लेखक की कलम

राज्यसभा की जंग के बीच तेजस्वी गये विदेश

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

देश भर मंे राज्यसभा की 57 सीटें खाली हो रही हैं। इन सीटों पर वही पार्टी बाजी मारेगी, जिसके पास विधायक ज्यादा होंगे। इधर-उधर से जुगाड़ करने की रणनीति भी बनायी जा रही है। बिहार मंे भी पांच सीटों पर चुनाव होना है। विधायकों की खेमेबंदी को देखते हुए 2 सीटें भाजपा के खाते मंे जा सकती हैं जबकि उसकी सहयोगी जद(यू) को एक सीट से ही संतोष करना पड़ेगा। मुख्य विपक्षी दल राजद को भी दो सीटें मिल सकती हैं। अब मुख्य समस्या प्रत्याशी चयन पर है क्योंकि कई लोग लाइन मंे लगे हैं। राजद मंे तो बताते हैं कि तेजस्वी यादव इसी के चलते नाराज हो गये और अपनी नवविवाहिता के साथ लंदन चले गये। हालंाकि तेजस्वी यादव का कहना है कि लंदन के ट्रिनिटी मंे एक सेमिनार हो रहा है जिसका विषय है- भारत में विपक्ष का भविष्य। इसी सेमिनार मंे तेजस्वी यादव भी अपने विचार रखेंगे। भारत की सभी प्रमुख पार्टियों के प्रतिनिधि इस सेमिनार मंे प्रतिभाग करने जा रहे हैं। चर्चा राजद में कलह की भी है और प्रतिद्वन्द्वी दल इस पर नजर भी रखे हैं।
राज्यसभा की दो सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम को लेकर फैसला लेने से पहले ही तेजस्वी यादव अपनी बीवी के साथ लंदन चले गए। कहने को तो तेजस्वी पत्नी के साथ लंदन किसी लेक्चर में शामिल होने के लिए गए हैं लेकिन पार्टी ऑफिस में हुई पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक से उनके गायब होने के बाद अचानक से लंदन जाने के प्लान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल राज्यसभा की दो सीटों के लिए राजद पिछले दो दिनों से मंथन कर रहा है। राजद के मंथन में आपसी तकरार भी निकलकर सामने आ रहे थे। राजद में टिकट को लेकर पिछले दिनों पार्टी ऑफिस में हुई पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में तमाम बड़े नेता पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव ने पटना में होने के बाद भी इस बैठक से दूरी बनाये रखी। तेजस्वी के बैठक में नही शामिल होने पर कई चर्चाएं होती रहीं वहीं तेजस्वी अपनी पत्नी राजश्री के साथ लंदन के लिए रवाना हो गए। लंदन में ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज के लेक्चर थिएटर में होने वाले पैनल डिस्कशन में तेजस्वी यादव भाग लेंगे। ”द फ्यूचर ऑफ ओपोजिशन पॉलिटिक्स इन इंडिया” के विषय पर डिस्कशन होना है जिसमें कई बड़े चेहरे शामिल होंगे। इस विषय पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपनी बात रखेंगे। इस विषय पर डिस्कशन में शामिल होने वाले लोगों में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, सीपीआई मार्क्सवादी के सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से सांसद मोहिना मोइत्रा, प्रद्योत विक्रमदेव वर्मन के साथ तेजस्वी यादव मंच पर मौजूद रहेंगे। जानकारी के मुताबिक तेजस्वी के साथ राजद के सांसद मनोज झा भी लंदन गए हैं। तेजस्वी जहां डिस्कशन में भाग लेने के लिए लंदन के दौरे पर हैं तो वहीं पटना में राजद के भीतर दो सीटों पर उम्मीदवार के चयन के लिए माथापच्ची जारी है। पिछले दिनों पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में नामों की चर्चा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अंतिम फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक मीसा भारती के एक नाम पर सहमति बन गई है लेकिन दूसरे नाम को लेकर कई लोगों की चर्चा जोर पकड़ी हुई है।
देश के 15 राज्यों में राज्यसभा की 57 सीटें रिक्त हो रही हैं। बिहार में
5 सीटें खाली हो रही हैं, जिनके लिए चुनाव होना है। ऐसे में सबके मन में यही सवाल है कि बिहार में किस पार्टी के हिस्से में कितनी सीटें जा सकती हैं? भाजपा, राजद और जदयू में से कौन बाजी मारेगा? इसके अलावा विधानसभा में प्रदेश की सभी तीनों प्रमुख पार्टियों की संख्या पर भी निगाहें टिकी हैं। विधानपरिषद चुनाव के बाद बिहार में एनडीए और विपक्षी दलों के बीच राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक रसूख के लिए मुकाबला होने की पूरी संभावना है। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए 24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और 31 मई तक पर्चा भरा जा सकेगा। 3 जून तक नाम वापस लिया जा सकेगा, जबकि 10 जून को सुबह 9 से 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे। बिहार विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ा दल है। भाजपा के पास 77 विधायक हैं, जबकि भाजपा के खाते में 76 विधायक हैं। वहीं, विधायकों के मामले में जदयू तीसरे नबंर पर
है। नीतीश कुमार की पार्टी के पास सिर्फ 45 विधायक हैं और जदयू को
1 निर्दलीय एमएलए का समर्थन हासिल है। इस हिसाब से जदयू को 1, राजद को 2 और भाजपा को जीतनराम मांझी के विधायकों के बदौलत दूसरी सीट भी मिल सकती है। बिहार के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और लालू यादव की बेटी मीसा भारती का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इस तरह से भाजपा और राजद कोटे से 2-2 और जदयू से 1 सीट खाली हो रही है। इन्हीं पांच सीटों पर चुनाव होने हैं।
नीतीश का बिहार तरक्की कर रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में हाई स्पीड रोड नेटवर्क का जाल बिछाया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट लॉन्च की है। इसके तहत भारत सरकार कई एक्सप्रेस वे का निर्माण करवा रही है और कई अभी भी पाइपलाइन में हैं। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बीच बड़ी घोषणा की है। नितिन गडकरी ने भारतमाला फेज-1 के तहत 3 अतिरिक्त एक्सप्रेस वे बनाने का ऐलान किया है। इन्हीं में से एक है वाराणसी-रांची- कोलकाता एक्सप्रेस वे। नया एक्सप्रेस वे 593 किलोमीटर लंबा होगा और इसे बनाने पर 28,500 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। बता दें कि इससे पहले भी बिहार में कई एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा हो चुकी है और प्रोजेक्ट पर काम आगे भी बढ़ चुका है। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला फेज-1 के तहत 3 अतिरिक्त एक्सप्रेस वे बनाने की बात कही है। घोषणा के अनुसार, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। इस हाईस्पीड रोड से वाराणसी से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता जाना बेहद आसान हो जाएगा। इस हाईस्पीड रोड के बनने से न केवल आमलोगों को सुविधा होगी, बल्कि व्यवसायियों को भी काफी राहत मिलेगी। कई घंटों की यात्रा कुछ घंटों में पूरी की जा सकेगी। कमर्शियल वाहनों के साथ ही यात्री और निजी वाहनों की रफ्तार भी काफी बढ़ जाएगी। एक्सप्रेस वे का निर्माण होने के बाद धर्मनगरी वाराणसी दो राज्यों की राजधानी से सीधे जुड़ जाएगी।
इन विकास कार्यें के साथ शराबबंदी जैसी नीति पर नीतीश सरकार की आलोचना हो रही है। बिहार मंे विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। ऐसे मंे अगर पांच प्रत्याशी ही उतारे जाते हैं तो चुनाव की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। (हिफी)

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