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गडकरी को संन्यास नहीं, कर्म में विश्वास

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और नरेन्द्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी कर्म में विश्वास करते हैं। अभी दो महीने पहले मीडिया में एक खबर आयी थी कि गडकरी का राजनीति से मन भर गया। इसका लोगों ने अपने-अपनी तरह से अर्थ लगाया। कुछ लोग कहने लगे कि नितिन गडकरी राजनीति से संन्यास लेने वाले हैं। यह खबर चैंकाने वाली थी और जाहिर है इसका सटीक जवाब गडकरी ही दे सकते थे। केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका विस्तार से जवाब दिया था। इसका सारांश यह कि वह किसानों के हित में व्यक्तिगत रूप से कई कार्य कर रहे हैं। इसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले कार्य भी शामिल हैं। इसी तरह के कई अन्य कार्य हैं जिनको समाज हित में करना जरूरी है लेकिन राजनीतिक दायित्व निभाने में उन कार्यो के लिये समय ही नहीं मिल पाता है। इसीलिये उन्होंने यह कहा था वह राजनीति से ऊब गये हैं। गडकरी जैसे कर्मठ इंसान कम होते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनको भूतल परिवहन मंत्रालय का दायित्व सौंपा था जो आज तक बरकरार है। इस दायित्व को गडकरी ने परिणाम और परिमाण दोनों तरह से निभाया है। भारत के हाईवे और एक्सप्रेव वे विश्व स्तरीय हैं। इन मार्गों पर लड़ाकू विमान उतारे जाते हैं। एलोवेटेड ओवर ब्रिज और कश्मीर की ऐतिहासिक सुरंग तो एशिया में पहले नंबर की है। यही कारण है कि विरोधी दल के नेता भी गडकरी की तारीफ करते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता सुप्रिया सुले ने तो नितिन गडकरी की खुलकर तारीफ की और कहा भाजपा में कम से कम एक मंत्री तो ऐसा है जो काम करता है।
इसी साल फरवरी की बात है जब एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा था कि केन्द्रीय मंत्रि मण्डल में एकमात्र मंत्री नितिन गडकरी हैं जो मौजूदा सरकार में काम करने वाले हैं। उन्होंने कहा इस बात को मैं आन रिकार्ड स्वीकार करती हूँ। सबसे खास बात एनसीपी सांसद ने यह कही कि दूसरों की तरह गडकरी अपना काम करते समय यह नहीं सोचते कि वे भाजपा से जुड़े हैं। सांसद सुले ने परभणी जिले में पार्टी की एक बैठक में कहा था कि हाल में दिल्ली, मुंबई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन हुआ। सुप्रिया सुले ने इसकी तारीफ की थी। दिल्ली, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में गुजरने वाला यह एक्सप्रेस वे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे है। इसकी लम्बाई 1386 किलोमीटर है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को जब शानदार उपलब्धि बताया, तब एनसीपी सांसद समेत गैर भाजपा दलों के कई नेताओं ने इसकी तारीफ की थी। ध्यान रहे कि इस एक्सप्रेस-वे को बनाने मंे 25 लाख टन चारकोल का इस्तेमाल किया गया है। चार हजार प्रशिक्षित इंजीनियरों ने इस एक्सप्रेस-वे को बनाया है। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण की गति भी प्रशंसनीय रही। चार लेन के इस एक्सप्रेस वे को 24 घंटे में ढाई किलोमीटर बना लिया गया था। बताते हैं कि 50 किलोमीटर सिंगल लेन में 100 घंटे में सबसे अधिक मात्रा में चारकोल डाला गया था जो एक विश्व रिकार्ड बना। सुप्रिया सुले ने नितिन गडकरी की इसीलिये तारीफ की थी।
नितिन गडकरी ने देश को पहला एलिवेडेड एक्सप्रेस वे बनाकर दिया है। इससे दिल्ली-गुरुग्राम से एयरपोर्ट तक का सफर आसान हो जाएगा। नितिन गडकरी ने गत 19 मई को द्वारका एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि इसी साल दिसंबर तक इस आम जनता के लिये खोल दिया जाएगा। देश के इस पहले एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात दबाव कम होने की वजह से ट्रैफिक जाम का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर 100 घंटे में 100 किलोमीटर सड़क बनाने का काम पूरा हुआ है। 100 घंटे में बना 112 किलोमीटर का मार्ग एक विश्व रिकॉर्ड है। इससे पहले 105 घण्टे में 75 किलोमीटर का रिकॉर्ड दर्ज है। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे की शुरुआत 15 मई को सुबह 10 बजे हुई थी। ये 6 लेन एक्सप्रेसवे है। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे को बनाने में 6 हॉटमिक्स प्लांट, 15 सेंसर पेवर और 2000 लोग को लगाया गया है। इसके अलावा 250 इंजीनियर भी इस एक्सप्रेसवे को बनाने में जुटे हुए हैं यानि कुल 2250 कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस काम को अंजाम दिया है। (हिफी)

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