लेखक की कलम

रंगला पंजाब बनने में आतंकवाद बाधा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनायी है। पंजाब के हालात दिल्ली से अलग हैं। इसलिए मुख्यमंत्री भगवंत मान जब कहते हैं कि रंगला पंजाब बनाने का सपना धीरे-धीरे पूरा हो रहा है, तब वहां आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं चिंता में डालती हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि भ्रष्टाचार मुक्त बनाना ही हमारा ख्वाब (सपना) है तो उन्हंे यह भी ध्यान रखना होगा कि पंजाब में सन् 84 के हालात न बन जाएं। अभी हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच के दौरान कई डिजिटल चिप और पैन ड्राइव मिली हैं। इससे खालिस्तानी आतंकियों के इरादों का पता चलता है। यह भी ध्यान रखना होगा कि पिछले एक महीने मंे ही पंजाब के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों पर आतंकी हमले हो चुके हैं। ये आतंकवादी वारदात करने के बाद पड़ोसी राज्यों मंे चले जाते हैं। गत 22 दिसम्बर की रात में ही यूपी के थाना पूरनपुर में मुठभेड़ के दौरान पंजाब में आतंकी घटना को अंजाम देने वाले 3 अपराधी गंभीर रूप से घायल हुए। बाद मंे उनकी मौत हो गयी। उनसे कोई विशेष जानकारी हासिल हो सकी अथवा नहीं, यह पता नहीं चला। इसका खुलासा भी नहीं करना चाहिए क्योंकि छिपे हुए आतंकी सतर्क हो जाएंगे। मुख्य बात यह है कि पंजाब की सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे के बराबर ही आतंकवाद के मामले पर ध्यान दे और ठोस कार्रवाई करे। मुठभेड़ में मारे गये तीनों कथित आतंकी युवा हैं, यह ज्यादा चिंता की बात है। ध्यान रहे कि तीन किसान कानूनों, जो वापस ले लिये गये हैं, के खिलाफ जब आंदोलन चल रहा था, तब आरोप लगा था कि उसमें आतंकवादी घुसे थे और 26 जनवरी की हिंसा इसी का नतीजा बतायी जा रही थी। इसलिए भगवंत मान को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले तीन आतंकवादियों को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया है। तीनों अपराधियों और उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम के बीच 23 दिसम्बर की सुबह मुठभेड़ हुई। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन अपराधियों ने गोलियां चला दीं। सूत्रों ने बताया कि घायल अपराधियों- गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जसनप्रीत सिंह- की चोटों के कारण मौत हो गई। उनके पास से एके सीरीज की दो राइफलें और कई ग्लॉक पिस्तौल बरामद की गई हैं। पंजाब पुलिस ने कहा है कि तीनों खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल का हिस्सा हैं। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह आतंकी मॉड्यूल पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल है। मुठभेड़ के बारे में पुलिस अधिकारी ने बताया, गुरदासपुर पुलिस ने यूपी के थाना पूरनपुर में आकर सूचना दी कि उनके थाने पर ग्रेनेड से हमला करने वाले 3 खालिस्तानी आतंकियों के यहां होने की जानकारी मिली है। इस सूचना पर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया। तभी पूरे इलाके में नाकाबंदी कर चेकिंग शुरू की गई। पूरनपुर थाना क्षेत्र से कमरिया प्वॉइंट पर तैनात पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां पर एक बाइक पर तीन युवक हैं, जिनके पास संदिग्ध सामान है और वो खतरनाक तरीके से बाइक चलाते हुए पीलीभीत की तरफ जा रहे हैंष्। न्होंने आगे कहा, इसके तुरंत बाद पंजाब पुलिस और हमारी टीम ने उनका पीछा किया।
बता दें कि खालिस्तानी आतंकियों के टारगेट पर पंजाब के कई थाने हैं। पंजाब में थानों पर हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हैप्पी पेंसिया और जीवन फौजी का हाथ हो सकता है। एनआईए ने कुछ दिन पहले पंजाब पुलिस को दी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में थानों पर हमले को लेकर आगाह किया था। ये रिपोर्ट खालिस्तानी आतंकियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर से पूछताछ और रेड में बरामद डिजिटल एविडेंस के आधार पर तैयार की गई थी। एनआईए अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1984 की तरह खालिस्तानी आतंकी पंजाब में पुलिस स्टेशनों को डैड ड्राप मॉडल के तहत टारगेट कर रहे हैं। डेड ड्राप मॉडल में आतंकी संगठन किसी भी बिल्डिंग या शख्स को टारगेट करने के लिए मेमोरी चिप, पेन ड्राइव या डिजिटल चिप के जरिए अपना मेसेज जिसमे टारगेट, विस्फोटक की जगह बताई जाती है, उसकी जानकारी अपने ओवर ग्राउंड वर्कर से शेयर करते है।
