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गुरु का भी चोला पहने हैं दरिंदे

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

एक के बाद एक मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की वारदातें बढ़ती जा रही है। ऐसे टीचर जो मासूम छात्राओं के साथ दरिंदगी की वारदातें कर रहे हैं, यह समाज में कलंक है। ऐसे सफेदपोश अपराधी समाज के लिए नासूर बन जाते हैं क्योंकि मासूम छात्राएं हर बार इनकी हरकतों के खिलाफ आवाज उठाने का साहस नहीं कर पाती हैं जिस कारण ऐसे दरिंदों का मनोबल बढ़ जाता है। ऐसे सियार की खाल में छिपे भेड़ियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि शिक्षा के पावन मंदिरों को दुराचार का अड्डा बनाने वाले समाजकंटको पर नियंत्रण किया जा सके और बच्चियां सुरक्षित स्वस्थ माहौल में निर्बाध रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकें।

गुरु के वेश में छिपे दरिंदों ने शिक्षा के पावन स्थलों को भी नहीं बख्शा। यहां भी मासूम छात्राओं के साथ दरिंदगी कर शिक्षा महकमे की इज्जत को तार तार कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली से गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया है। आरोप है कि एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल ने दसवीं की छात्रा से रेप किया। यही नहीं, आरोपी ने वीडियो क्लीपिंग भी बना ली। उसके बाद आरोपी प्रिंसिपल ने कई बार छात्रा को वीडियो क्लीपिंग वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाए। पीड़िता के पिता ने बरेली के नवाबगंज थाने में तहरीर दी जहां पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल परशुराम पर केस दर्ज कर लिया। आरोपी घटना के बाद से फरार हो गया।
पीड़ित छात्रा नवाबगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है जहां नवाबगंज में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। छात्रा ने बताया कि जब बोर्ड परीक्षा के फार्म भरे जा रहे थे, तब आरोपी प्रिंसिपल ने कमरे में बुलाया और कहा कि तुमने फार्म गलत भर दिया है। इसके बाद प्रिंसिपल ने कमरे में बुलाकर अश्लील हरकते कीं। उसके बाद छुट्टी के बाद अपने घर बुलाकर रेप किया। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपी ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। ब्लैकमेलिंग से आजिज छात्रा ने मिलने से मना किया तो आरोपी ने वीडियो वायरल कर दिया। जानकारी होने पर छात्रा ने परिजनों को इस बारे में बताया। इसके बाद वह नवाबगंज थाने पहुंची जहां पुलिस ने छात्रा के बयान दर्ज किए हैं।
छात्रा का आरोप है कि 24 अप्रैल को भी आरोपी ने बुलाया। उसके बाद बताया कि तुम्हारी वीडियो क्लीपिंग बना ली। इसके बाद परशुराम ने कई बार रेप किया। वह लगातार ब्लैकमेल करता रहा। अब आरोपी उत्तराखंड में घुमाने ले जाने के लिए दबाव बना रहा था। आरोपी से तंग आकर पीड़िता ने अपने परिवार को बताया। इंस्पेक्टर नवाबगंज राजीव कुमार ने बताया कि आरोपी परशुराम के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
गुरु-शिष्यों के रिश्ते को तार-तार करने वाली इस तरह की वारदात से पता चलता है कि समाज में यौन दुराग्रह किस सीमा तक बढ़ा हुआ है कि एक पिता की उम्र वाले प्रधानाचार्य जैसे पद पर आसीन व्यक्ति भी अपने पद की गरिमा के विपरीत गुरु और शिष्य के रिश्ते को भी कलंकित कर नाबालिग बच्ची की अस्मत से खेलने में नहीं चूकता।
आपको बता दें कि हाल ही में इसी तरह की कई वारदातें सामने आई हैं। यूपी में शाहजहांपुर और आगरा जनपद के दो अलग अलग सरकारी जूनियर स्कूल से ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। शाहजहांपुर के स्कूल में कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर पर 15 छात्राओं के साथ यौन शोषण करने का आरोप लगा है। यह तथ्य भी सामने आया है कि स्कूल की ही एक महिला टीचर इस घिनौनी हरकत में उसका साथ देती थी। इन दोनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद अली और साजिया के रूप में हुई है। मामला सामने आने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा गया।
