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योगी सरकार के जन कल्याण के कदम

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)

इस समय भाजपा द्वारा जनसम्पर्क महा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत मोदी सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। इन उपलब्धियों में योगी सरकार के छह साल भी शामिल हैं। केंद्र की सभी योजनाओं का सर्वाधिक सफल क्रियान्वयन योगी सरकार ने ही किया है। योगी आदित्यनाथ अनवरत लोक कल्याण में सक्रिय रहते हैं। उनकी कैबिनेट ने इसी के अनुरूप निर्णय किए हैं। इस वर्ष खरीफ से अगले करीब दो वर्ष की रबी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश में लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है। साथ ही उत्तर प्रदेश होटल एवं अन्य पूरक आवास नियंत्रण विनियम को अनुमोदित कर दिया है। आवास इकाई के रजिस्ट्रीकरण हेतु पोर्टल विकसित करते हुए उसे निवेश मित्र पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा। रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना कोई आवास इकाई संचालित नहीं होगी। मार्गदर्शन सिद्धान्त भी प्रतिपादित किए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, निर्माण एवं अवस्थापना सुविधाओं हेतु सहयोगी अनुदान के सम्बन्ध में संशोधित गाइडलाइन्स को स्वीकृति प्रदान की गयी है। जर्जर भवनों का जीर्णोद्धार एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यूटिलिटी सर्विसेज को सुरक्षित रूप से स्थापित करने सम्बन्धी प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।
योगी सरकार ने कई फैसले लिये हैं। तेईस बस स्टेशनों को पीपीपी पद्धति पर बस अड्डों को डिजाइन बिल्ड फाइनेन्स ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर मॉडल पर विकसित किया जायेगा। उचित दर दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन सहित ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए सिस्टम इण्टीग्रेटर संस्थाओं के चयन हेतु तैयार किए गए आरएफपी को अन्तिम रूप दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत के कृष्ण मोहन विश्वविद्यालय, मथुरा, उत्तर प्रदेश की स्थापना किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में पांच निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना एवं एक निजी विश्वविद्यालय को आशय पत्र निर्गत किए जाने की मंजूरी प्राप्त हुई। कृष्ण मोहन विश्वविद्यालय, मथुरा, मेजर एसडी सिंह यूनिवर्सिटी, फतेहगढ़, फर्रुखाबाद, अग्रवन हेरिटेज यूनिवर्सिटी, आगरा, एसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय, गाजियाबाद एवं महावीर यूनिवर्सिटी, मेरठ की स्थापना हेतु कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त हो गई है। निजी क्षेत्र के विद्या विश्वविद्यालय, मेरठ की स्थापना हेतु आशय पत्र निर्गत किए जाने हेतु कैबिनेट की बैठक में अनुमति प्रदान की है।
इसके पहले योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में स्वनिधि योजना के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मलित हुए थे। छह वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश को लोक कल्याण व विकास सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछड़ा माना जाता है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मान्यता को पूरी तरह बदल दिया है। गत दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को डायनेमिक चीफ मिनिस्टर बताया है।
योगी आदित्यनाथ ने यह दिखा दिया कि इच्छाशक्ति से योजनाओं को प्रभावी रूप में लागू किया जा सकता है। यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश करीब पचास योजनाओं के क्रियान्वयन में नंबर वन है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को सफलतापूर्वक लागू करने का कार्य किया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारह लाख से अधिक लाभार्थी हैं। प्रति परिवार पांच लोग माने जाएं तो इस योजना से लगभग साठ लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। यह योजना गरीबों के प्रति समर्पित सरकार की छवि को रेखांकित करती है। प्रधानमंत्री ने कोरोना कालखंड में इसे लागू किया था। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर स्वनिधि महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने स्ट्रीट वेण्डरों को अमृत कार्ड प्रदान किए। एनयूएलएम के ‘लोगो’ का विमोचन किया।स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए। लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि दस हजार रुपये का लोन चुकता करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स को बीस हजार रुपये का लोन देने के लिए कैम्प आयोजित किए जाएं। बीस हजार रुपये के ऋण की अदायगी करने वाले पटरी दुकानदारों को पचास हजार रुपये का लोन मिले। पहला लोन लगभग दस लाख, दूसरा लोन दो लाख तथा तीसरा लोन एक लाख से कम लोगों ने प्राप्त किया है। प्रदेश में अब तक पचास करोड़ रुपये से अधिक डिजिटल ट्रान्जेक्शन रेहड़ी-पटरी व्यावसायियों ने किए हैं। इस अवधि में रेहड़ी पटरी व्यवसायियों ने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है। स्ट्रीट वेण्डर्स के साथ उनके परिवार का ध्यान रखने के लिए स्वनिधि से समृद्धि नामक दूसरा डिजिटल सिस्टम बनाया गया है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में इन स्ट्रीट वेण्डर्स के लगभग इकतीस लाख लोगों को लाभान्वित किया गया। इन सभी को पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं। इस योजना के माध्यम से हमारे नैनो उद्यमी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े हैं। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए मार्केट बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्ट्रीट वेण्डर्स को स्पेस की आवश्यकता हो तो नगर निकाय खाली जगह पर छोटी-छोटी दुकानें बनाये। पचास हजार रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स का व्यवस्थित पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। पचास हजार रुपये से अधिक का व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स को यदि अधिक स्थान की आवश्यकता हो तो, इसके लिए हमारे नगर निकाय कॉम्प्लेक्स बनाकर दुकानें उपलब्ध कराएं। उन्होंने बाजार को स्वच्छ रखने में सहयोग का आह्वान भी किया। इससे जहां उनके व्यवसाय में वृद्धि होगी, वहीँ स्वास्थ्य की दृष्टि से ऐसा करना लाभप्रद होगा। गंदगी होगी तो लोग नहीं आयेंगे, बीमारियां बढ़ेंगी। ठेले, खोमचे के साथ-साथ एक छोटा कूड़ादान भी रखें। नगर की सफाई भी हमारी जिम्मेदारी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए मार्केट बन रहे हैं। (हिफी)

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