सर्च के दौरान हाल ही में एनआईए को ऐसी कई डिजिटल चिप और पेनड्राइव हासिल हुई। उसी के आधार पर ये स्टेटस रिपोर्ट बनाई गई। पिछले एक महीने में पंजाब में अलग-अलग पुलिस स्टेशन और चौकियों पर हमले हुए हैं, जिनमे इसी डेड ड्राप मॉडल का इस्तेमाल किया गया है। डेड ड्राप मॉडल के जरिए आतंकियों की साजिश को पकड़ना जांच एजेंसियों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है। इस मॉडल के जरिए आतंकी संगठन ज्यादातर नए लड़कों का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें विदेश बुलाने और पैसे का लालच दिया जाता है।
चार दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने में धमाका हुआ था। तब थाने में हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी। इस धमाके की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासियां ने ली थी। इससे पूर्व 28 नवंबर को अमृतसर पुलिस की पुरानी चौकी गुरबख्श नगर में ब्लास्ट हुआ था। यहां भी हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी। इसकी जिम्मेदारी भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए ली गई थी। अमृतसर में 23-24 नवंबर की रात को अजनाला थाने के बाहर आईईडी भी प्लांट किया गया था। हालांकि, तकनीकी खराबी के कारण वह फटा नहीं था। गुरदासपुर जिले में भी पुलिस थाने को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड फैंका जा चुका है।
यह भी कहा जा रहा है कि खालिस्तान आंदोलन फिर से जिंदा हो गया है। भारत में यह सबसे हिंसक अलगाववादी आंदोलनों में एक था। इसके कारण 1980 से 1995 के बेच डेढ़ दशक में कुल 21,532 लोग मारे गए जिनमें 8,090 अलगाववादी, 11,796 आम लोग और 1,746 सुरक्षाकर्मी थे। मीडिया पंजाब में हिंसा, जन विरोध, बेअदबी, और ड्रग्स की तस्करी के तमाम मामलों को प्रायः खालिस्तान आंदोलन के आशंकित उभार से जोड़ता है। ये खबरें भी आईं कि तीन नये कृषि कानूनों, जिन्हें वापस ले लिया गया है, के खिलाफ चले किसान आंदोलन में खालिस्तानी तत्व घुस आए थे और उसमें खालिस्तान आंदोलन का पैसा भी लगा था। विभिन्न किसान संगठनों को मिलाकर बने संयुक्त किसान मोर्चा ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया लेकिन छिटपुट हिंसा, 26 जनवरी के दिन लाल किले पर धार्मिक झंडों का फहराया जाना उन तत्वों की मौजूदगी का प्रमाण है। मीडिया के एक हलके और भाजपा के नेताओं ने भी आरोप लगाया कि पंजाब में 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की साजिश खालिस्तानियों ने ही रची थी। खालिस्तान आंदोलन का फिर से उभार पंजाब में 2007 के बाद हुए सभी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा रहा है। पिछले चुनाव के दौरान भी कैप्टन अमरिंदर सिंह व भाजपा के गठबंधन और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच इस मुद्दे पर तकरार चल रही थी। खालिस्तान आंदोलन की ताजा स्थिति पर केंद्र हो या राज्य, किसी सरकार ने कोई औपचारिक विस्तृत रिपोर्ट नहीं जारी की है। गृह मंत्रालय की 2019-2020 की वार्षिक रिपोर्ट में खालिस्तान आंदोलन का कोई जिक्र नहीं है, सिवा इसके कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) नामक संगठन को ‘यूएपीए-1967 के तहत ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है।
अगस्त 2019 के बाद से ऐसी कई खबरें आई हैं कि पाकिस्तान ने पंजाब में ड्रोन से कई बार हथियार, विस्फोटक और आइईडी गिराए हैं। ‘ट्रिब्यून’ ने खबर दी थी कि बीएसएफ ने 2021 में सभी तरह के एके सीरीज के राइफल और पिस्तौल समेत 34 हथियार, 3322 चक्र गोला-बारूद, 485 किलो हेरोइन बरामद किए। जनवरी 2021 में, पंजाब पुलिस ने एक ‘अंडर बैरेल ग्रेनेड लॉन्चर, 3।79 किलो आरडीएक्स और 5 किलो आइईडी बरामद की। गिराए गए या बरामद किए गए हथियारों के कुल सरकारी आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। (हिफी)

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