मणिपुर के सुनील छेत्री ने सैफ फुटबाल चैम्पियनशिप जीत मेइती समुदाय को पलायन रोकने का दिया संदेश

(हिफी डेस्क-हिफी फीचर)
गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने डाइव लगाकर निर्णायक पेनल्टी बचाई और भारत ने 4 जुलाई को कुवैत को शूटआउट में 5-4 से हराकर नौवीं बार सैफ फुटबॉल चैम्पियनशिप खिताब जीत लिया। इस खिताबी जीत को सुनील छेत्री ने मणिपुर छोड़कर जाने वाले मेइती समाज के लोगों को समर्पित किया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में हिंसा हुई और कुकी उग्रवादियों ने मेइती समाज के लोगों पर अत्याचार किए। इससे उन्हें अपने गांव और जमीन छोड़कर जाना पड़ा। मेइती हैरिटेज सोसाइटी ने इस बात का जिक्र अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर किया। दोनों टीमें 120 मिनट के खेल तक 1-1 से बराबरी पर थीं। पेनल्टी शूटआउट के पांच दौर के बाद भी स्कोर 4-4 था जिसके बाद सडन डैथ पर फैसला हुआ। महेश नोरेम ने स्कोर किया और भारत के गोलकीपर गुरप्रीत संधू ने डाइव लगाकर खालिद हाजिया का शॉट बचाकर टीम को जीत दिलाई।
निर्धारित समय के भीतर शाबाइब अल खालिदी ने 14वें मिनट में गोल करके कुवैत को बढत दिलाई थी जबकि भारत के लिये बराबरी का गोल लालियांजुआला छांगटे ने 39वें मिनट में दागा। गत चंैम्पियन भारत और कुवैत ने आखिरी ग्रुप मैच भी 1-1 से ड्रॉ खेला था।
भारत ने दूसरी बार पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज की है। इससे पहले एक जुलाई को सेमीफाइनल में लेबनान को भी पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था। उस मैच में भी संधू ने शूटआउट में जबर्दस्त प्रदर्शन किया था। भारत के लिये कप्तान सुनील छेत्री, संदेश झिंगन, शुभाशीष बोस, छांगटे और महेश ने गोल दागे जबकि उदांता सिंह चूक गए। शूटआउट से पहले कुवैत का दबदबा था जिसने पहले हाफ में कई मौके बनाये। इसका फायदा 14वें मिनट में मिला जब मुबारक अल फानीनी ने बायें विंग से अब्दुल्ला अल ब्लूशी को पास दिया। अल ब्लूशी ने गेंद अल खालिदी को सौंपी जिसने गोल करके कुवैत को बढत दिलाई। भारत अगले ही मिनट बराबरी कर लेता लेकिन कुवैत के गोलकीपर अब्दुल रहमान ने छांगटे का शॉट बचा लिया। इस साल एफआईएफएफ के सर्वश्रेष्ठ पुरूष खिलाड़ी चुने गए छांगटे ने हालांकि 39वें मिनट में बराबरी का गोल कर दिया। सहल अब्दुल समाद और कप्तान छेत्री के बीच पास के आदान प्रदान के बाद गेंद छांगटे तक पहुंची जिसने विरोधी गोलकीपर को छकाकर गोल दागा। दूसरे हाफ में दोनों टीमों ने भरसक कोशिश की लेकिन गोल नहीं हो सका। अतिरिक्त समय में कुछ खिलाड़ी चोटिल हुए, कुछ खिलाड़ियों और अधिकारियों को पीले कार्ड भी मिले लेकिन निर्णायक गोल नहीं हो सका। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ। (हिफी)