टिफिन बैठक में योगी के तेवर

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर हमेशा एक जैसे रहते हैं। दिल्ली मंे नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर देश भर मंे भाजपा महा जनसंपर्क अभियान चला रही है। उत्तर प्रदेश मंे भी यह अभियान जोर-शोर से चल रहा है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसी अभियान के तहत कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन बैठक की थी। गत 11 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी मंे टिफिन बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री के तेवर देखकर कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है। योगी ने कहा ‘आज का भारत अगर मैत्री निभाना जानता है तो दुश्मन की मांद मंे घुसकर जवाब देना भी उसे अच्छी तरह आता है।’ मुख्यमंत्री का इशारा पुलवामा के बदले मंे पाकिस्तान में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक और लद्दाख में चीनी सैनिकों को वीरता के साथ खदेड़ने की तरफ था। हालांकि उसी दिन प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय
अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए ‘80 हराओ, बीजेपी हटाओ’ का नारा दिया लेकिन योगी की टिफिन बैठक की चर्चा ज्यादा देखी गयी। योगी ने 2014 से पहले के भारत और उसके बाद के भारत की तस्वीर सामने रखी। इस अवधि में भारत की सांस्कृतिक छवि मंे अभूतपूर्व बदलाव हुआ है। इसकी गूंज विदेशों तक गयी है। जी-20 देशों के सम्मेलन मंे विदेशी प्रतिनिधियों ने विश्व प्रसिद्ध माँ गंगा की आरती देखी और उसकी अद्भुत छटा लेकर अपने देश जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 10 जून को कहा कि बीजेपी सरकार भारत के उत्थान और वैश्विक मंच पर मानवता के कल्याण के लिए काम कर रही है। दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे योगी ने यहां टिफिन बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत अगर मैत्री निभाना जानता है तो दुश्मन की मांद में घुसकर जवाब देना भी उसे अच्छी तरह आता है। सीएम योगी ने दावा किया, पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है और बीजेपी भारत के उत्थान और वैश्विक मंच पर मानवता के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से बीजेपी कार्यकर्ताओं में विचारधारा और संगठन के प्रति आत्मीय भाव पैदा करने के लिए आज प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों में टिफिन बैठकों का आयोजन हो रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उसी दिन सत्तारूढ़ बीजेपी को सरकार से हटाने का आह्वान करते हुए ‘80 हराओ-बीजेपी हटाओ’ का नया नारा दिया। सपा प्रमुख ने एक ट्वीट में ‘80 हराओ-बीजेपी हटाओ” नारे के हैशटैग के साथ कहा, अबकी बीजेपी हारेगी बूथ-बूथ, अहंकार उतारेगा यूथ।
अखिलेश यादव के इस नारे का अभिप्राय यह कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए अगले साल लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर बीजेपी को चुनाव में हराना है। प्रदेश में 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती के नेतृत्व की बसपा से गठबंधन किया जिसमें 10 सीट बसपा और पांच सीट सपा को मिली थीं। एक सीट कांग्रेस ने जीती थी। शेष 64 सीट पर सत्तारूढ़ बीजेपी ने कब्जा जमाया था। चुनाव बाद सपा का बसपा से गठबंधन टूट गया था। इस प्रकार इस बार विपक्ष ज्यादा बिखरा है।
दूसरी तरफ भाजपा में टिफिन बैठक का सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, काशी में टिफिन बैठक में शामिल होने पर मुझे अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है। हम सब ने नौ साल में भारत की बदलती तस्वीर को देखा है। 2014 से पहले का भारत और उसके बाद का भारत हमारे सामने है। पहले देश के अंदर बड़े-बड़े आंदोलन चल रहे थे। सरकार के प्रति जनता में गुस्सा, आक्रोश और अविश्वास देखने को मिल रहा था। प्रतिदिन एक नया भ्रष्टाचार सामने आता था। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा खतरे में थी, लेकिन पिछले नौ साल में हमने बदलते हुए भारत को देखा है। उन्होंने कहा, हाल ही में पीएम मोदी के छह दिवसीय विदेश यात्रा को हम सबने देखा है। यह यात्रा भारत की बढ़ती ताकत का अहसास कराती है। अन्य देशों में भारत की कैसी प्रतिष्ठा बढ़ी है, आप सबने देखा है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, आज भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था है। अगले दो-तीन साल में हम दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। कश्मीर कभी अशांत और आतंकवाद की चपेट में था। आज वह शांति की नई राह पर बढ़ चुका है। सीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य में कभी उग्रवाद चरम पर था, आज उन राज्यों में बीजेपी की सरकार होने से वे विकास और नये विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पहले 120 जिले नक्सलवाद की चपेट में थे आज मुश्किल से तीन से चार जिले में ये गतिविधियां दिखाई देती हैं। विरासत के सम्मान के लिए तमाम कदम उठाए गये हैं। काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या का श्रीराम मंदिर, केदारनाथ मंदिर और महाकाल का पुनरुद्धार पीएम मोदी के नेतृत्व का परिणाम है।
भारत की संस्कृति से विदेशी भी प्रभावित हो रहे हैं। काशी में जी-20 देशों के सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे विदेशी प्रतिनिधियों के दल ने विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती देखी और रोमांचित हुए। काशी आये विदेशी मेहमान मां गंगा के तट दशाश्वमेध घाट पर आयोजित विश्व विख्यात गंगा आरती देख अभिभूत हुए। शंखनाद, घंटी, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारों से रोमांचित मेहमानों ने भारतीय संस्कृति की अद्भुत छटा निहारी। मां गंगा की महाआरती भव्य स्वरूप में शुरू हुई, जहां अर्चकों ने आरती उतारी और चंवर भी डोलाया। दशाश्वमेध घाट को फूल मालाओं एवं दीपों से सजाया गया था। गंगा आरती की शुरुआत देवाधिदेव महादेव की प्रतिमा पर पुष्प वर्षा कर गणपति पूजन से हुई। जी-20 देशों के विकास मंत्रियों सहित 200 विदेशी मेहमान प्रतिनिधियों का नेतृत्व भारत के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर कर रहे थे। आरती के दौरान विदेशी मेहमान ऐसे अभिभूत हुए कि वे भी सोफे पर बैठे-बैठे थाप दे रहे थे। इसके पूर्व जी 20 की बैठक में शामिल होने विदेशी मेहमानों का दल वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पहुंचा। वहां मेहमानों को टीका लगाकर व पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। जी 20 सम्मेलन में शामिल होने आए विदेशी मेहमानों के दल के स्वागत के लिए हवाई
अड्डे से होटल ताज तक तक प्रमुख चैराहों पर डमरू दलों और विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा स्वागत किया गया। विदेशी मेहमानों का दल
होटल ताज में विश्राम करने के बाद देर शाम नमो घाट पहुंचा जहां से
यह दल क्रूज पर सवार होकर गंगा आरती में शामिल होने दशाश्वमेध
घाट पहुंचा। जी-20 देशों के तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत 11 जून को हुई थी। (हिफी)