Uncategorizedदेश

लखनऊ में बनेगा संस्कृत अध्ययन का सबसे बड़ा सेंटर: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा को समृद्ध बनाने के लिए केन्द्र बनेगा। इसके लिए राजधानी लखनऊ में करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से माध्यमिक संस्कृत शिक्षा निदेशालय भवन बनाया जाएगा। इसी भवन में संस्कृत शिक्षा बोर्ड का कार्यालय भी स्थानांतरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इस सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया। जिलों में नए राजकीय संस्कृत विद्यालय खुलेंगे। वर्ष 2000 में माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन हुआ था। वर्तमान में प्रदेश में 1246 संस्कृत इंटर कॉलेज हैं। इनमें से 973 एडेड और दो राजकीय विद्यालय हैं। बाकी प्राइवेट संस्कृत विद्यालय चलते हैं। सरकार ने पिछले साल संस्कृत विद्यालय खोलने का ऐलान किया था।
यूपी में संचालित राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित संस्कृत माध्यमिक स्कूलों और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे सभी छात्र-छात्रओं को 1।31 अरब के बजट से स्कॉलरशिप देने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा निदेश की तरफ से शासन को क्लास -6 से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक के स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति दने के संबंध में प्रस्ताव भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक स्कॉलरशिप के लिए शासन की तरफ से प्रपोजल मांगा गया था इसलिए जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। छात्रवृत्ति संस्कृत पाठी छात्रों की योग्यता अनुसार दी जाएगी।
यूपी सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार 24 नए संस्कृत कॉलेज खोलने वाली है। इसके लिए पहल शुरू भी हो गई। इंटरमीडीएट स्तर के इन राजकीय विद्यालयों में संस्कृत माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। पिछले महीने हुई बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री ने नए राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने के निर्देश दिए थे। माना ये जा रहा है कि दो चरणों में संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे, जहां इंटरमीडीएट तक पढ़ाई होगी। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और संस्कृत विद्यालयों की पढ़ाई में एकरूपता के लिए साल 2000 में संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन किया गया था। सभी संस्कृत विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button