मोदी के सपने को पूरा कर रहे गडकरी

(मनीषा स्वामी-हिफी फीचर)
- सामरिक महत्व की जोजिला सुरंग का द्रुत गति से करा रहे निर्माण।
- प्रधानमंत्री मोदी का है यह ड्रीम प्रोजेक्ट।
- दिल्ली में देश का पहला एलिवेटेड 8 लेन का बना रहे एक्सप्रेस-वे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नौ साल पूरे हो गये हैं। इस बीच उनकी सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल कीं, जिनको उनकी पार्टी के नेता जन-जन तक पहुंचा भी रहे हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी के कुछ ड्रीम प्रोजक्ट अभी निर्माणाधीन हैं। इन्हीं में एक है कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वूर्ण जोजिला सुरंग, जिसे भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्रुत गति से और गुणवत्तापूर्ण निर्मित करा रहे हैं। अनुमान है कि दिसम्बर 2026 तक इस सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों यह प्रतिज्ञा भी की है कि वह पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कार मंे नहीं बैठेंगे अर्थात् बिजली से चलने वाले वाहनें को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक द्वारिका एक्सप्रेस-वे भी इसी साल के अंत तक बन जाएगा। यह देश का पहला एलिवेटेड 8 लेन एक्सेस कंट्रोल वाला एक्सप्रेस-वे होगा। इस एक्सप्रेस-वे की लम्बाई लगभग 30 किमी. है।
कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग के निर्माण का काम पूरी गति से चल रहा है और लगभग 40 प्रतिशत खुदाई का काम पूरा हो चुका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कश्मीर के जोजिला सुरंग के काम का गत दिनों जायजा लिया। उनके साथ जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे। उम्मीद जताई कि यह परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी हो जाएगी। श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे में निर्माणाधीन यह सुरंग परियोजना सामरिक महत्व रखती है, क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है। जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे में मिनीमार्ग को जोड़ेगी। सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग है, जबकि मुख्य सुरंग की लंबाई 13 किलोमीटर है।
इस सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह बताते हैं कि इसका काम पूरी रफ्तार से चल रहा है। उन्होंने कहा, भारत सरकार की यह परियोजना बेहद क्रांतिकारी है। सोनमर्ग से मिनीमार्ग तक इस परियोजना की कुल लंबाई 31 किलोमीटर है। सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा मार्ग है और उसके बाद बालटाल से मिनीमर्ग तक मुख्य सुरंग 13 किलोमीटर की है। दोनों परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है। सिंह ने कहा कि जनवरी में बार-बार हिमस्खलन होने के कारण दो महीने तक काम बंद करना पड़ा था। उम्मीद है कि पूरी परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी हो जाएगी।
नितिन गडकरी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर 100 घंटे में 100 किलोमीटर सड़क बनाने का काम पूरा हुआ है। 100 घंटे में बना 112 किलोमीटर सुदृढ़ मार्ग एक विश्व रिकॉर्ड है। इससे पहले 105 घण्टे में 75 किलोमीटर सड़क निर्माण का रिकॉर्ड दर्ज है। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे की शुरुआत 15 मई को सुबह 10 बजे हुई थी और 100 घंटे में सौ किलोमीटर सड़क बन गयी। ये 6 लेन एक्सप्रेसवे है। गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे को बनाने में 6 हॉटमिक्स प्लांट, 15 सेंसर पेवर और 2000 लोग को लगाया गया है। इसके अलावा 250 इंजीनियर भी इस एक्सप्रेसवे को बनाने में जुटे हुए हैं यानि कुल 2250 कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस काम को अंजाम दिया है।
इसी प्रकार द्वारका एक्सप्रेसवे यानी देश का पहला एलिवेटेड 8 लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे दिसंबर से पहले बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेस-वे को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं। करीब 9000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 29.6 किमी है। हरियाणा में 18.9 किमी सिंगल पिलर पर 34 मीटर चैड़ा और दिल्ली में 10.1 किमी लंबाई का यह एक्सप्रेसवे बन रहा है। इससे गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यातायात का दबाव कम होगा। नितिन गडकरी ने बताया कि अनेक विशेषताओं के साथ बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मिट्रिक टन स्टील का उपयोग हो रहा है, जो एफिल टॉवर में इस्तेमाल हुए स्टील से 30 गुना अधिक है। एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख घन मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जा रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना अधिक है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरखंड और हिमाचल आदि से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वाले लोगों को दिल्ली में अंदर से जाना होता है। जहां 2 घंटे लगते थे,अब केवल 20 मिनट में पूरा होगा। गडकरी ने बताया कि देश में 41 करोड़ वाहन हो गए हैं। एक समय ऐसा आएगा कि वाहन ही लोगों से ज्यादा हो जाएंगे। वैसे विचार कर रहे हैं कि धौला कुआ से गुड़गांव या आगे तक हवा में चलने वाली स्काई बस शुरू करेंगे, ताकि नीचे का ट्रैफिक कम हो। समय के साथ चीजें होंगी। राहत तो मिलेगी ही, लेकिन फिर पॉपुलेशन बढ़ेगी। फिर आगे कुछ नया सोचेंगे और कुछ नया होगा। ये सतत प्रक्रिया है। काम चलता रहेगा।
गडकरी व्यावहारिक बात करते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी वजह पॉपुलेशन है। मुझे लगा 55 फ्लाईओवर बनने के बाद मुंबई को ट्रैफिक जाम से राहत मिल जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जनसंख्या और निर्माण दोनों काम लगातार हो रहे हैं। आगे भी काम लगातार होता रहेगा। जनसंख्या और वाहनों की संख्या बढ़ाने में लोग दिन रात लगे हुए हैं और हम रोड बनाने में। जल्द ही ऐसा सिस्टम ला रहे हैं, जिसमें ऐसे टोल नहीं होंगे। एंट्री में एक कैमरा होगा और उसमें जीपीएस सिस्टम होगा। फास्टट्रैक, नंबर प्लेट और जीपीएस के साथ एक सिस्टम तैयार कर रहे हैं। जहां से एंट्री की और जहां से निकले, उतना टोल आपके बैंक खाते से कट जाएगा। इसमें कोई रोकेगा-टोकेगा नहीं। गडकरी बताते हैं कि पानीपत से दिल्ली आने वाले एक्सप्रेसवे में हमने 20 लाख टन कचरे का इस्तेमाल किया है, जितने भी आगे काम हो रहे हैं, उसमें हम कचरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए खास तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है। साथ ही बैंबू, रबड़ का पाउडर और प्लास्टिक का भी सड़क बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कर्मठता से उनको तारीफ भी मिलती है। (हिफी)