बहुत सबल हैं भूमाफिया

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश में फर्रूखाबाद जिले के कायमगंज में आज से लगभग दो साल पहले संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ था। इस अवसर पर कहा गया था कि यहां अवैध कब्जे की शिकायतें बहुतायत में हैं। कुछ जमीनी विवाद तो चंद दिन पहले हुए देवरिया कांड की याद दिला देते हैं। शमसाबाद के गांव गुटैटी दक्षिण के रामगुलाम ने शिकायत की थी कि उसकी भूमि समैचीपुर चितार में है। भूमि पर गांव के कुछ असरदार अवैध कब्जा किए हुए हैं। उसके विरोध करने पर नाजायज असलहा व लाठी डंडे लेकर झगड़ा पर आमादा हो जाते हैं । इस प्रकार के कई मामले उठाये गये थे। इस बीच यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की लेकिन या तो नये भूमाफिया पैदा हो गये अथवा पुराने भूमाफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो गया। यही कारण है कि योगी सरकार को अब दो साल बाद भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत पड़ी । यह कटु सत्य है कि भूमाफिया बहुत सबल हैं और उनकी राह में बाधा बनने वाले अफसर कभी-कभी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। इसलिए योगी सरकार ने अभी कुछ दिन पहले ही भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए जो इरादा जताया है, उस पर ईमानदार निगरानी की जरूरत है।
होली से ठीक पहले यूपी की योगी सरकार ने कहा कि अब भू माफियाओं का खात्मा करने की जरूरत है। इसके लिए यूपी एंटी भूमाफिया के तहत कार्रवाई के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। प्रदेश में राजस्व परिषद ने जो नियम बनाए हैं, उसके तहत लेखपालों और राजनिरीक्षकों पर मामले को टालने की जगह अब सीधे उप जिलाधिकारियों और जिलाधिकारी के स्तर पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। पहले भी राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए थे। जिसमें अब संशोधन किया गया है। नई व्यवस्था के तहत एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद कार्रवाई करने के लिए स्वतः एसडीएम के लॉगिन पर यह प्रदर्शित होने लगेगी। शिकायत मिलने से इसे सीधे पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा भी है। शिकायत पर राजस्व विभाग और पुलिस विभाग लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसके लिए तीन चरण बनाए गए हैं। एंटी भू-माफिया पोर्टल में शिकायतें आठ श्रेणियों में दर्ज की जाएंगी। रिपोर्ट्स की मानें तो शासकीय या सार्वजनिक उपक्रम की जमीन पर कब्जे को लेकर चकरोड, तालाब, खलिहान, चारागाह, निजी आवासीय भूमि, फर्जी बैनामे के आधार पर नामांतरण संबंधी, कृषि भूमि के पट्टे की भूमियों पर कब्जे संबंधी, आबादी क्षेत्र पानी निकास व सार्वजनिक, निजी भूमि पर अन्य भूमिधर व सहखातेदारों और अन्य शिकायतों में इसे दर्ज किया जाएगा। एसडीएम अवैध कब्जा भूमि पर सूची के आधार पर कार्रवाई कर पाएंगे।
फर्रूखाबाद में शमसाबाद निवासी रामगुलाम ने भू माफियाओं की दबंगई की शिकायत करते हुए कहा था कि वे जान से मार डालने की धमकी देते हैं जबकि उक्त भूमि का जिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। समाधान दिवस में 168 शिकायतें आईं, जिनमें आठ का मौके पर निस्तारण किया गया। संपूर्ण समाधान दिवस में विधायक डा। सुरभि, तहसीलदार आलोक कटियार व सीओ सोहराब आलम ने समस्याएं सुनीं। गांव कासिमपुर तराई के विशुनदयाल ने शिकायत की कि उसकी भूमि पर गांव के ही रामचरन कब्जा किए हुए है। उसकी भूमि को राजस्व निरीक्षक ने नाप करने के बाद रामचरन से खाली करने को कह दिया था, लेकिन उसकी भूमि खाली नहीं की गयी। गांव कलुआपुर सानी के अरुण कुमार ने शिकायत की कि उसने गांव के ही दफेदार से भूमि खरीदी थी। विक्रेता का भाई अधिक खेत जोत लेने का आरोप लगाते हुए घूरा डाल रहे हैं। मना करने पर अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इनमें से कितनी शिकायतें दो साल में दूर हुईं इसकी भी जांच करवाने की जरूरत है।
पिछले साल अर्थात 2024 के दिसंबर में गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि गरीबों की जमीन कब्जामुक्त कराएं और अवैध कब्जा करने वाले दबंगों को करारा कानूनी सबक सिखाएं। उन्होंने कहा कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का अनुसरण करते हुए कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार का संकल्प है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जमीन कब्जा करने के मामलों में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक वह खुद पहुंचे और एक-एक करके, इत्मीनान से सबकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान करीब 200 लोगों से मुलाकात कर उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सबको न्याय मिलेगा और सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे।जनता दर्शन में कुछ महिलाओं ने भूमाफिया और दबंगों द्वारा जमीन कब्जा करने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमाफिया को करारा सबक सिखाया जाएगा। उनके रहते कोई भी किसी कमजोर या गरीब को उजाड़ नहीं पाएगा। मुख्यमंत्री ने पास में मौजूद प्रशासन व पुलिस के अफसरों को निर्देशित किया कि जबरन जमीन कब्जा करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई करें। सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी दबंग, माफिया, अपराधी किसी की जमीन पर कब्जा न करने पाए। वन परिक्षेत्र की सब रेंज सतनवाड़ा के अंतर्गत आने वाले अमरखुआ व चिटोरा- चिटोरी के आस पास पड़ी वन विभाग के हजारों हेक्टेयर भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। दबंगों ने जमीन से पेड़ काटकर न केवल जमीन को खेती के लिए बना लिया है बल्कि वन विभाग की भूमि पर मकान भी बना लिए हैं। वन विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं करने से सब रेंज क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के हौंसले बढ़े हैं और वह लगातार अपने कारनामों को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। वन विभाग आवश्यक कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इस वीट वाली सब रेंज क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक गांव आते हैं जिसमें दबंगों द्वारा वन नेशनल पार्क की बाहर पड़ी वन भूमि पर कब्जा कर लिया है। स्थिति यह है कि खुलेआम वन भूमि पर कब्जा होने के बाद भी वीट प्रभारी इन दबंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं और न ही जिम्मेदारी अधिकारियों को इसकी सूचना देते हैं। इसलिए भूमाफियाओं पर नियंत्रण आसान नहीं है। (हिफी)