मन का विश्वास कमजोर हो ना…

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
सन् 2024 अच्छे बुरे अंजाम के साथ विदा हो चुका है और हमलोग नए साल में प्रवेश कर चुके हैं। 2024 में जहां दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं धर्म जाति संप्रदाय क्षेत्र के नाम पर परस्पर खून की प्यास बुझाने के लिए कहीं इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी पर खूनी संघर्ष हुआ तो यूक्रेन और रूस के बीच भी जंग जारी रही। बंगलादेश में शेख हसीना को पद से हटा कर युनूस पदारूढ किए गए तो हिन्दुओं पर अत्याचार बढ गए। अपने देश में भी मणिपुर समेत कई राज्यों में हिंसा का तांडव चलता रहा। इस सब के बीच निर्दोष निरपराध इंसानों ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई। कहीं हजारों लाखों लोग दरबदर होकर जान की हिफाजत के लिए शरणार्थी शिविरों में शरण लेने बंकरों में छिपने के लिए मजबूर हुए। कुल मिला कर दुनिया का एक बड़ा हिस्सा आपाधापी हिंसा अराजकता के बीच जिंदगी खोजता रहा। इसलिए निःसंदेह नव वर्ष सुबह नई उम्मीद और एहसास लेकर आया है।
हर नया वर्ष चुनौतियों का होता है तो उम्मीदों की किरणों भी रोशनी बिखेरती हैं। यह इंसान की फितरत है कि हर नए आगाज के साथ नई उम्मीदें जोड़ता है। साथ ही अपने सामने मौजूद चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने का संकल्प वह लेता है। इसीलिए नव वर्ष के मौके पर नए संकल्प लेने की रिवायत है। साथ ही नया साल जो कार्य पिछले साल में अधूरे रह गए थे, उन कार्यों को नई ऊर्जा से पूर्ण करने की प्रेरणा और आधार देता है। नए साल में हर व्यक्ति को नए अहसास के साथ अपने अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए और अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए व नई सोच के साथ उन लक्ष्यों को साकार करने का प्रण लेना चाहिए। नया वर्ष हर व्यक्ति के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ-साथ कमियों और गलतियों का मूल्यांकन करने का समय है। यह हमें अपने आप को भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, कार्य करने तथा आगामी वर्ष के लिए नए लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता है। नए साल की शुरुआत में हर व्यक्ति को भावी वर्ष के लिए नए लक्ष्य बनाने चाहिए और उन्हें पूरा करने की रणनीति बनानी चाहिए, जिससे कि अवसरों को सफलता में बदला जा सके।
अगर देखा जाए तो 2024 जाते-जाते कई ऐसे यादगार पल दे गया जो उत्साह, उमंग एवं ऊर्जा जगाते हैं, उज्जवल भविष्य का संकेत देते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में व्याप्त अशांति के बावजूद भारत ने वर्ष 2024 में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। यह साल भारत के लिए काफी खास रहा। भारत की तरफ से दुनिया को यही संदेश दिया गया कि अब न केवल देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, बल्कि उसकी बागडोर मजबूत हाथों में भी है। इसी साल मोदी साठ साल में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले पीएम बने, बल्कि उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में शानदार सफलता हासिल की। केंद्र की एनडीए सरकार के प्रमुख निर्णय नए आपराधिक कानूनों को लागू करना, पीएम-सूर्य घर- मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी देना, प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार और संसद में एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पेश करना रहा। अगर अर्थव्यवस्था की बात की जाए भू-राजनीतिक चुनौतियों से उत्पन्न
आपूर्ति श्रृंखला और कच्चे तेल के दामों
में आई तेजी के बावजूद भारतीय
अर्थव्यवस्था 2024 में विश्व की सबसे तेज बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था बनी रही है। तकनीकी प्रगति, प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, नवीकरणीय ऊर्जा और आत्मनिर्भर भारत जैसे नीतिगत उपायों से भारत वैश्विक आर्थिक क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत रखने में सफल रहा है।
