योगी सरकार में साकार होते संकल्प

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
चुनाव के समय सभी राजनीतिक दल अपने-अपने घोषणा पत्र जारी करते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी घोषणा पत्र जारी किया था जिसे संकल्पपत्र बताया था। पार्टी के नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय हम सिर्फ घोषणा नहीं करते हैं। हमारा यह संकल्प है कि हमें यह करना ही है। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने संकल्प किये थे जिनको योगी आदित्यनाथ कर सरकार पूरा कर रही है। भाजपा ने एक संकल्प हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार देने का किया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घोषणापत्र को धरातल पर लाने के लिए फिर से कवायद तेज कर दी है। सीएम योगी ने संबंधित अधिकारियों से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार का परिवार कार्ड बनवाने का उद्देश्य बेरोजगारी दर का डाटा तैयार करना था ताकि सरकार को पता चल सके कि राज्य कितने लोग बेरोजगार हैं। इस कार्ड पर भी आधार कार्ड की तरह 12 अंकों के नंबर अंकित करने के लिए कहा गया है जिससे सरकार बेरोजगारी के सही आंकडे जान सकेगी। साल के आखिरी दिनों 30 दिसंबर को योगी सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने वाला निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यूपी इनोवेशन फण्ड यूपीआईएफ को लेकर अफसरों के साथ बैठक में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के तीनों तकनीकी विश्वविद्यालयों को इनोवेशन से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। स्टार्ट अप को इको सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। पुराने ट्रेडों का आधुनिकीकरण होगा। इस प्रकार वर्ष 2025 में एक नया उत्तर प्रदेश दिखाई पड़ने की संभावना प्रबल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 30 दिसंबर को यूपी इनोवेशन फंड (यूपीआईएफ) को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम योगी ने कहा कि सभी तीनों टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इनोवेशन सेंटर बनाए जाएं, जहां पर बच्चों को स्टार्टअप से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा उन्होंने ग्लोबल और लोकल मार्केट की मैपिंग कराने के निर्देश भी दिए हैं ताकि वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार छात्र इनोवेशन को विकसित कर सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में तेजी के साथ टेक्नोलॉजी बदल रही है। ऐसे में बदलती हुई टेक्नोलॉजी और ग्लोबल मार्केट के अनुसार इनोवेशन को विकसित किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि नये इनोवेशन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाए। इनोवेशन की आवश्यकता के अनुसार सेंटर की स्थापना की जाए. इसके लिए सरकार द्वारा उन्हे फंड उपलब्ध कराया जाए। सीएम ने कहा कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं है जबकि युवा के पास इनोवेशन तो हैं लेकिन फंड की कमी है। ऐसे में यूनिवर्सिटी के माध्यम से छात्रों को फंड उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश का युवा ग्रोथ करेगा, वहीं प्रदेश का भी नाम रोशन होगा।
वर्ष 2022 में जब लगातार दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार चुनी गई थी तभी मुख्यमंत्री योगी ने परिवार कल्याण कार्ड बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था। परिवार कार्ड का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी दर का पता करना था ताकि हर घर को रोजगार से जोड़ा जा सके। यही नहीं एक नौकरी प्रति परिवार व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार ने राशन कार्ड को भी आधार बनाया था। अब उसकी समीक्षा अधिकारियों के साथ की जा रही है क्योंकि फैमिली कार्ड का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने का उद्देश्य सरकार का बताया जा रहा है। इस कार्ड में परिवार के