लेखक की कलम

अतिवाद के शिकार हो रहे स्टालिन

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविण मुन्मेत्र कझगम ( द्रमुक) के संस्थापक एम. करुणानिधि को रूस के तानाशाह स्टालिन बहुत पसंद थे। इसी के चलते उन्होंने अपने बेटे का नाम स्टालिन रखा था। कहते हैं नाम के कुछ गुण भी व्यक्तित्व में शामिल हो जाते हैं। स्टालिन इन दिनों राज्य के मुख्यमंत्री हैं ओर तानाशाही के कुछ लक्षण भी उनमें देखे जा सकते हैं। राज्य में उनकी पार्टी ने बहुमत हासिल किया था लेकिन 12 दलीय गठबंधन का सम्मान करते हुए उन्होंने सरकार में सभी को शामिल किया था। राज्य की 234 सदस्यीय विधानसभा में द्रमुक को 159 विधायक मिले हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने उदय निधि को डिप्टी सीएम बनाया। इसके बाद ही सहयोगी दल नाराजगी दिखा रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल अन्ना द्रमुक और भाजपा के नेता भी सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्ना मलाई और पार्टी के 916 कार्यकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। अब विधानसभा सदन में राष्ट्रगान को रोककर स्टालिन ने राज्यपाल को भी नाराज कर दिया। राज्यपाल आरएन रवि ने सरकार का अभिभाषण पढ़ने से इनकर किया। राज्यपाल आरएन रवि ने 6 जनवरी को विधानसभा से वाक आउट किया। उधर, अन्ना यूनिवर्सिटी में रेप केस का मामला भी गरमाता जा रहा है। अभिनेता से नेता बने थलापति विजय ने इस संदर्भ में राज्यपाल से मुलाकात की है। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। उनका आरोप है कि उनके अभिभाषण की शुरुआत में राष्ट्रगान नहीं बजाया गया। राजभवन ने बताया, आज तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर भारत के संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया। राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारे संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों में से एक है। राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ और अंत में राष्ट्रगान को सभी राज्य विधानसभाओं में गाया जाता है। आज राज्यपाल के सदन में आगमन पर केवल राज्य गीत तमिल थाई वाझथु गाया गया। राज्यपाल ने सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई। राजभवन ने कहा, तमिलनाडु सदन के नेता मुख्यमंत्री और माननीय अध्यक्ष से राष्ट्रगान गाने की जोरदार अपील की। हालांकि, उन्होंने हठपूर्वक इनकार कर दिया। यह गंभीर चिंता का विषय है। संविधान और राष्ट्रगान के इस तरह के बेशर्मी भरे अपमान में भागीदार नहीं बनना चाहते थे, इसलिए राज्यपाल गहरी पीड़ा में सदन से चले गए। राज्यपाल के विधानसभा से चले जाने के बाद, अन्ना विश्वविद्यालय बलात्कार मामले में कथित रूप से शामिल कौन है सर वाक्यांश वाले पोस्टर लहराने के बाद सदस्यों को बाहर निकाल दिया गया। वे पोस्टर विधानसभा के बाहर ले गए और विधानसभा भवन के सामने नारे लगाए। इस बीच, भाजपा, कांग्रेस और पीएमके के विधायक विधानसभा से बाहर चले गए। भाजपा विधायकों ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय बलात्कार मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए वे बाहर चले गए। पीएमके विधायकों ने कहा कि विपक्षी दलों को अन्ना विश्वविद्यालय बलात्कार मामले के लिए विरोध करने की अनुमति नहीं थी, इसलिए वे बाहर चले गए। कांग्रेस के विधायक विधानसभा में काले बैज के साथ आए थे। उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल की निंदा करते हुए बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं और तमिलनाडु में समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। तमिलनाडु के अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस का मामला बढ़ता ही जा रहा है। घटना को लेकर तमिलनाडु में व्याप्त आक्रोश के बीच अभिनेता से नेता बने थलापति विजय ने राज्यपाल आर.एन. रवि से मुलाकात की। इस दौरान थलापति विजय ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। तमिला वेत्री कषगम (टीवीके) के संस्थापक विजय ने चेन्नै के राजभवन में राज्यपाल रवि से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस मुद्दे पर राजभवन का दरवाजा खटखटाने के लिए विजय का साथ दिया।
नवगठित पार्टी टीवीके महासचिव एन. आनंद की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि ज्ञापन में हमने तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए कदम उठाने के अलावा सभी स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की मांग की है। तमिलनाडु में डीएमके को सत्ता से हटाने के लिए बीजेपी एआईडीएमके या एक्टर विजय की पार्टी से गठबंधन कर सकती है। खुद अन्नामलाई ने चुनावों में एआईडीएमके के साथ दोबारा गठबंधन और एक्टर विजय को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गठबंधन का फैसला केंद्रीय आलाकमान करता है। बीजेपी नेता ने कहा कि विजय की पार्टी टीवीके के उदय से डीएमके की टेंशन बढ़ी है।हाल ही में उन्होंने चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में रेप के विरोध में खुद को 6 कोड़े मारे थे।
अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी में छात्रा से रेप करने का आरोपी सत्तारूढ़ डीएमके से जुड़ा है। पीड़िता को अपमानित करने के लिए एफआईआर को सार्वजनिक किया गया। एक पीड़ित लड़की के भाई के तौर पर गुस्से का इजहार करने के लिए उन्होंने खुद पर कोड़े बरसाए।बीजेपी नेता ने कहा कि डीएमके सरकार की नीतियों के कारण राज्य के लोगों ने गरिमा खो दी है। यह सरकार लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ निरंकुश हो गई है, इसलिए उन्होंने प्रायश्चित करने के लिए नंगे पैर रहना कबूल किया है। के. अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। डीएमके के पदाधिकारी कानून को अपने हाथ में लेकर खेल रहे हैं। अब राज्य सरकार को आम लोगों की पीड़ा से मतलब नहीं रह गया है। बीजेपी तमिलनाडु के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि राज्य गीत, तमिल थाई वझथु, जो तमिल माता का आह्वान है, 1991 तक तमिलनाडु राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले कभी नहीं गाया गया था। इसके बाद बीजेपी तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष अन्नामलाई ने राज्य सरकार पर जनता के रोष भटकाने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘द्रमुक सरकार के लिए यह एक परंपरा बन गई है कि वह अपने कुशासन और गुंडागर्दी के कारण उपजे जनाक्रोश से ध्यान भड़काने और तमिलनाडु के राज्यपाल को नियमों के उल्लंघन का दोषी ठहराए। उन्होंने कहा कि ‘तमिल थाई वझथु’ (तमिल माता का आह्वान) बजाए जाने के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रगान गाने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें ‘मना कर दिया गया। इस संदर्भ में अन्नामलाई ने कहा कि द्रमुक सरकार को इससे संबंधित पहलुओं की याद दिलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 1970 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के दौरान सरकार ने सभी सरकारी और शैक्षणिक कार्यों और सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत में ‘तमिल थाई वझथु’ का पाठ करने का निर्देश दिया था। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हालांकि, 1991 तक तमिलनाडु की राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ‘तमिल थाई वझथुश् का गान कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जुलाई 1991 में, जब जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं, पहली बार राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ में और अंत में क्रमशः ‘तमिल थाई वझथु’ और राष्ट्रगान बजाया गया
था। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button