महाकुंभ में योगी के महाफैसले

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
कार्य, स्थल और समय का संयोग बहुत महत्व रखता है। इसलिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रयागराज मंे महाकुंभ के अवसर पर कैबिनेट की बैठक कर जो फैसले लिये, कार्यक्रम तय किये, उनकी सफलता तो शत-प्रतिशत निश्चित है ही, उनका दीर्घकालीन प्रभाव रहेगा। महाकुंभ मंे गत 22 जनवरी को सम्पन्न कैबिनेट बैठक में प्रयागराज, चित्रकूट और वाराणसी के लिए दो विकास क्षेत्र बनने पर मुहर लगी हैं इसके साथ ही उत्तर प्रदेश मंे दो नये एक्सप्रेस-वे बनाये जाएंगे। विदेशी कम्पनियों को उद्योग लगाने के लिए एफडीआई नीति को मंजूरी भी महाकुंभ के अवसर पर दी गयी है। तीर्थराज प्रयोग में महाकुंभ के अवसर पर जो योजनाएं बनायी गयी हैं, उनके अति सुखद परिणाम प्रदेश ही नहीं देश को भी मिलेंगे। कार्य, स्थल और समय दोनों ही बहुत उत्तम हैं। महाकुंभ 144 साल में प्रयागराज मंे ही आयोजित होता है।
ध्यान रहे हर 12 साल मंे चार स्थानों- हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में पूर्ण कुंभ का आयोजन होता है। इसके अलावा प्रत्येक 6 वर्ष के अंतराल मंे अर्धकुंभ का आयोजन हरिद्वार और प्रयागराज मंे होता है। प्रयागराज को ही हर प्रकार के कुंभ के आयोजन का गौरव प्राप्त है। इसीलिए हर साल प्रयागराज में पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक माघ मेला लगता है। यहां एक महीने तक श्रद्धालु कल्पवास करते हैं और ऐसे ही एक कल्पवास के उपरांत महर्षि भरद्वाज ने परम विवेकी ऋषि याज्ञवल्क्य से रामचरित मानस सुनी थी। इसलिए योगी सरकार की महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज में कैबिनेट बैठक उसी तरह हितकारी होगी जैसे रामचरित मानस आज भी जन-जन का हित कर रही है।
तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 22 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) की तर्ज पर वाराणसी-विंध्य क्षेत्र और प्रयागराज-चित्रकूट को मिलाकर दो नए विकास क्षेत्रों के गठन समेत 10 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने प्रदेश को दो नए एक्सप्रेसवे की सौगात देने का एलान भी किया। पहला एक्सप्रेसवे 320 किमी लंबा होगा, जो प्रयागराज को सोनभद्र से जोड़ेगा। वहीं, दूसरा 100 किमी लंबा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे होगा, जो चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक बनेगा। इसके अलावा प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए पुलों के निर्माण से जुड़े प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी। बलरामपुर जिले में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय खुलने का रास्ता साफ हो गया है। यहां स्थित 166 बेड के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय को निशुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके अलावा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत हाथरस, बागपत और कासगंज में भी मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई है। युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने का प्रस्ताव कैबिनेट ने पारित कर दिया। ये स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदेश सरकार की ओर से युवाओं को निशुल्क दिए जाते हैं। मंजूरी के बाद जल्द स्मार्टफोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूपी डेस्को लखनऊ को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। 25 लाख स्मार्ट फोन के लिए 2493 करोड़ रुपये खर्च होंगे।कुंभ कैबिनेट में उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर का सबसे बड़ा केंद्र बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई है। यूपी एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024 के अंतर्गत 50 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के एक लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। सीएम योगी ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि कई मुद्दों पर आज यहां चर्चा हुई है प्रदेश के विकास से जुड़े हुए जो नीतिगत निर्णय हुए हैं उन मुद्दों पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश की एयरोस्पेस और डिफेंस से संबंधित जो पॉलिसी 2018 में हमने बनाई थी, इस पॉलिसी के 5 साल पूरे हो चुके हैं। अब उसको नए सिरे से बनाने की व्यवस्था की गई है।
रक्षा मंत्रालय ने देश में 2025-26 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करके 25 अरब डॉलर और निर्यात को 5 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि 2047 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत का योगदान होगा। इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किए हैं।
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी 54 मंत्रियों के साथ संगम पहुंचे। यहां मंत्रोच्चार के बीच सभी ने एक साथ संगम में डुबकी लगाई। फिर सूर्य को अर्घ्य दिया। स्नान करने के बाद सीएम ने नाव पर बैठकर संगम का दौरा भी किया। इस दौरान योगी ने अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया। इसके बाद सभी मंत्रियों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया।कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सीएम योगी ने कहा कि इन दोनों विकास क्षेत्रों के गठन का लाभ बुंदेलखंड और पूर्वी यूपी के एक दर्जन जिलों को मिलेगा। दोनों क्षेत्रों में आने वाले जिलों में जहां विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी, वहीं धार्मिक व पर्यटन स्थलों का विकास करके लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। दुनिया के बड़े धार्मिक मेलों में से एक महाकुंभ का मेला होता है, जिसमें देश दुनिया के करोड़ों की संख्या में भक्त भाग लेने पहुंचते हैं। प्रयागराज में श्रद्धालु गंगा यमुना और सरस्वती के पवित्र
संगम तट पर स्नान करते हैं। कहा जाता है एक बार स्नान करने के बाद यहां पर सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
महाकुंभ को लेकर पौराणिक कथा के अनुसार महाकुंभ का कनेक्शन समुद्र मंथन से है। जब देवता और असुर में अमृत प्राप्त करने को लेकर भयंकर युद्ध चल रहा था, उस दौरान अमृत कलश से कुछ बूंदें पृथ्वी के चार पवित्र स्थलों पर गिरी थीं जिसमें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक शामिल है। इसके बाद इन्हीं दिव्य स्थान में कुंभ लगता है।
शास्त्रों में भी बताया गया है कि प्रयागराज को तीर्थराज अथवा तीर्थ स्थलों का राजा कहा जाता है। ऐसी मान्यता भी है कि पहला यज्ञ ब्रह्मा जी द्वारा यहीं पर किया गया था,जिसका उल्लेख धार्मिक ग्रंथो में भी मिलता है। इतना ही नहीं देवता और असुरों में 12 दिनों तक अमृत को पाने के लिए भयंकर युद्ध हुआ जिसके बाद 12 दिन मनुष्य के 12 साल के समान होते हैं। यही वजह है कि हर 12 साल बाद कुंभ का आयोजन होता है। अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक वजह यह भी है कि जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में हो और उसी दौरान सूर्य देव मकर राशि में आते हैं तो कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज में होता। ऐसे ही जब गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में हो और उसी दौरान सूर्य देव मेष राशि में गोचर करते हैं, तब कुंभ हरिद्वार में आयोजित होता है। इसके साथ ही जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में विराजमान होते हैं, तो महाकुंभ नासिक में लगता है और जब बृहस्पति
सिंह राशि में हो और सूर्य मेष राशि में हो तो कुंभ का आयोजन उज्जैन में होता है। (हिफी)