विश्व नेता के रूप में मोदी पर विश्वास

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)
मोदी और अल-सीसी ने जी-20 में आगे के सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण के लिए एक ठोस आवाज उठाने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं के बीच बैठक में काहिरा और नयी दिल्ली के बीच सीधी उड़ानों के माध्यम से पर्यटन और संस्कृति के अलावा कई क्षेत्रों, मुख्य रूप से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि उद्योग, टीके, उच्च शिक्षा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई। यह दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक वस्तुओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ आने वाले समय में मिस्र में भारतीय निवेश को विकसित करने के अतिरिक्त है।
भारत के विपक्षी दल नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए मेल मिलाप में लगे हैं जबकि मोदी देश ही नहीं दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में सम्मानित हो रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष ने उन्हें विश्व नेता बताया। इसी रूप में उनका अमेरिका में अभूत पूर्व स्वागत अभिनन्दन किया गया। मिस्र ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल से सम्मानित किया। नरेंद्र मोदी की अमेरिका और मिस्र यात्रा को भी इस द्रष्टि से सफल कहा जा सकता है। दोनों देशों के साथ भारत के अनेक समझौतों से अर्थिक व्यापारिक साझेदारी का विस्तार हुआ हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति से नरेंद्र मोदी की बहुत उपयोगी वार्ता हुई। मिस्र के मुफ्ती डॉ। शावकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लाम से उनकी मुलाकात से द्विपक्षीय सम्बन्ध मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की गई। मुफ्ती ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत जैसे बड़े देश का उचित नेतृत्व करने वाले हैं। उन्होंने पिछले दिनों हुई अपनी भारत यात्रा का उल्लेख किया और कहा कि भारत में बहुत विकास हुआ है। नरेंद्र मोदी भारत में लगातार काम कर रहे हैं। यह भारत में विभिन्न समूहों के बीच सह-अस्तित्व लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से अपनाई जा रही अच्छी नीतियों को भी दर्शाता है। दोनों ने भारत और मिस्र के मजबूत सांस्कृतिक संबंध और दोनों देशों के बीच लोक संपर्क के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान दोनों में समाज में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द के अलावा आतंकवाद के खिलाफ जंग और कट्टरवाद को लेकर बात हुई। मुफ्ती ने समावेशन और बहुलवाद को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मुफ्ती को बताया कि भारत मिस्र के सामाजिक न्याय मंत्रालय के सहयोग से दार-अल-इफ्ता में एक उत्कृष्ट आईटी केंद्र स्थापित करेगा। नरेंद्र मोदी ने मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली के साथ गोलमेज बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं में व्यापार, निवेश और नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के मुुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में मिस्र के सात कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने बाद में प्रवासी भारतीयों से भी संवाद किया। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, आईटी, डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म, फार्मा और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसी प्रकार नरेंद्र मोदी की अमेरिका के साघ्थ मिस्र यात्रा भी बहुत लाभप्रद रही।
मोदी और अल-सीसी ने जी-20 में आगे के सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण के लिए एक ठोस आवाज उठाने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं के बीच बैठक में काहिरा और नयी दिल्ली के बीच सीधी उड़ानों के माध्यम से पर्यटन और संस्कृति के अलावा कई क्षेत्रों, मुख्य रूप से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि उद्योग, टीके, उच्च शिक्षा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई। यह दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक वस्तुओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ आने वाले समय में मिस्र में भारतीय निवेश को विकसित करने के अतिरिक्त है। प्रवक्ता के अनुसार, साझा हित के कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। राष्ट्रपति अल-सीसी ने जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय अध्यक्षता में मिस्र का विश्वास व्यक्त किया, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के नकारात्मक असर को रोकने में योगदान देता है। मिस्र ने रचनात्मक दिशा में बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ सहयोग करने को लेकर मिस्र की पूर्ण तत्परता पर जोर दिया, जिससे कि ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन, भोजन की कमी के समाधान और विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण तक पहुंच के इष्टतम तरीकों का लाभ मिल सके।
नरेंद्र मोदी ने ग्यारहवीं सदी की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का भी दौरा किया, जिसका दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया था। दाऊदी बोहरा समुदाय का भारत विशेष रूप से प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के साथ मजबूत संबंध है। प्रधानमंत्री ने हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मैडबौली के साथ काहिरा के बाहरी क्षेत्र में गीजा के पिरामिडों को भी देखा। छब्बीस साल में भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मिस्र यात्रा थी। इस वर्ष जनवरी में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी की भारत की सफल यात्रा के बाद दोनों देश संबंधों को रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर सहमत हुए थे। मिस्र के राष्ट्रपति ने अपने मंत्रिमंडल में एक विशेष भारत इकाई का गठन किया जिसमें वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं। उन्हें भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए कहा गया है। नरेंद्र मोदी ने इस भारतीय इकाई के साथ बैठक की। दोनों देशों ने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश संबंधों और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, रिन्यूवल एनर्जी, सांस्कृतिक सहयोग बढ़ेगा। भारत और मिस्र के बीच कृषि, पुरातत्व और पुरावशेषों, कम्पटीशन लॉ के क्षेत्र में तीन समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। (हिफी)