ये मामला तिलहर थाना क्षेत्र के एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। यहां बच्चों ने अपने शिक्षकों को बताया कि स्कूल में पढ़ाने वाला अनुदेशक मोहम्मद अली कई बच्चों के साथ अश्लील हरकतें और यौन शोषण कर चुका है। इसके बाद एक जागरूक शिक्षिका ने इस मामले को गंभीरता से लिया और हिम्मत कर इसकी सूचना ग्रामीणों और पुलिस को दी। स्कूल की छात्राओं ने अपनी अध्यापिका से यौन शोषण के बारे में बताया। इसके बाद अध्यापिका ने जब कंप्यूटर टीचर पर नजर रखी तो उन्होंने भी उसे बैड टच करते पाया। अध्यापिका ने बच्चियों के पैरेंट्स को मामले की सूचना दी। इसके बाद बच्चियों ने भी अपने माता-पिता को बताया। पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट और पोक्सो अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं। तीनों आरोपियों की पहचान कंप्यूटर शिक्षक मोहम्मद अली, सहायक शिक्षिक साजिया और इस दुराचार में सहयोगी बने स्कूल प्रिंसिपल अनिल पाठक के रूप में हुई है। शाहजहांपुर के एसएसपी एस आनंद के एक बयान के मुताबिक तिलहर थाना क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में करीब 18 नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया। एसएसपी ने कहा कि सभी छात्राओं का मेडिकल कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही साथ बाल कल्याण समिति को भी सूचित कर दिया गया है। ग्राम प्रधान लालता प्रसाद ने सभी आरोपियों के खिलाफ तिलहर थाने में तहरीर दी थी । पुलिस ने छापा मारा तो स्कूल के शौचालय से आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ हैं।मामला खुलने और पुलिस की जांच शुरू होने के साथ ही शिक्षा विभाग ने तीनों को निलंबित कर दिया है। प्रशासन इन छात्राओं की काउंसलिंग कराने की व्यवस्था कर रहा है।
उधर, शाहजहांपुर के बाद आगरा में छात्राओं के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। छात्राओं का कहना है कि टीचर उनसे छेड़छाड़ करता है। उनको गलत तरीके से छूता है। कभी दुपट्टा पकड़कर खींच लेता है, तो कभी पीठ पर हाथ मारता है। दहशत के चलते छात्राएं स्कूल जाने से कतरा रही थीं।पता चलने पर परिजनों ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर ग्रामीणों ने स्कूलों पर ताला लगा दिया। साथ ही छात्राओं के साथ डीएम नवनीत सिंह चहल और पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला शमसाबाद गांव लहरा के प्राथमिक विद्यालय का है। यहां की कई छात्राओं ने टीचर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का आरोप है कि टीचर आशुतोष गंदी नीयत से छूता है। मामला सामने आने पर हंगामा हुआ इसी बीच एक महिला टीचर ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया। महिला ने कहा, टीचर आशुतोष स्कूल में छात्राओं को बैड टच करता है। वो लेडीज टीचर्स पर भी कमेंट करता है। इसके बाद पुलिस टीचर को पकड़कर थाने ले गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। मामले की जांच की जा रही है।
जाहिर है कि एक के बाद एक मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी की वारदातें बढ़ती जा रही है। ऐसे टीचर जो मासूम छात्राओं के साथ दरिंदगी की वारदातें कर रहे हैं, यह समाज में कलंक है। ऐसे सफेदपोश अपराधी समाज के लिए नासूर बन जाते हैं क्योंकि मासूम छात्राएं हर बार इनकी हरकतों के खिलाफ आवाज उठाने का साहस नहीं कर पाती हैं जिस कारण ऐसे दरिंदों का मनोबल बढ़ जाता है। ऐसे सियार की खाल में छिपे भेड़ियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि शिक्षा के पावन मंदिरों को दुराचार का अड्डा बनाने वाले समाजकंटको पर नियंत्रण किया जा सके और बच्चियां सुरक्षित स्वस्थ माहौल में निर्बाध रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकें। (हिफी)

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