युद्ध पोतों पर भी तैनात होंगी महिलाएं

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारतीय नौसेना इस साल नई अग्निपथ योजना के माध्यम से पहली बार महिला नाविकों की भर्ती करेगी, जिससे आने वाले समय में उनके लिए भी युद्धपोतों पर तैनात होने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस साल नौसेना में शामिल किए जाने वाले 3,000 अग्निवीरों में से महिलाएं कितनी होंगी, इसको अभी अंतिम रूप दिया जाना है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यह संख्या पहले बैच का 10-20 प्रतिशत होगी। नौसेना में शामिल होने वाले अग्निवीर इस साल 21 नवंबर से ओडिशा स्थित नौसेना प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का में प्रशिक्षण शुरू करेंगे। चीफ ऑफ पर्सनेल वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने गत 19 जून को कहा, ‘नौसेना में अग्निपथ योजना लिंग-तटस्थ होगी। वर्तमान में 30 महिला अधिकारी अग्रिम पक्ति के युद्धपोतों पर ड्यूटी दे रही हैं। हमने तय किया है कि महिला नाविकों की भी भर्ती करने का समय आ गया है। नौसेना के सभी ट्रेडों में महिलाओं की भर्ती होगी। समुद्र में भी महिला अग्निवीरों की तैनाती होगी।’ भारत के 14 लाख सैन्यकर्मियों वाले मजबूत सशस्त्र बलों में 1990 के दशक से ही महिलाओं को शामिल किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति 2019-2020 में शुरू हुई है।
महिला अधिकारियों को अधिक अवसर प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना ने महत्वपूर्ण उठाए हैं। उदाहरण के लिए नौसेना के लड़ाकू जहाजों पर चार महिला अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। एक महिला पर्यवेक्षक अधिकारी को एक वर्ष की अवधि के लिए डोर्नियर एयर क्रू के हिस्से के रूप में मालदीव में तैनात किया गया है । पहली महिला अधिकारी को प्रोवोस्ट विशेषज्ञता में शामिल किया गया है एवं एट-आर्म्स कोर्स के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। इस प्रकार सेना में नारी शक्ति की प्रतिभागिता लगातार बढती जा रही है।
देश की सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च, 2020 को भारतीय नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का फैसला सुनाया था। अब महिला अग्नि वीर नाविक भर्ती की जाएंगी। इस साल नौसेना में शामिल किए जाने वाले 3,000 अग्निवीरों में से महिलाएं कितनी होंगी, इसको अभी अंतिम रूप दिया जाना है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यह संख्या पहले बैच का 10-20 फीसद होगी। नौसेना में शामिल होने वाले अग्निवीर इस साल 21 नवंबर से ओडिशा स्थित नौसेना प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का में प्रशिक्षण शुरू करेंगे। इस प्रकार आने वाले समय में उनके लिए भी युद्धपोतों पर तैनात होने का मार्ग प्रशस्त होगा। चीफ ऑफ पर्सनल वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के अनुसार वर्तमान में 30 महिला अधिकारी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर ड्यूटी दे रही हैं। हमने तय किया है कि महिला नाविकों की भी भर्ती करने का समय आ गया है। नौसेना के सभी ट्रेडों में महिलाओं की भर्ती होगी। समुद्र में भी महिला अग्निवीरों की तैनाती होगी। ध्यान रहे कि भारत के 14 लाख सैन्यकर्मियों वाले मजबूत सशस्त्र बलों में 1990 के दशक से ही महिलाओं को शामिल किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति 2019-2020 में शुरू हुई है। महिला नाविकों की ट्रेनिंग के लिए आईएनएस चिल्का में व्यवस्था की जा रही है ।भारतीय सशस्त्र बलों में लगभग 70,000-मजबूत अधिकारी संवर्ग में महिलाओं की संख्या सिर्फ 3,904 (सेना 1,705, इन्डियन एयरफोर्स 1,640 और नौसेना 559) है, जबकि 9,000 से अधिक अधिकारियों की कमी है। सेना द्वारा पहली बार 2019-2020 में ‘अन्य रैंकों’ में महिलाओं की भर्ती शुरू करने के बाद, अब सैन्य पुलिस कोर (सीएमपी) में 100 महिला जवान भी हैं। पिछले दो वर्षों में 199 और सीएमपी महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई है। वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि पहले बैच में अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाली महिलाओं के सटीक प्रतिशत पर भी काम किया जा रहा है। आईएनएस चिल्का में उन्हें समायोजित करने की व्यवस्था की जा रही है।