भारत दुनिया के लिए सेमीकंडक्टर उत्पाद का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। ऐसे में रोजगार के लिहाज से भी यह साल बेहतर अवसर मुहैया कराएगा। मौजूदा वर्ष में 1.25 लाख करोड़ की निवेश लागत से अकेले सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 80 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य संगठनों का मानना है कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में उपभोक्ता मांग में तेजी आएगी। सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अर्थव्यवस्था से जुड़े कई क्षेत्रों में भारी निवेश होगा। इस बीच सरकार ढांचागत विकास को लेकर परियोजनाओं से जुड़े खर्च को बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं, जिससे देश में नई परियोजनाएं शुरू होंगी। इससे निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में अच्छी गति देखने को मिली। देश की जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी को 17 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी तक ले जाने के लक्ष्य पर काम जारी है। ऐसे में इस वर्ष विनिर्माण क्षेत्र में भी नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। देश में कृषि, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्वर ई- कॉमर्स और निर्माण क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। इन्हीं सभी कारणों को देखते हुए ओईसीडी ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025 की पहली छमाही में आर्थिक विकास दर 6.8 से 6.9 फीसदी के बीच रहेगी, जो चीन, ब्राजील और दक्षिणी अफ्रीका की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अधिक होगी। इसके साथ ही अंतरिक्ष सेक्टर में भारत ने बड़ी छलांग वर्ष 2024 में लगाई है। इस साल एक जनवरी को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्सपोसैट को लांच किया था। अंतरिक्ष में एक्सरे किरणों का अध्ययन करने के लिए विशेष तौर पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला भारत दूसरा देश बना। साल के अंत में 30 दिसंबर इसरो स्पेडेक्स लांच किया है। इससे भारत उन गिने चुने देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास अंतरिक्ष में गतिमान दो यानों को आपस में कनेक्ट करने की प्रौद्योगिकी क्षमता होगी। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2025 में भारतीय अंतरिक्ष सेक्टर में जो कुछ होने वाला है, उसका सिर्फ एक ट्रेलर वर्ष 2024 में दिखाई दिया है। इस साल इसरो के जरिए 36 सैटेलाइटों का प्रक्षेपण करने की तैयारी है ही, लेकिन सबकी नजर भारत की रूस और अमेरिका के साथ मिल कर अंतरिक्ष यात्री भेजने की रणनीति पर भी होगी।
देश ने रक्षा क्षेत्र में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। इन उपलब्धियों में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की वापसी, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एम की पहली परीक्षण उड़ान से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण शामिल है। देश का रक्षा और सुरक्षा तंत्र जमीन, समुद्र, वायु और अंतरिक्ष में विकसित हुआ है। खेल के क्षेत्र में यह साल भारत के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। एक क्रिकेट विश्व कप, आधा दर्जन ओलंपिक पदक और दो शतरंज विश्व चैंपियन। वर्ष 2024 ने भारतीय खेल प्रशंसकों को जश्न मनाने के कई मौके दिए जिससे खेलों की दुनिया में देश का भविष्य उज्जवल नजर आता है। सभी क्षेत्रों में भारत ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है, लेकिन इसके बावजूद कई चुनौतियां बरकरार हैं, जिससे निपटने के लिए नए साल में प्रयास करनें होंगे। भारतीय अर्थव्यस्था तेजी से बढ़ रही है और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और विदेशी निवेश के रिकार्ड प्रवाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इंजन का कार्य किया है तो बढ़ती मुद्रास्फीति, घटता उपभोग, वित्तीय ऋण और जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमानों में कमी ने बड़ी चिंताएं भी पैदा की हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थितियों में वर्ष 2025 की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। करीब एक साल से मणिपुर में हिंसा जारी है, जिससे निपटने की चुनौती बरकरार है। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई, कुपोषण, अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई जैसी कई समस्याएं हमाने सामने हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए साल में इन समस्याओं को खत्म किया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों और और उत्तरदायित्वों का निर्वाह पूरी जिम्मेदारी से करने का संकल्प लें, तभी देश तेजी से विकास पथ पर अग्रसर हो सकता है।
देश प्रयागराज कुंभ की तैयारी में जुटा है दुनिया के सबसे बड़े आयोजन के सकुशल सम्पन्न होने पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई है। इस आस्था और उम्मीद से भरे माहौल में सिर्फ यही गुजारिश है कि कल जो गुजरा है फिर से न गुजरे, मन का विश्वास कमजोर हो ना। (हिफी)