लेखक की कलम

शिकंजे में राकेश टिकैत!

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  •  राकेश टिकैत व उनके भाई नरेश पर किसानों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाकर टूटा दल
  •  अब गांव के मुखिया ने टिकैत बंधुओं पर लगाया तालाब की जमीन हड़पने का आरोप

मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले राहुल मुखिया ने आरोप लगाया है कि बीकेयू प्रमुख नरेश और उनके भाई राकेश टिकैत ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है। उन्होंने कहा, एक दशक पहले सिसौली में एक तालाब बनाने के लिए सरकार द्वारा भूमि पार्सल आवंटित किया गया था। हालांकि, टिकैत भाइयों ने तालाब को मिट्टी से भर दिया और उस पर अवैध रूप से आवासीय संपत्तियों का निर्माण किया है। मैंने इस मुद्दे के बारे में जिला स्तर के अधिकारियों को लिखित में सूचित किया था और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान को भी स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

किसानों के जबरा नेता रहे महेन्द्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत की गणित अब फेल होती दिख रही है। केन्द्र सरकार के तीन विवादित कानूनों के विरोध मंे पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ यूपी के भी किसानों को राकेश टिकैत ने ही लामबंद कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच राज्यों मंे विधानसभा चुनाव के पहले तीनों कानूनों को वापस ले लिया था, तभी से किसान नेताओं को सचेत हो जाना चाहिए था लेकिन राकेश टिकैत ने राजनीति मंे अपने पैर जमाने का प्रयास किया। उनको सफलता नहीं मिली और सच मानें तो उसी समय से टिकैत की ग्रह-दशा बदलने लगी थी। महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि 15 मई 2022 को राकेश टिकैत के नेतृत्व वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) मंे दरार पड़ गयी और बीकेयू के उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने नया दल बना लिया। राकेश टिकैत इस दर्द का घाव भरने का प्रयास कर रहे थे, तब तक उन पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं और यूपी सरकार का शिकंजा कभी भी कस सकता है। उनके गांव के मुखिया ने ही राकेश टिकैत पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के साथ योगी आदित्यनाथ की सरकार किस तरह का व्यवहार करती है, यह किसी से छिपा नहीं है। राकेश टिकैत के गांव सिसौली में अगर योगी का बुलडोजर चला तो नेता जी की भद तो पिट ही जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन में बिखराव होने के बाद टिकैत बंधु अर्थात् राकेश टिकैत अब सरकारी जमीन हड़पने के आरोपों की जांच का सामना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव के रहने वाले राहुल मुखिया ने आरोप लगाया है कि बीकेयू प्रमुख नरेश और उनके भाई राकेश टिकैत ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है। उन्होंने कहा, एक दशक पहले सिसौली में एक तालाब बनाने के लिए सरकार द्वारा भूमि पार्सल आवंटित किया गया था। हालांकि, टिकैत भाइयों ने तालाब को मिट्टी से भर दिया और उस पर अवैध रूप से आवासीय संपत्तियों का निर्माण किया है। मैंने इस मुद्दे के बारे में जिला स्तर के अधिकारियों को लिखित में सूचित किया था और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान को भी स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बुढाना क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि शिकायत दर्ज होने पर उसके अनुसार जांच की जाएगी। हम मामले की जांच करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। राहुल मुखिया ने ये भी चेतावनी दी कि अगर इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वो न्याय की गुहार लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास जाएंगे। इस बीच, नरेश टिकैत ने कहा कि आरोप निराधार है, और वह किसी भी जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये लोग हम पर आरोप क्यों लगा रहे हैं। हमने किसी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध का अगुआ रहे भारतीय किसान यूनियन में गुटबाजी अब खुलकर सामने आ गई है। संगठन ने राकेश टिकैत को बीकेयू से निकाल दिया गया है। इसके साथ ही उनके भाई नरेश टिकैत को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया है। नरेश की जगह राजेश सिंह चैहान को अध्यक्ष बनाया गया है। यह फैसला भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक दिवंगत चैधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के अवसर पर इसी वर्ष 2022 में 15 मई को लखनऊ के गन्ना किसान संस्थान में संगठन के हुई नेताओं की बैठक में लिया गया। संगठन के नेताओं का आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन एक गैर-राजनीतिक संगठन है, लेकिन राकेश टिकैत ने अपने बयानों और गतिविधियों से इसे राजनीतिक रूप से दे दिया। नेताओं की नाराजगी को समझते हुए राकेश टिकैत उन्हें मनाने पहुँचे थे। नाराज किसान नेताओं की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा के आवास पर राकेश टिकैत संगठन के असंतुष्ट नेताओं को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन इसमें वे नाकाम रहे। इसके बाद वे वापस अपने घर लौट गए।
टिकैत बंधुओं की राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए संगठन के असंतुष्ट नेताओं ने अपने संगठन का नाम भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) रखा है। इसके अध्यक्ष राजेश सिंह चैहान बनाए गए हैं। वहीं, उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक युवा प्रदेश अध्यक्ष चैधरी दिगंबर तथा प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजेश सिंह चैहान ने कहा कि कार्यकारिणी ने निर्णय लिया कि मूल संगठन भारतीय किसान यूनियन थी। अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) का गठन किया गया है। भारतीय किसान यूनियन अपने किसानों के मूल मुद्दों से भटक गई है और अब राजनीति करने लगी है। इसलिए भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने कहा, “13 महीने के आंदोलन के बाद जब हम घर आए तो हमारे नेता राकेश टिकैत राजनीतिक तौर पर प्रेरित दिखाई दिए। हमारे नेताओं ने कुछ राजनीतिक दलों के प्रभाव में आकर एक दल के लिए प्रचार करने का आदेश तक दिया। मेरा काम राजनीति करना या किसी पार्टी के लिए काम करना नहीं है। मेरा काम किसान की लड़ाई लड़ना रहेगा। यह नया संगठन है।” राकेश टिकैत मजबूत जाल मंे फंस गये हैं। (हिफी)

 

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