दक्षिण कोरिया में दुखद विमान दुर्घटना

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
बीत रहा साल 2024 एक बड़ा विमान हादसे का जख्म दे गया। साउथ कोरिया में 29 दिसम्बर को हुए विमान हादसे के बाद हवाई यात्रा सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे में यह आशंका भी स्वाभाविक है कि लोग जिस विमान में सवार हैं, वह सही सलामत पहुंचेगा या नहीं! इसका कारण है कि पिछले कुछ समय से लगातार दुर्घटना हो रही है। ताजा दुर्घटना में दक्षिण कोरिया में एक हवाई अड्डे पर रविवार को उतरते समय यात्री विमान में आग लग गई। इस घटना में 176 लोगों की मौत हो गई। इनमें 83 महिलाएं और 82 पुरुष शामिल हैं। हालांकि 11 अन्य लोगों की पहचान तत्काल नहीं हो सकी। विमान में कुल 181 यात्री सवार थे। जानकारी के मुताबिक यह देश में अब तक हुए सबसे भीषण विमान
हादसों में से एक है। विमान 15 वर्ष पुराना बोइंग 737-800 जेट था, जो बैंकॉक से लौट रहा था। जेजू एयर
का विमान लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गया और मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बाड़ की दीवार से टकरा गया। बैंकॉक से लौट रहे इस विमान में चालक दल के छह सदस्यों सहित कुल 181 लोग सवार थे। संदेह है कि लैंडिंग गियर में खराबी शायद एक पक्षी के टकराने की वजह से हुई है. जो दुर्घटना का कारण बन सकती है।
आपको बता दें कि इससे एक दिन पहले देर रात को हैलिफैक्स एयरपोर्ट पर एयर कनाडा के एक विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। पीएएल एयरलाइंस की फ्लाइट एसी 2259 उस समय क्रैश होने से बाल-बाल बची। हालांकि अच्छी बात यह रही कि फ्लाइट में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। एक विमान में आई तकनीबी खराबी के कारण विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद फ्लाइट में आग लग गई। लैंडिंग में थोड़ी सी भी देरी किसी बड़े हादसे की वजह बन सकती थी। इससे पहले नॉर्वे के ओस्लो टॉप सैंडफियोर्ड एयरपोर्ट पर भी केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस का विमान इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान फिसल गया। ओस्लो एयरपोर्ट से एम्स्टर्डम की ओर जा रहा बोइंग 737-800 विमान के हाइड्रोजन सिस्टम में खराबी आ गई थी। इसके बाद विमान को ओस्लो से 110 किमी दक्षिण सँडफियोर्ड एयरपोर्ट पर उतारने का फैसला किया गया। सुरक्षित लैंडिंग के बावजूद विमान रनवे से फिसल गया और पास के घास वाले क्षेत्र में जाकर रुका। बड़ा हादसा होते-होते बचा। इस विमान में 182 लोगों की जान बाल-बाल बची। जिस दौर में निजी विमान कंपनियों के अलावा सभी देशों की सरकारों के द्वारा हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ बनाने का दावा किया जा रहा है, उस दौर में लगातार हो रही दुर्घटनाएं बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। इस महीने (दिसम्बर-24) दुनिया भर में कुल 6 विमान हादसे हुए हैं, जिनमें 234 लोगों की मौत हो गई है। ये आंकड़े वाकई डराने वाले हैं। इससे पहले कजाखस्तान में अकताऊ शहर के निकट अजरबैजान एयरलाइन्स का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे 38 लोगों की मौत हो गई। विमान ने अजरबैजान की राजधानी वाकू से रूस के शहर ग्रॉजी के लिए उड़ान भरी थी। अजरबैजान एयरलाइन्स के अनुसार विमान में सवार 42 यात्री अजरबैजान के नागरिक थे। इसके अलावा इसमें 16 रूसी नागरिक, कजाखस्तान के छह और किर्गिस्तान के 3 नागरिक भी थे। मोबाइल फोन से बनाई गई वीडियो में विमान को तेजी से जमीन पर गिरते और उसमें आग लगते देखा जा सकता है। एक अन्य फुटेज में विमान का पिछला हिस्सा पंखों से अलग होते हुए और बाकी हिस्सा घास में उल्टा पड़ा हुआ दिखा। इसी महीने ब्राजील के दक्षिणी शहर ग्रामाडो के शहरी केंद्र में एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 10 लोगों की मौत हो गई। 17 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह दुर्घटना विमान के उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद हुई। विमान एक इमारत की चिमनी से टकराया, फिर एक आवास से और अंत में फर्नीचर की दुकान से जा टकराया। अधिकतर लोग दुर्घटना के दौरान लगी आग से निकलने वाले धुएं के कारण बीमार हो गए। उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यू गिनी में नॉर्थ कोस्ट एविएशन की ओर से संचालित वीएन 2 बी-26 आइलैंडर 22 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई। यह विमान वासु एयरपोर्ट से लाए-नदजव हवाईअड्डे के लिए चार्टर उड़ान पर था। वहीं, अर्जेंटीना में सैन फर्नांडो एयरपोर्ट के पास बॉम्बार्डियर बीडी-100-ए 110 चैलेंजर 300 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दोनों पायलट मारे गए। यह विमान पुंटा डेल एस्टे हवाई अड्डे से सैन फनाँडो एयरपोर्ट के लिए उड़ान पर था, जो रनवे से आगे निकल गया और बाड़ व पेड़ से टकरा गया। इस टक्कर से उसमें आग लग गई। इसके अलावा 17 दिसंबर को 208बी ग्रैंड कारवां हवाई के होनोलूलू में इनौवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दोनों पायलटों की मौत हो गई थी।
जान लें कि विमान हादसों के कई कारण होते हैं, जिसमें पक्षियों से टकराना एक मुख्य कारण है। पिछले कुछ वर्षों में हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए गये हैं। आम लोग विमान से यात्रा इसलिए करते हैं, क्योंकि इसमें सबसे कम समय लगने के साथ ही सबसे सुरक्षित भी माना जाता है। लेकिन जिस प्रकार से लगातार विमान हादसे हो रहे हैं, वे दुःखद होने के साथ ही चिंतनीय भी है। जहां तक भारत का सवाल है, यहां विमान यात्रा कितना सुरक्षित है, यह किसी से छिपा नहीं है। उड़ान के दौरान इंजन खराब होने, रनवे पर टायर फटने, विमान के फिसल जाने, उतरते वक्त पहिए नहीं खुलने और इसी तरह की अन्य घटनाएं आम हो गई हैं, जिनसे सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है। जाहिर है, ऐसे हादसे विमानों की तकनीकी गड़बड़ी से ही होते हैं। जरूरत इस बात की है कि हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाए जाएं। यह बात सर्वविदित है कि जब भी कोई बड़ा विमान हादसा होता है, तो इसमें यात्रियों की बचने की संभावना काफी कम होती है। दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ हादसा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। ऐसे में जरूरत है कि विमानन कंपनियां हवाई यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करें। लगातार बढ़ते विमान हादसों से हवाई यात्रियों में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है। अगर इसी प्रकार से दुर्घटनाएं होती रहीं, तो लोग हवाई यात्रा करने से परहेज करेंगे। इसलिए जरूरत है कि हवाई यात्राओं को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं, ताकि लोग निर्भय होकर हवाई यात्राएं कर सकें। विश्व भर में हवाई यात्रा को लेकर असुरक्षा की भावना बनी रहती है अभी सुरक्षित विमान यात्रा की दिशा में बहुत काम होना बाकी है। अंतरराष्ट्रीय तकनीकी समुदाय को इस ओर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। (हिफी)