प्रखर राष्ट्रवाद के नायक योगी आदित्यनाथ

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
योगी आदित्यनाथ आज देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश में दूसरे नम्बर पर चर्चित व पसंद किए जाने वाले व्यक्तित्व हैं। 5 जून 1972 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के एक छोटे से गांव में एक अति साधारण परिवार में जन्मे अजय कुमार विष्ट को कोई नहीं जानता था कि यही अजय कुमार विष्ट एक दिन योगी आदित्यनाथ के नाम से न सिर्फ गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर महन्त बनेंगे वरन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने जाएंगे। देश विदेश के राजनीतिक शिखर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे लोकप्रिय व चर्चित राजनीतिक योगी आदित्यनाथ हैं।
गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद पहली बार यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली। 2022 में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के हाथों प्रदेश की बागडोर सोंप दी गई। योगी आदित्यनाथ ने 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं। इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की है।
पिछले छह साल के अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म, जाति और मजहब की राजनीति से अलग हटकर प्रदेश को आगे बढ़ाया। कभी बीमारू प्रदेश बना उत्तर प्रदेश आज केंद्र की 44 योजनाओं में नंबर एक है। 6 वर्ष मे प्रदेश दंगामुक्त हुआ है इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है, युवाओं के लिए सरकारी नौकरी मे पारदर्शिता लाई गयी है एक करोड़ लोगों को वृद्धवस्था पेंशन के रूप में 12 हजार रुपये सालाना मिल रहा है। बेटी विवाह योग्य होने पर चिंता होती थी आज मुख्यमंत्री विवाह योजना है।अब तक सवा दो लाख विवाह सम्पन्न हुए। स्मार्टफोन व टैबलेट से दो करोड़ युवा लाभान्वित हुए। महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन की ओर प्रदेश अग्रसर है। युवाओं के स्वावलंबन की ओर कार्य हो रहे हैं। एमएसएमई में उत्तर प्रदेश देश ही नहीं दुनिया मे धूम मचा रहा है। विश्वकर्मा श्रम योजना से कारीगरों को सम्मान मिल रहा है. स्मार्टफोन व टैबलेट से दो करोड़ युवा लाभान्वित हुए। हर जनपद के युवाओं को सरकारी नौकरी मे स्थान मिल रहा है। निवेश मे हर जनपद को स्थान मिला।
14 लाख से अधिक बेटियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ मिला। यूपी में सवा 2 लाख बेटियों के विवाह के लिए लगातार कार्य हो रहा है। महिला सशक्तिकरण, स्वावलंबन और सम्मान के आदर्श के रूप में प्रदेश आगे बढ़ा। युवाओं को स्वावलंबन बनाने के लिए एमएसएमई सेक्टर को प्रमोट किया गया। यूपी की ओडीओपी योजना देश में ही नहीं दुनिया में धूम मचा रही है। 20 लाख से अधिक युवाओं को टैबलेट-लैपटॉप दिए गए। यूपी के हर जिले के युवाओं को बिना भेदभाव के सरकारी नौकरी दी जा रही। कोरोना काल मे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना ने हर श्रमिक को काम दिया। विपत्ति के समय कार्य करने का यूपी ने एक मानक प्रस्तुत किया। परिवार और जातिवाद के बगैर पारदर्शी ढंग से पुलिस की भर्ती की गई। प्रदेश में पहली बार 7 पुलिस कमिश्नरेट बने। यूपी के हर तहसील पर फायर टेंडर की व्यवस्था कराई गई। यूपी के हर थाने में अच्छे बैरक बनाये जा रहे है। हर जिले-रेंज में सायबर थाने और फोरेंसिक लैब बनवाई जा रही। यूपी में पहले फोरेंसिक इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई। यूपी में दैवीय आपदा से निपटने के लिए विशेष बल की 3 वाहनियों का गठन किया गया। यूपी पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या 4 गुना बढ़कर 40 हजार तक पहुची. उत्तर प्रदेश सरकार में ही नहीं बल्कि शासन प्रशासन में भी स्थायित्व है।
यूपी में योगी सरकार के आने के साथ ही माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। 2017 में यूपी में योगी सरकार सत्ता में आई उसके बाद से योगी सरकार के 6 साल के कार्यकाल के दौरान दुर्दांत अपराधियों और माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई। इस दौरान सूबे में 62 माफियाओं और उनके गैंग पर ताबड़तोड़ एक्शन लिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 406 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। इनके पास से 1577 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति भी जब्त की गई। वहीं, 1098 करोड़ रुपए की सम्पत्ति ध्वस्त या मुक्त कराई गई। इनमें सबसे ताजा मामला है बाहुबली माफिया डान मुख्तार अंसारी और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी का। मुख्तार अंसारी को कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में 29 अप्रैल को गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने दस साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं उसके भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई। अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा के सांसद हैं। माफिया अतीक का साम्राज्य भी योगी सरकार ने मिट्टी में मिला दिया।
योगी जो कहते हैं वही करते भी है। योगी ने विधानसभा में कहा कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। हकीकत यही है कि उन्होंने न जाने कितने धुरंधरों को मिट्टी में मिला दिया। अतीक अहमद हो, विजय मिश्रा, मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, आजम खान हों या विकास दूबे जिसने अराजकता के पंख फड़फड़ाए उसको योगी ने मिट्टी में मिला दिया।
योगी न सिर्फ एक कुशल वक्ता है वह सख्त प्रशासक भी है उन्होंने न सिर्फ प्रदेश को विकास के नए कीर्तिमान दिए हैं पहली बार प्रदेश में करीब 50 लाख करोड़ का विदेशी निवेश प्रस्ताव इस बात का सबूत है योगी ने उत्तर प्रदेश की छवि को बेहतर बनाने में जी जान से मेहनत की है और उसका परिणाम भी सामने आया है। दुनिया के डेढ़ दर्जन से अधिक देशों से मिले निवेश प्रस्तावों के लिए भी कवायद शुरू कर दी गई है। अमेरिकी देशों यूएस, कनाडा, ब्राजील, अर्जेंटीना, मेक्सिको, यूरोप के देशों जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्वीडन, बेल्जियम, फ्रांस, यूके के अलावा यूएई, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, साउथ कोरिया, जापान आदि से मिले प्रस्तावों की मॉनिटरिंग व उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कंट्री हेल्प डेस्क बनाई जा रही है।
यह योगी के प्रयासों का ही तो परिणाम है कि आज प्रदेश में अपराधी, माफिया जान की भीख मांगने की तख्ती गले में लटका कर प्रदेश के थानों में सरेंडर करते हैं बड़े-बड़े अपराधी प्रदेश को छोड़कर जान की भीख मांग रहे हैं वहीं प्रदेश में महिला सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं महिलाओं बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में पुलिस को जीरो टोलरेंस अपनाने के आदेश है। प्रदेश को दंगामुकत बनाने में भी योगी ने कीर्तिमान बनाया है। एक कॉल मात्र पर पुलिस मनचलों और महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार करने वाले असामाजिक तत्वों पर सख्ती से कार्यवाही करती है प्रदेश में अपहरण और रंगदारी का धंधा भी योगी की पुलिस ने खत्म करा दिया है वही सरकारी ठेकों पर जबरिया कब्जा जमाने वाले माफियाओं और दबंगों को भी योगी सरकार ने काफी हद तक कंट्रोल किया है। यह योगी का आत्मबल है कि जिन अपराधियों के खिलाफ मामले सुनवाई करने से हाईकोर्ट के 10 जज भी इंकार कर देते थे। आज ऐसे माफियाओं का कोई नामलेवा पानी देवा भी नही बचा है। (हिफी)