बांग्लादेश में फिर तख्ता पलट के आसार

बांग्लादेश में क्या फिर तख्तापलट होगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि जिन छात्र नेताओं के दम पर शेख हसीना को उनके ही देश से खदेड़ दिया गया, 31 दिसम्बर को फिर वही नेता ढाका के शहीद मीनार पर इकट्ठा होने जा रहे थे। यहीं से क्रांति का ऐलान होगा। इनका मकसद बांग्लादेश के संविधान को बदलना है। इस सभा के लिए 30 लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने का प्लान है। जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठन इसका बहुत प्रचार कर रहे हैं। छात्रनेताओं की अपील सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है। अंतरिम सरकार भी इनके आगे घुटने टेकते हुए नजर आ रही है। ऐसे में आज बांग्लादेश में कुछ भी हो सकता है।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ने ऐलान किया कि सरकार ‘जुलाई क्रांति’ का ऐलान करने जा रही है। सभी राजनीतिक दलों और छात्रों की मदद से इसे तैयार किया जाएगा। कुछ ही दिनों में इसे देशवासियों के सामने पेश किया जाएगा। जैसे ही यह खबर आई छात्र आंदोलन के अगुवा रहे नेताओं ने इमरजेंसी मीटिंग बुला ली। इन नेताओं ने कहा कि सरकार नहीं बल्कि वे ‘जुलाई क्रांति’ का ऐलान करेंगे और शहीद मीनार पर रैली में इसकी घोषणा की जाएगी। आंदोलन के कोआर्डिनेट हसनत अब्दुल्ला ने कहा, हम जल्द अपना फैसला सुनाएंगे। इसके बाद मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा, सरकार की ओर से जुलाई क्रांति के ऐलान की कोई तैयारी नहीं है। दावा किया जा रहा है कि संविधान में बदलाव की आड़ में सबसे पहले बांग्लादेश का नाम बदला जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश, इस्लामिक खिलाफ ऑफ बांग्लादेश और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईस्ट पाकिस्तान के नाम में से किसी एक का ऐलान किया जा सकता है।