार मंे ही पैदा होता है। मखाना की खेती और व्यवसाय से जुड़े लोग खुशी जता रहे हैं लेकिन इसका क्रेडिट नीतीश सरकार को नहीं बल्कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को मिल रहा है। जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में मखाना की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहने वाली है।
राजनीति में भले ही खुसुर-फुसुर हो रहा है लेकिन बिहार में मखाना की खेती और व्यवसाय से जुड़े किसानों और व्यवसायियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल अब बिहार के पूर्णिया, कोसी और मिथिलांचल का जल्द ही इंटरनेशनल फूड बनकर सामने आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिशस में बिहार के मखाना को इंटरनेशनल फूड बनाने की घोषणा तक कर दी। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ने भी लोकसभा के कैंटीन में मखाना को स्नैक्स के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया है। इससे जहां मखाना के कारोबार से जुड़े लाखों किसानों और व्यवसायियों में खुशी है, वहीं इंटरनेशनल मार्केट में बिहार को एक नई पहचान मिलने जा रही है। दरअसल पूरे विश्व के 90 प्रतिशत मखाना की खेती पूर्णिया, सीमांचल, कोसी और मिथिला एरिया में होती है। ऐसे में जब से बिहार के मखाना को जियो टैगिंग मिला है और मखाना की पैकेजिंग शुरू हुई है, तभी से अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई देशों में पूर्णिया के मखाना की डिमांड होने लगी है। अब तो जहां लोकसभा अध्यक्ष ने लोकसभा के कैंटीन में मखाना स्नेक्स को शामिल करने का निर्देश दिया है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मॉरिशस यात्रा के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को बिहार का मखाना और महाकुंभ संगम का जल भेंट किया। साथ ही उन्होंने बिहार के मखाना को इंटरनेशनल फूड बनाने की घोषणा तक कर दी।
पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा से यहां के व्यवसायियों, जनप्रतिनिधियों और किसानों में काफी खुशी है। व्यवसायी कहते हैं कि प्रधानमंत्री की इस पहल से अब बिहार का मखाना इंटरनेशनल फूड बनेगा। पहले भी मखाना का डिमांड कई देशों में होता था लेकिन, अब और बढ़ावा मिलेगा। पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और सदर विधायक विजय खेमका ने मखाना को इंटरनेशनल फूड घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। लोकसभा कैन्टीन में भी स्नैक्स के रूप में मखाना को शामिल करने पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी धन्यवाद दिया हैं। उन्होंने कहा कि विश्व का 90 प्रतिशत मखाना पूर्णिया, सीमांचल, कोसी और मिथिलांचल में होता है। यहां के किसान काफी मेहनत से मखाना का उत्पादन करते हैं। प्रधानमंत्री इस पहल से मखाना किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इससे मखाना किसाने की आमदनी बढ़ेगी और बिहार की पहचान देश दुनिया में बढ़ेगी।
पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि पूर्णिया और कटिहार में मखाना की सबसे अधिक पैदावार होती है। पूर्णिया का भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज मखाना के क्षेत्र में काफी काम कर रही है। इसलिए वे लोग केंद्रीय मंत्री से मिलकर मखाना बोर्ड का गठन पूर्णिया में करने की मांग करेंगे। इससे इस इलाके को काफी फायदा होगा। जाहिर है कि मखाना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गयीस है। बता दें, मखाना को पूर्व में ही सुपर फूड घोषित किया गया है। इस केंद्रीय बजट में बिहार मैं मखाना बोर्ड के गठन का भी निर्णय लिया गया है।
मखाना कमल के बीज को कहा जाता है। ये एक पौष्टिक और हेल्दी स्नैक्स है। इसमें कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को अलग-अलग प्रकार के फायदे प्रदान करते हैं। मखाना एक सुपरफूड है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसे अपनी नियमित डाइट में शामिल करने से आप कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। मखाना को फॉक्स नट्स या लोटस सीड्स भी कहा जाता है। मखाने का सेवन न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है, बल्कि इसे एक हेल्दी स्नैक के रूप में भी खाया जाता है। ये स्नैक्स उपवास के दौरान भी खाया जाता है और मखाने की खीर और भुने हुए मखाने व्रत का एक बेहतरीन स्नैक्स हैं। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। बहुत लोग इसे दूध के साथ खाते हैं और कुछ इसका घी में भूनकर सेवन करते हैं। यहां जानिए मखाना खाने से क्या फायदे मिलते हैं।
मखाना को फॉक्स नट्स या लोटस सीड्स भी कहा जाता है। भारतीय खानपान में यह एक बड़ा स्थान रखता है। मखाना न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसके सेहतमंद गुण भी अनगिनत होते हैं। अगर आप नियमित रूप से एक महीने तक मखाना खाते हैं, तो यह आपके शरीर पर अनेक प्रकार के सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। मखाना में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह फाइबर से भरपूर होता है। रोजाना एक मुट्ठी मखाना खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे अनावश्यक भूख और जंक फूड की चाहत कम होती है। इससे वजन घटाने में सहायता मिलती है। मखाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में सहायक होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए मखाना एक बेहतरीन स्नैक हो सकता है। मखाना में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने में भी सहायक होता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।
मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है। नियमित मखाना सेवन से हड्डियों में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। मखाना एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करता है। मखाना में प्राकृतिक सेडेटिव गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होते हैं। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। मखाना का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक होता है। यह कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। (हिफी)

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