दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

जांच अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कोरियाई अदालत ने 31 दिसम्बर को राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति यूं सुक येओल पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के फैसले पर महाभियोग लगाया गया था और उन्हें सत्ता से निलंबित कर दिया गया था। संयुक्त जांच मुख्यालय ने एक बयान में कहा, संयुक्त जांच मुख्यालय द्वारा निलंबित किए गए राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए गिरफ्तारी वारंट और तलाशी वारंट 31 दिसम्बर की सुबह जारी किया गया है।
उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय ने पुष्टि की कि सियोल पश्चिमी जिला न्यायालय ने वारंट को मंजूरी दे दी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, दक्षिण कोरिया में किसी मौजूदा राष्ट्रपति के लिए जारी किया गया यह पहला गिरफ्तारी वारंट है। दक्षिण कोरियाई जांचकर्ताओं ने इस महीने के अल्पकालिक मार्शल लॉ लगाए जाने पर यून के लिए गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी। यून संभावित विद्रोह के आरोपों में आपराधिक जांच का सामना कर रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने एक चौंकाने वाला फैसला करते हुए पहली बार दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ की घोषणा की थी लेकिन भारी दबाव के बाद इसे वापस ले लिया गया था। यून ने अपने संबोधन में सरकार को कमजोर करने के विपक्ष के प्रयासों का जिक्र किया था और कहा था कि वह तबाही मचाने वाली देश विरोधी ताकतों को कुचलने के लिए मार्शल लॉ की घोषणा करते हैं। इस आदेश का अर्थ था कि देश अस्थायी तौर पर सेना के नियंत्रण में चला गया। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ आपातकाल के समय लगाया गया, इसका मतलब देश में अस्थायी शासन होता है, जिस दौरान देश की कमान सेना के हाथ में चली जाती है। इसकी वजह ये बताई जाती है कि चुनी हुई सरकार अपना कामकाज करने में असमर्थ है। दक्षिण कोरिया में इसकी घोषणा आखिरी बार साल 1979 में की गई थी, तब दक्षिण कोरिया के तत्कालीन सैन्य तानाशाह पार्क चुंग-ही की तख्तापलट के दौरान हत्या कर दी गई थी।