लेखक की कलम

एक्सप्रेसवे पर योगी की दूरदृृष्टि

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को जब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बजट पेश किया था, तब प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की घोषणा की गयी थी। योगी सरकार ने बजट-2025-26 में चार नये एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए बड़ी रकम का इंतजाम किया था। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेस वे को किया, हरदोई वाया फर्रूखाबाद तक और प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया। इसी प्रकार गंगा एक्सप्रेस वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ने के लिए विन्ध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए फिलहाल 50 करोड़ रूपये रखे गये ताकि इसकी शुरुआत हो सके। इसी क्रम में मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस वे के विस्तारीकरण एक्सप्रेस के निर्माण का भी निर्णय लिया गया। बंुदेलखण्ड-रीवा एक्सप्रेस वे का निर्माण भी प्रस्ताविक है और इनके लिए 50-50 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी बजट में की गयी। इसी संदर्भ में गत 2 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। योगी ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के समय से उपचार के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पतालों की व्यवस्था भी करें। इसके साथ ही सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामासंेटर, एम्बुलंेस एवं अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्टाफ की तैयारी भी सुनिश्चित की जाए। सड़कों के निर्माण के साथ चिकित्सा और खानपान की उचित व्यवस्था योगी की दूरदृष्टि की परिचायक है। एनएचआई की सड़कों पर कैमरे भी लगाए जाएंगे। प्रदेश में 17 एक्सप्रेस वे पहले से हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क हादसों को देखते हुए अहम निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने सभी एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं ताकि सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को तत्काल उपचार मिल सके।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गत 2 मार्च को अपने सरकारी आवास पर सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की, जिसमें उन्होंने कई अहम बातें कही। सीएम योगी ने इस बैठक के बारे में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के समय से उपचार के लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें। साथ ही, सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस एवं ट्रेंड स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। सीएम योगी ने इसके साथ ही एक्सप्रेस वे और हाईवे किनारे शराब की दुकानों को लेकर भी अहम निर्देश दिए और साफ कहा कि हाईवे या एक्सप्रेस वे किनारे शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए। हाईवे पर शराब की दुकानों के साइन बोर्ड को भी छोटा करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा बिना परमिट की बसें सड़कों पर न चलने पाएं। डग्गामार वाहनों एवं ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें। दूसरे प्रदेश से आने वाले बिना परमिट के वाहनों को बॉर्डर पर रोकें। ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे एवं हाईवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाई जाए। प्रदेश में एनएचआई की सड़कों पर कैमरे स्थापित कराएं एवं स्थानों को चिह्नित कर फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण कराया जाए। प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर सड़क सुरक्षा से संबंधित साइनेज अवश्य लगाए जाएं।
उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में एक बार फिर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है जिसके तहत योगी सरकार ने इस बजट में चार और नए एक्सप्रेसवे बनाने का ऐलान किया है, जिससे राज्य में कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इन चारों एक्सप्रेसवे के लिए खास बजट का प्रावधान किया
है। वित्त मंत्री ने इन
चारों एक्सप्रेस वे के बारे
में जानकारी देते हुए
बताया कि सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया जनपद हरदोई तक बनेगा जो वाया फर्रुखाबाद के रास्ते से होता हुआ जाएगा। ये एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा। इसके लिए बजट में 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, इस बजट का ज्यादातर हिस्सा जमीन अधिग्रहण पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ने की तैयारी है। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है वित्त मंत्री ने सदन में इन नए एक्सप्रेस वे को बनाने की जानकारी दी है। वहीं मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव भी रखा गया है। जिसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान हैं। बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।
प्रयागराज में आवागमन को और सुगम बनाने के लिए एक शास्त्री ब्रिज के पैरलल और एक सिग्नेचर ब्रिज के पैरलर नये पुलों के निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है। महाकुंभ के आयोजन के दौरान प्रशासन को जिस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा उस देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बड़ा भागीदार उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां पर 17 एक्सप्रेसवे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के बुंदेलखंड एक्सप्रेस के उदघाटन करने के बाद कहा था उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उस समय 3,200 किलोमीटर में फैले 13 एक्सप्रेसवे में से छह चालू थे, जबकि सात पर काम चल रहा है। प्रदेश में वर्तमान समय में यमुना (आगरा-नोएडा) एक्सप्रेसवे-165 किलोमीटर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे-25 किलोमीटर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे-302 किलोमीटर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- 96 किलोमीटर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे-341 किलोमीटर तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर का संचालन हो रहा है। इनकी कुल लम्बाई 1,225 किलोमीटर की है। उत्तर प्रदेश, देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का नौ प्रतिशत कवर करता है। यहां पर देश में एक्सप्रेसवे का सबसे लंबा नेटवर्क है।
प्रदेश में जब 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता में आई, तो राज्य में केवल दो प्रमुख कार्यात्मक एक्सप्रेसवे थे। यमुना एक्सप्रेसवे जो आगरा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जोड़ता था और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, जो शहर को राज्य की राजधानी से जोड़ता था। इससे पहले 165 किमी नोएडा-आगरा छह-लेन एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत बनवाया था। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इसके बाद 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को बनवाकर 2021 में चालू किया। लगातार तीन सरकारों के बनाए गए इन तीन परिचालन एक्सप्रेसवे के साथ, सबसे ज्यादा एकसप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य बन गया है। (हिफी)

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