लगभग एक साल पहले, नौसेना ने 23 साल के अंतराल के बाद पहली बार युद्धपोतों पर 4 महिला अधिकारियों की तैनाती की थी। इनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और बेड़े के टैंकर आईएनएस शक्ति पर 2-2 महिला अधिकारियों की तैनाती शामिल है। यह संख्या अब बढ़कर 30 हो गई है। साथ ही कोलकाता-श्रेणी के निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक और शिवालिक-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट पर भी महिलाओं को तैनात किया जा रहा है। इससे पहले नेवी चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा था कि नौसेना महिलाओं को भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के व्यापक स्पेक्ट्रम में शामिल करने और उनके सामर्थ्य का उपयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम अन्य रैंकों में भी महिलाओं का स्वागत करेंगे। इसी प्रक्रिया को आगे बढाया जा रहा है। महिला नाविक इसकी अग्रिम कडी है।
भारत में नारी को शक्ति का रूप माना गया है। ये नारी शक्ति देश के बाहर और अंदर मौजूद दुश्मनों से देश की रक्षा करने के साथ ही उनको मुंहतोड़ जवाब भी दे रही हैं। पिछले कुछ समय में भारत की सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। सरकार भी प्राथमिकता के आधार पर सेनाओं में उनकी भूमिका को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। हाल ही में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) प्राप्त महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी दस प्रभागों में स्थायी कमीशन प्रदान किया गया है। चार महिला अधिकारियों को भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर नियुक्त किया गया है। कैप्टन तानिया शेरगिल ने गणतंत्र दिवस परेड 2020 में पुरुष सैनिकों के दल का नेतृत्व किया।
भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना में 6807 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं। वहीं भारतीय वायुसेना में इनकी संख्या लगभग 1607 है। अगर पुरुषों और महिला अधिकारियों के रेशियो की बात करें तो सबसे अधिक महिलाएं नेवी में काम कर रही हैं। नेवी की कुल क्षमता का लगभग 6.5 फीसदी महिलाएं हैं। भारत की तीनों सेनाओं में कुल मिला कर लगभग 9,118 महिलाएं हैं। सरकार के मुताबिक वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं की संख्या भारत की तीनों सेनाओं में बढ़ी है।
भारत में महिलाएं लड़ाकू जहाज उड़ाने, पानी के लड़ाकू जहाजों पर अहम जिम्मेदारियां संभालने के साथ ही स्पेशनल ऑपरेशन के जरिए दुश्मन को सबक सिखाने में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर मंजूरी मिलने से भारतीय सेना के सभी 10 हिस्सों जिसमें आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स आदि शामिल हैं, इनमें महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिल पाएगा। अब तक अधिकतर महिलाओं की भर्ती सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत होती थी, लेकिन अब उन्हें स्थायी कमीशन मिल रहा है। इसके मायने हैं कि महिला सैन्य अधिकारी भी पुरुषों के समान ही तब तक अपने पद पर कार्यरत रहेंगी जब तक वह रिटायर नहीं हो जाती हैं।
तीनों सशस्त्र बलों में कार्यरत पुरुषों और महिलाओं की संख्या इस प्रकार है-
भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या 6807 और उनका प्रतिशत 0.56 भारतीय वायु सेना में महिलाओं की संख्या 1607 और प्रतिशत 1.08 है। इसी प्रकार भारतीय नौसेना में महिलाओं की संख्या 704 और प्रतिशत 6.5 है।
नेशनल काउंसिल फॉर सोशल स्टडीज के मुताबिक 2015 में महिलाओं की सेना में संख्या करीब 53,000 थी जो सेना की कुल क्षमता का पांच फीसदी था। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के मुताबिक पाकिस्तान की सेना में सिर्फ 3,400 महिलाएं हैं वो सभी मेडिकल या डेस्क जॉब करती हैं।
अमेरिकी सेना में लगभग 16 फीसद महिलाएं जिनकी संख्या करीब 74,000 है, काम करती हैं। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के मुताबिक रूस में सेना की कुल क्षमता का 10 फीसद महिलाएं हैं। (हिफी)