बारे में सभी जानकारियां दर्ज होंगी। परिवार में कितने सदस्य हैं, उनकी शिक्षा क्या है, उनकी उम्र क्या है, कौन-कौन नौकरी करता है या रोजगार से जुड़ा हुआ है, यह सभी जानकारियां इस कार्ड में दर्ज होंगी। यही नहीं परिवार कार्ड को आधार से लिंक करने पर सरकार के पास उस परिवार से संबंधित सटीक जानकारी होगी कि किन परिवारों में एक भी व्यक्ति रोजगार से नहीं जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, परिवार की सामाजिक स्थिति की भी जानकारी मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करते हैं। केन्द्र सरकार ने फ्री राशन के लाभार्थी को अब विशेष सुविधा प्रदान की है। इसके तहत राशन कार्ड अब सिर्फ फ्री राशन पाने का दस्तावेज नहीं रह जाएगा, बल्कि सरकार अब राशन कार्ड पर सिर्फ गेहूं, चना, चावल जैसे खाद्य पदार्थ के साथ 1000-1000 रुपए देने की योजना बना रही है। हालांकि इस धनराशि का लाभ केवल ऐसे लोगों को मिलेगा जिन्होनें ईकेवाईसी कराई हुई है। इसके लिए कुछ शर्तों को भी लाभार्थी को पूरा करना होगा। आधिकारिक घोषणा होते ही उत्तर प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पहले चरण के मतदान का प्रचार समाप्त होने से पूर्व भाजपा ने अपना घोषणा पत्र यानी जन कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। घोषणापत्र के साथ-साथ भाजपा ने कर के दिखाया है नाम से नया चुनावी गाना भी लॉन्च किया। इसमें करके दिखाएगी, भाजपा आएगी लाइन भी थी। भारतीय जनता पार्टी ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किसानों, ग्रामीणों, युवाओं और महिलाओं के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान किया था। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जहां मजबूत कानून व्यवस्था को आगे बढ़ाने पर जोर दिया था, वहीं पर सांस्कृतिक धरोहरों और पर्यटन के विकास को भी प्रमुखता दी थी। उद्योग और रोजगार के अवसरों के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई सुविधाओं तथा तकनीक के संकेत भी दिए थे । भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में 60 वर्ष की महिलाओं को मुफ्त परिवहन सुविधा, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली दीपावली पर मुफ्त दो गैस सिलेंडर, दो करोड़ टैबलेट अथवा स्मार्ट फोन वितरण की घोषणा भी की गई थी। योगी सरकार ने इन पर अमल भी किया है।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। यहाँ की मुख्य फसलें गन्ना, चावल और गेहूँ हैं। भारत के इस राज्य को उचित सिंचाई सुविधाओं के साथ-साथ बीजों की विविधता की उपलब्धता के कारण खाद्यान्नों की उच्च उपज देने वाले राज्य के रूप में जाना जाता है। यूपी में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे हो गये। योगी राज के पहले कार्यकाल में जहां विरासत में मिली अव्यवस्थाओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर अराजकता से मोर्चा लिया वहीं दूसरे कार्यकाल में उनका वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के दृष्टिगत यूपी के कायाकल्प पर फोकस रहा। सातवें वर्ष में वहीं लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश के साथ उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था में बड़े भागीदार के रूप में स्थापित करने की नींव रखी गई। वर्ष 2017 से पहले बजट 2 लाख करोड़ था, 2017 में चार लाख करोड़ से ज्यादा हुआ और वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 6 लाख 90 हजार करोड़ हो गया था। साल 2016 में प्रति व्यक्ति आय 46000 रुपये थी जो अब दोगुनी होकर 94000 रुपये से ज्यादा हो गई है। प्रदेश में बेरोजगारी दर वर्ष 2016-17 में 17.5 फीसदी थी, जो अब 3 फीसदी रह गई है। वर्ष 2016 में यूपी ईज आफ डूइंग बिजनेस में 14वां स्थान पर था, जो अब दूसरे स्थान आ गया है। प्रदेश में 58 हजार बैंकिंग सखी की नियुक्ति कर गयी है और 15 करोड़ से ज्यादा लोगों को 1200 करोड़ के खाद्यान्न बांटे गये हैं।
इस प्रकार योगी सरकार जनता से किये वादे पूरे कर रही है। (हिफी)