राजनीति

दिल्ली में चौहान का किसान मोर्चा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
इन दिनों दिल्ली में राजनीति का महाभारत देखने नायक है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा के सभी अस्त्र-शस्त्र कुंद कर रखे हैं। शिक्षा, चिकित्सा-स्वास्थ्य और महिलाओं को नकद धनराशि देने के आप के वादे भारी पड़ रहे हैं। आप को इतने भर से तसल्ली नहीं मिली और भाजपा का हिन्दुत्व कार्ड भी फीका करने का प्रयास होने लगा। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने मंदिरों के पुजारी और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18 हजार रुपये सम्मान राशि देने की घोषणा कर 1 जनवरी से रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया। केजरीवाल नहीं चाहते थे कि उनके इस प्रयास मंे कोई बाधा पड़े, इसलिए साल के पहले दिन क्नाट प्लेस के जिस हनुमान मंदिर में पुजारियों के रजिस्ट्रेशन का श्रीगणेश करना था, वहां भाजपा प्रायोजित भारी भीड़ लग गयी। वहां पुजारियों के रजिस्ट्रेशन से कुछ अप्रिय भी हो सकता था, इसलिए केजरीवाल ने एक अन्य हनुमान मंदिर से यह कार्य शुरू कर दिया। इस प्रकार केजरीवाल सियासी महाभारत में आगे बढ़ते जा रहे हैं। दो महीने के अंदर ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए भाजपा ने वहां एक नया मोर्चा खोल दिया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह चक्रव्यूह बनाया है। चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखा जिसमें किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री कहते हैं कि दिल्ली मंे आप की सरकार किसानों के प्रति उदासीन है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने जो भी योजनाएं बनायी हैं, दिल्ली में उन्हंे अब तक लागू नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने शिवराज सिंह चौहान के सवालों के जवाब मंे पंजाब का उदाहरण दिया जहां किसान धरना दे रहे हैं, आमरण अनशन कर रहे हैं। आतिशी कहते हैं कि भाजपा का किसानों के बारे मंे बात करना उसी तरह है जैसे माफिया डान दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को किसानों के हितों को लेकर एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने जो योजनाएं शुरू की हैं उन्हें दिल्ली में अभी तक लागू नहीं किया गया है और इस वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है। इस पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का भी जवाब आ गया है। आतिशी ने कहा कि बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसा ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, मोदी जी से कहिए उनसे बात करें। आतिशी ने ये भी कहा कि किसानों से राजनीति करना बंद करें।
कृषि मंत्री ने अपने पत्र में दिल्ली में किसानों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने पत्र मंे कहा कि दिल्ली में आप की सरकार किसानों के प्रति बेहद उदासीन है। किसानों के लिए दिल्ली सरकार में कोई संवेदना नहीं है। उन्होंने लिखा कि, दिल्ली में केजरीवाल और आतिशी ने कभी किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लिये हैं। उन्होंने लिखा कि केजरीवाल ने हमेशा चुनावों से पहले बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर राजनैतिक लाभ लिया है। केजरीवाल ने सरकार में आते ही जनहितैषी निर्णयों को लेने के स्थान पर अपना रोना रोया है।10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार है, लेकिन पूर्व सीएम केजरीवाल ने हमेशा किसानों के साथ केवल धोखा किया है। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में लागू नहीं किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में लिखा, दिल्ली के किसान केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। दिल्ली में आप सरकार का किसानों के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है। एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, बीज ग्राम कार्यक्रम सहित अनेक योजनाओं का लाभ किसान नहीं ले पा रहे हैं। दिल्ली में केंद्र की कृषि योजनाएं लागू नहीं होने से किसान भाई-बहन नर्सरी और टिशू कल्चर की स्थापना, रोपण सामग्री की आपूर्ति, फसल उपरांत प्रबंधन के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, नए बाग, पाली हाउस एवं कोल्ड चैन की सब्सिडी सहित अनेक योजनाओं के लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
उन्होंने लिखा, कृषि विकास योजना के लागू नहीं होने से कृषि मशीनीकरण, सूक्ष्म सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य, फसल अवशेष प्रबंधन, परंपरागत कृषि विकास योजना, कृषि वानिकी और फसल डायवर्सिफिकेशन के लिए सब्सिडी जैसी योजनाओं का लाभ दिल्ली के किसान नहीं ले पा रहे हैं। बीज ग्राम कार्यक्रम के दिल्ली में क्रियान्वयन नहीं होने से बीजों के वितरण, बीज परीक्षण, प्रयोगशालाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, बीज प्रमाणीकरण एजेंसियों की सहायता, बीजों की पारंपरिक किस्म के लिए सहायता और बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी जैसे लाभ नहीं मिल पा रहे है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने पत्र में लिखा, दिल्ली में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सहित किसान उपकरण का पंजीकरण कमर्शियल व्हीकल श्रेणी में किया जा रहा है, जिससे किसानों को अधिक दाम देना पड़ रहा है। आप की सरकार फ्री बिजली की बात करती है, लेकिन दिल्ली में किसानों के लिए बिजली की उच्च दरें निर्धारित कर रखी हैं। यमुना से लगे गांवों में सिंचाई उपकरणों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। कृषि मंत्री ने पत्र में लिखा, राजनैतिक प्रतिस्पर्धा किसान कल्याण में बाधा नहीं बननी चाहिए, किसान कल्याण सभी सरकारों का कर्तव्य हैं। दलगत राजनीति से उठकर आप की सरकार को किसानों के हित में निर्णय लेने चाहिए। आम आदमी पार्टी की सरकार को केंद्र की योजनाओं को लागू कर दिल्ली के किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा बहुत जल्द हो सकती है। चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में ही इसकी घोषणा कर सकता है। जानकारी के मुताबिक चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर दिल्ली के गृह विभाग ने स्टेट सर्विलांस टीम को गठित कर दिया है जो चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने वालों पर नजर रखेगी। बात दें कि यह टीम चुनाव में निष्पक्षता पूर्वक चुनाव और आचार संहिता को लागू करने पर निगरानी रखता है। अभी तक आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं वहीं कांग्रेस ने 56 और बीजेपी ने अभी तक कोई भी लिस्ट जारी नहीं की है। चुनाव की घोषणा के साथ ही आयोग बहुत जल्द उम्मीद जताई जा रही है कि 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी कर सकता है। कयास लगाया जा रहा है कि इसी हफ्ते चुनाव आयोग प्रेस वार्ता करके दिल्ली में चुनावी तारीखों की घोषणा कर सकता है। बात दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव के रिटायर्ड होने के पहले चुनाव समाप्त हो सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक दिल्ली में वोटिंग प्रक्रिया पूरी हो सकती है। किसी भी राज्य के चुनावी प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगभग 35 दिनों का समय लगता है ऐसे में इसकी घोषणा जल्द हो सकती है। दिल्ली की सत्ता से 26 साल का वनवास समाप्त कराने की कोशिश में जुटी बीजेपी इस बार दिल्ली विजय के लिए एमपी फॉर्मूला आजमा सकती है। बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में उन सीटों से उम्मीदवारों का ऐलान किया जा सकता है जिन्हें पार्टी के लिए मुश्किल माना जाता है। आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा का चुनाव इस बार अभी तक का सबसे चुनौतीपूर्ण चुनाव तो है ही, मगर इसके साथ ही पार्टी इस बार टिकट मांगने वालों की बढ़ चुकी संख्या से भी जूझ रही है। (हिफी)

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