लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 पारित

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए वित्त विधेयक 2023 पेश कर दिया है। लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 को 45 से अधिक संशोधनों के साथ पारित किया गया है। यह संसद में अनुदान की मांग पारित होने के एक दिन बाद आया है। विपक्षी सदस्यों द्वारा अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग को लेकर लगातार हो रही नारेबाजी के बीच वित्त विधेयक पारित किया गया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने और राजकोषीय विवेक बनाए रखने के लिए पेंशन प्रणाली पर वित्त सचिव के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा। डेब्ट म्यूचुअल फंड का इक्विटी में अपनी संपत्ति का 35 फीसदी से कम निवेश करने पर लंबी अवधि के कर लाभ से वंचित कर दिया गया है। ऐसे म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
दरअसल, लोकसभा ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले गुरुवार को लोकसभा ने 2023-24 के लिए लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के व्यय को अधिकृत करने वाली अनुदान मांगों को पारित कर दिया। अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्य अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रहे थे और इससे संबंधित नारे लिखी तख्तियों को आसन के समक्ष आकर लहरा रहे थे। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को सदन में पारित करने के लिए प्रस्तुत किया। विधेयक को पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि कुछ हितधारकों से सुझाव मिले हैं कि सरकारी कर्मचारियों की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सुधार होना चाहिए और इस के लिए वह एक समिति के गठन का प्रस्ताव कर रही है।
उन्होंने कहा कि, मैं वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का प्रस्ताव करती हूं जो सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से संबंधित मुद्दों पर राजकोषीय बुद्धिमत्ता के साथ विचार करेगी। सीतारमण ने सदन में यह भी कहा कि विदेशी दौरों के लिए क्रेडिट कार्ड भुगतान लिबरलाइज्ड रिमिटेन्स स्कीम के तहत कैप्चर नहीं किये जा रहे हैं और इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक से विचार करने को कहा गया है। इसके बाद सभा ने वित्त विधेयक से जुड़े सरकारी संशोधनों को मंजूरी दी और वित्त विधेयक 2023 को पारित कर दिया गया। साथ ही सदन ने वित्त विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया।